प्रार्थना ऊपर जाती है और बहुत सी सकारात्मक शक्तियों के साथ आपके पास वापस पहुंचती हैं। यदि आप अपने जीवन में सुख समृद्धि और शांति चाहते हैं तो सकारात्मक प्रार्थनाओं से अपने जीवन को सराबोर कर दें।
ईश्वर सर्वशक्तिमान है उसकी कृपा सब पर समान है। उस पर संदेह है कभी भी नहीं करना चाहिए।
आज जो वर्तमान हम जी रहें हैं उसमें हमारे पूर्वजन्म का लेखा जोखा भी जुड़ा होता है ।
वही प्रारब्ध है इस बात को हमें समझना होगा । अपने साथ हो रही बुरी घटनाओं के लिए हम ईश्वर को ही दोष देने लगते हैं।
मन में या किसी वार्तालाप में चल रहे तर्क कुतर्क में हम अनायास ईश्वर पर ही सन्देह करने लगते हैं।
कभी हो रहे घटनाक्रम को ईश्वर का अन्याय बताने लगते हैं, तो कभी तुलना करने लगते हैं भाग्य और दुर्भाग्य की !
पर वह वास्तव में हमारी भूल होती है हमारी नासमझी होती है । इसे बहुत गहराई से समझें, चिंतन करें और हमारे धर्मग्रन्थो का अध्ययन करें ।
ईश्वर की तराजू निष्पक्ष है, (प्रार्थना के प्रकार) !
- कथा पुराणों के उदाहरणों को समाज की स्थिति और दशा से जोड़कर देखें ।
- तो आप पाएंगे कि ईश्वर की तराजू निष्पक्ष है । इसे किसी भी तरह का वजन ऊपर नीचे नहीं किया जा सकता! !
- ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास के साथ कर्म सबसे महत्वपूर्ण है।
- जो ईश्वर प्रदत्त मार्ग है इसलिये कर्म को प्रधान माना जाता है और कहा जाता है कर्म करते रहिये फल की चिंता मत करिए ।
- क्योंकि फल देने के लिये तो परमपिता परमेश्वर विराजमान हैं ।
- इसलिये कहा जाता है संसार में जो कुछ भी हो रहा है वह सब ईश्वरीय विधान है ।
- हम और आप तो केवल निमित्त मात्र हैं,इसीलिये कभी भी ये भ्रम न पालें कि…मै न होता तो क्या होता ।
- अपने कर्म को ईश्वर से जोड़ लें यही कर्मयोग आपकी प्रार्थना बन जाएगा और आपके जीवन को उन्नति के शिखर पर ले जाएगा।
प्रार्थना कैसे करें !
इसलिए प्रार्थना ऐसे करो जैसे सब कुछ*
*ईश्वर पर निर्भर है..*
*और*
*कर्म*
*ऐसे करो जैसे सब कुछ*
*आप पर निर्भर है !*
प्रार्थना का महत्व और विश्वास !
- “आपका दिन शुभ हो आप परिवार सहित स्वस्थ व प्रसन्न रहें, परमपिता परमेश्वर की कृपा सदैव बनी रहे “।
- ऐसी ही प्रार्थना आप भी अपने परिजनों परिचितों मित्रों शुभचिंतको के लिये भी करें।
- यह प्रार्थना दिल की बेकार नहीं होगी इसके महत्व को समझें व विश्वास करें
- आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा।
- दूसरों के लिए की गई प्रार्थना व शुभकामना के आदान प्रदान को जीवन का हिस्सा बना लें ।
- क्योंकि जो आप देंगे वही आप पाएंगे यह नियम भी प्रभु का बनाया हुआ ही है ।
- स्तुति प्रार्थना या विनती ऊपर जाती है और ब्रह्मांड में घूमकर 11 गुना होकर आपके पास वापस आती है।
- जिसके प्रभाव से आपके बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं ।
- अचानक से कोई मदद मिल जाती है और आपकी मुश्किल आसान हो जाती है।
✍️ आकाश दीक्षित एडवोकेट मण्डला
अंत में प्रार्थना ऊपर जाती है और 11 गुना होकर हमारे पास वापस लौटती है कोरोना काल में हम सभी को ऐसी प्रार्थनाओं की बहुत आवश्यकता है अतः निरंतर एक दूसरे के लिए प्रार्थना करते रहें । देखते रहें हमारी वेबसाइट
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नमस्कार! मैं रेखा दीक्षित एडवोकेट, मैं एडवोकेट ब्लॉगर व युट्यूबर हूं । अपने प्रयास से अपने पाठकों के जीवन की समस्याओं को दूर कर ,जीवन में उत्साह लाकर खुशियां बांटना चाहती हूँ। अपने अनुभव एवं ज्ञान के आधार पर मैंने अपने ब्लॉक को सजाया संवारा है, जिसमें आपको योग ,धार्मिक, दर्शन, व्रत-त्योहार , महापुरुषों से संबंधित प्रेरक प्रसंग, जीवन दर्शन, स्वास्थ्य , मनोविज्ञान, सामाजिक विकृतियों, सामाजिक कुरीतियां,धार्मिक ग्रंथ, विधि संबंधी, जानकारी, स्वरचित कविताएं एवं रोचक कहानियां एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां उपलब्ध हो सकेंगी । संपर्क करें : info.indiantreasure@gmail.com