Yoga for knee pain ; try these yoga asanas, you will get relief soon. हमारे शरीर का सारा भार हमारे पैरों पर होता है। अतः पैरों का मजबूत व ताकतवर होना बहुत जरूरी है। पहले पैरों की समस्या वृद्धावस्था का रोग हुआ करती थी, किंतु आजकल की दिनचर्या व खानपान ऐसा हो चुका है कि बच्चों तक को पैर दर्द की समस्या घेर लेती है। घुटनों के दर्द आज एक आम बात हो चुकी है। लगभग हर व्यक्ति को इस समस्या से सामना करना पड़ रहा है। घुटना दर्द के निवारण हेतु डॉक्टर व दवाइयों के चक्कर के चक्कर लगाते हुए यदि आप थक चुके हैं तो एक बार सम्बन्धित योगासनों Yoga for knee pain को अवश्य ट्राई करें।
यह योगासन पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं। तथा घुटने के दर्द से निजात दिलाने में सक्षम हैं। ऐसा माना जाता है पैरों और घुटनों में दर्द होने का मतलब वृद्धावस्था की शुरुवात होना है। अतः स्वयं को वृद्धावस्था के इस रोग से बचाये रखने के लिए Yoga for knee pain अवश्य अपनायें व स्वस्थ व जवां बने रहें। आज हम आपको तीन योगासन के बारे में बताएंगे जो आपके घुटनों के दर्द व पैरों की मजबूती के लिए अत्यंत आवश्यक है। इनका विधिवत रूप से नियमित अभ्यास लगभग तीन माह तक करने से घुटना व पैरों के दर्द से मुक्ति पाई जा सकती है। वे योगासन हैं –
- Malaasan (मलासन).
- Makaraasan (मकरासन).
- Vajraasan (वज्रासन).
Yoga for knee pain – Malasan (मलासन)
मलासन करने की विधि – दोनों घुटनों को मोड़ते हुए मल त्याग करने वाली अवस्था में बैठ जाएं।
फिर दाएं हाथ की कांख को दाएं और बाएं हाथ की कांख को बाएं घुटने पर टिकाते हुए दोनों हाथ को मिला दें।
(नमस्कार मुद्रा)। उक्त स्थिति में कुछ देर तक रहने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।
लाभ : मलासन से घुटनों, जोड़ों, पीठ और पेट का तनाव खत्म होकर उनका दर्द मिटता है।
इससे कब्ज और गैस का निदान भी होता है। इसे शुरुआत में 60 सेकेंड तक करें व धीरे धीरे समय को बढ़ाते जाएं।
2- Yoga for knee pain Makaraasan (मकरासन)
मकरासन करने की विधि – विधि-पेट के बल पृथ्वी पर सीधे लेट जायें और मस्तक को फर्श पर लगाकर,
दोनों हाथों को सिर की ओर जमीन पर सीधे फैलाते ‘शवासन’ की तरह शरीर को ढीला कर दें।
यदि चाहें तो पेट के नीचे तक पतला तकिया भी रख सकते हैं।
अब दोनों हाथों से अपने गालो अथवा सिर को पकड़कर मुँह को ऊँचा उठायें ,
तथा कुहनियों के बल पर सिर को ऊपर टिकाये रहें। इसके बाद हाथों को तथा सिर को पुनः पृथ्वी पर टिका दें।
लाभ ; ‘शवासन’ की ही भाँति यह अभ्यास भी शरीर को विश्राम देने वाला ,
और मानसिक थकान को दूर करने वाला है। इससे मेरुदण्ड के दोष भी दूर होते हैं,
छाती में उभार आता है तथा बढ़ा हुआ पेट भीतर को धँस जाता है। मोटापा दूर करने में भी यह हितकर है।
सर्दी, खाँसी, जुकाम, ब्रोङ्काइटिस आदि रोग इसके कारण दूर ही रहते हैं।
साथ ही घुटने, पेट तथा वस्ति-गह्वर के अनेक दोष भी दूर होते हैं।
झुककर चलने वाले अथवा कुबड़े मनुष्य इस आसन का नियमित अभ्यास करते रहें ,तो उनकी कमर सीधी होने लगती है ।
3- Yoga for knee pain Vajraasan (वज्रासन)
वज्रासन करने की विधि – दोनों पाँवों को घुटने मोड़कर पीछे की ओर ले जायें।
उनके तलवे आकाश की ओर (ऊँचे) उठे रहें। पाँव का दाँया अंगूठा बाँये पाँव के तलवे पर रहे ,
तथा दोनों एड़ियाँ गुदा-द्वार के नीचे रहें, घुटने परस्पर मिले हों।
कमर का ऊपरी भाग (मेरुदण्ड) एकदम तना रहे तथा गर्दन भी सीधी रहे।
दोनों हाथों को दोनों घुटनों पर जमा लें। हाथों की अंगुलियाँ भी परस्पर मिली रहनी चाहिए।
अब, दृष्टि को नाक के अग्र भाग पर टिकाकर सामान्य श्वास लें। इस स्थिति में अधिक-से-अधिक 15 मिनट तक बैठें।
टिप्पणी – यह आसन मुसलमानों द्वारा नमाज पढ़ने की स्थिति से मिलता-जुलता है।
बहुत मोटे आदमियों को इस आसन का अभ्यास करने में कुछ कठिनाई होती है,
परन्तु नियमित अभ्यास से उन्हें भी सफलता मिल जाती है
लाभ – इस आसन से ध्यान को एकाग्र करने में सहायता मिलती है।
इसे भोजन करने के तुरन्त बाद भी किया जा सकता है। यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है, तथा खाना हजम करता है।
इसके नियमित अभ्यास से पाँव का बेढङ्गापन सुधर जाता है।
यह अतिसार, पीठ-दर्द तथा छाती के कष्ट को दूर करता है। वृद्धावस्था की शिथिलता को रोकता है।
साइटिका रोग में भी लाभकारी है। इससे मानसिक निराशा तथा स्मरण शक्ति का हास दूर होता है।
स्त्रियों के मासिकधर्म-सम्बन्धी दोषों को दूर करने में भी हितकर है।
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