नमस्कार दोस्तों!! लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की जयंती पर सादर नमन!! आजाद हिंदुस्तान में सांस लेते हुए उन वीर सपूतों को स्मरण करना हम सब का कर्तव्य हो जाता है। जिनके बलिदानों की नींव पर हम खड़े हैं।
उन्हें याद करना इसलिए भी आवश्यक है की ऐसे व्यक्तित्व के जीवन वृत्त से कुछ सीख हमें मिल सके। आज स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य तिलक बाल गंगाधर तिलक जी की पुण्यतिथि पर हम उन्हें याद करते हैं। और उनके सार्थक प्रयासों के लिए हृदय से कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं।
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक (जीवन वृत्त)
- बाल गंगाधर तिलक को लोकमान्य की उपाधि उन्हें जनता ने ही दी थी।
- समाज को एकत्रित करके जागृत करने के लिए किए गए प्रयासों के कारण ही उन्हें लोग लोकमान्य तिलक कहते थे।
- बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरि के चिक्कन गांव में जन्म हुआ था।
- पिता गंगाधर रामचंद्र तिलक एक धर्मनिष्ठ ब्राह्मण थे। बालगंगाधर तिलक बड़े परिश्रमी और मेधावी छात्र थे।
- व्यायाम करने के शौकीन होने से शरीर हष्ट पुष्ट और मजबूत था ।
- उन्होंने जनजागृति के लिए महाराष्ट्र में गणेश उत्सव तथा शिवाजी उत्सव सप्ताह भर मनाना प्रारंभ किया।
- इन त्योहारों के माध्यम से जनता में देशप्रेम और अंग्रेजों के अन्यायों के विरुद्ध संघर्ष का साहस भरा।
- और इसीलिए सच्चे जननायक तिलक को लोगों ने आदर से लोकमान्य की पदवी दी थी।
- उनके इन्हीं क्रांतिकारी कारनामों से डरकर अंग्रेजों ने उन पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाया।
- और 6 साल के ‘देश निकाला’ का दंड दिया और बर्मा की मांडले जेल भेज दिया गया।
- इस अवधि में तिलक ने गीता का अध्ययन किया और ‘गीता रहस्य’ नामक भाष्य लिखा।
- जेल से छूटने के बाद जब उनका ‘गीता रहस्य’ प्रकाशित हुआ तो लोग उससे बहुत अधिक आंदोलित हुए।
- तिलक ने मराठी में ‘मराठा दर्पण’ व ‘केसरी’ नाम से दो दैनिक समाचार पत्र शुरू किए, जो काफी लोकप्रिय हुए।
- जिसमें तिलक ने अंग्रेजी शासन की क्रूरता और भारतीय संस्कृति के प्रति हीनभावना की बहुत आलोचना की।
- ऐसे वीर लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य तिलक का निधन मुंबई में 1 अगस्त 1920 को हुआ।
अंततः!!
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की आज पुण्यतिथि मनाते हुए उनका पुण्य स्मरण करना हमारा कर्तव्य भी है। यह भावना और ऐसे जीवन चरित्र हमारे मन में देश प्रेम और राष्ट्रीयता की भावना को जगाते हैं।
अतः इन विचारों को अधिक से अधिक लोगों को प्रेषित करना चाहिए। ताकि वर्तमान समय में समाज में फैली हुई विकृति को दूर किया जा कर देश प्रेम को जगाया जा सके।
ऐसे ही विशेष महापुरुषों के जीवन से संबंधित जानकारी पढ़ने के लिए देखते रहे आपकी अपनी वेबसाइट
अन्य संबंधित पोस्ट भी अवश्य पढ़ें!
“और उधमसिंह को फांसी दे दी गई” ; वीर क्रांतिकारी की जयंती पर नमन!!
“देवी” एक लघु कथा मुंशी प्रेमचंद (हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार)!!
सच्चाई को अब गुनगुनाने लगे हैं..हिंदी कविताएं!!
महर्षि वाग्भट्ट के 5 नियम ; आपको कभी बीमार नहीं होने देंगे!
नमस्कार! मैं रेखा दीक्षित एडवोकेट, मैं एडवोकेट ब्लॉगर व युट्यूबर हूं । अपने प्रयास से अपने पाठकों के जीवन की समस्याओं को दूर कर ,जीवन में उत्साह लाकर खुशियां बांटना चाहती हूँ। अपने अनुभव एवं ज्ञान के आधार पर मैंने अपने ब्लॉक को सजाया संवारा है, जिसमें आपको योग ,धार्मिक, दर्शन, व्रत-त्योहार , महापुरुषों से संबंधित प्रेरक प्रसंग, जीवन दर्शन, स्वास्थ्य , मनोविज्ञान, सामाजिक विकृतियों, सामाजिक कुरीतियां,धार्मिक ग्रंथ, विधि संबंधी, जानकारी, स्वरचित कविताएं एवं रोचक कहानियां एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां उपलब्ध हो सकेंगी । संपर्क करें : info.indiantreasure@gmail.com