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मन को एकाग्र करने का उपाय ! 10 दिवसीय कार्यशाला !

मन को एकाग्र करने का उपाय


मन को एकाग्र करने का उपाय ! 10 दिवसीय कार्यशाला।स्वयं करें । मन एव मनुष्याणां कारणं बन्ध मोक्षयो !! अर्थात मन ही व्यक्ति के बंधन और मोक्ष का कारण होता है। अतः इसे नियंत्रित या एकाग्र करना जरूरी है। मन एक छोटे बच्चे की तरह है जिसमे अच्छे बुरे का कोई विवेक नही होता,यदि उस बच्चे ( मन )को हम मनमानी करने देंगे तो वह अपना अहित कर लेगा । किन्तु यदि उस बच्चे (मन )को हम नियंत्रित करेंगे , उसकी देखभाल करेंगे, उसे क्या करना है बताते रहेंगे तो वह कभी अपना अहित नही करेगा।

अतः मन को हर समय काम में लगा कर रखें। उसे कार्य दें । यहां तक कि सोना भी हो तो निर्धारित करें । निश्चित समय पर अलार्म लगा कर उठें, मन के बहाव में सोते ही न रहें। क्योंकि मन ज्यों ही खाली होगा वह आपको गुलाम बना लेगा । मन की गति अति तीव्र होती है, इसलिए एक पल को भी अपने मन को नियंत्रण से बाहर न रखें।

आपने देखा होगा जो श्रेष्ठ व सफलतम लोग हैं उनकी 24 घण्टो की दिनचर्या निर्धारित होती है। क्योंकि उन्होंने मन को समय से अपनी डायरी में बांध रखा है । मन की गति बहुत तीव्र होती है, अतः मन को पकड़ने के लिए मन के साथ चलना होगा, आज हम कुछ स्तरों पर इसका अभ्यास प्रारम्भ करते हैं । यह बहुत ही मनोरंजक प्रक्रिया है। अतः इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा अमल में लाएं । जिससे मन को एकाग्र करने में मदद मिलेगी और मानसिक तकलीफें दूर हो जाएंगी ।

मन को एकाग्र करने हेतु बनाये 10 दिवसीय कार्यशाला !

प्रथम दिन ये करें !

  • यूँ समझिए कि हम कोर्स कर रहे हैं जो 10 दिन का है।
  • तो प्रथम दिन हमें 24 घण्टों में वही करना है जो हमारा मन करता है।
  • और प्रत्येक कार्य को एक डायरी में लिखते जाना है।
मन को एकाग्र करने का उपाय
  • इससे आपको पता चलेगा कि आपके मन की प्रवृत्ति क्या है।
  • पर मन को बिल्कुल न रोकें मन की गति से ही चलें। पूरे दिन मन के अनुसार ही कार्य करें।
  • अंत मे सोते समय सभी किये गए कार्यों को अपनी डायरी में लिख लें, फिर सो जाएं।

मन को एकाग्र करने हेतु दूसरे दिन ये करें !

  • दूसरे दिन जो भी कार्य मन कहे उसे बिल्कुल नही करना है। यदि मन मीठा खाने को कहे तो तुरत नमकीन खा लें,
  • सोने कहे तो टहलने लगें, बैठने कहे तो खड़े हो जाएं,चुप रहने का मन कहे तो गाना गुनगुनाने लगें,
  • कुछ खाने को कहे तो पानी पी लें। इस तरह आज मन के बिल्कुल उल्टा चलना है।
  • अब ये सब भी अपनी उसी डायरी में दूसरे दिन की मन की इच्छा लिखें ।
  • साथ ही मन की कितनी बातों का आपने विरोध किया ये भी लिखें।

तीसरा दिन

  • तीसरे दिन आप कुछ कार्य निश्चित करें जो एक दिन में ही पूर्ण करने है ,फिर उन कार्यों को पूर्ण करने में लग जाएं।
  • उन कार्यों को करते समय मन आपका विरोध करेगा , बहाने निकालेगा ।
  • ध्यान रहे मन को अपना विरोधी समझकर उसके बहकावे से दूर रहें और अपने नियत कार्यों को समय से पूर्ण करें।
  • अब पुनः अपनी डायरी में अपने संकल्प लिखें और विरोध में मन के द्वारा किये गए बहाने भी लिखें।

चौथा दिन करें मन को एकाग्र करने के उपाय !

मन को एकाग्र करने का तरीका
  • चौथे दिन पुनः एक संकल्प लें, की आज मुझे केवल मीठा ही खाना है।
  • मन से सावधान रहें ,मन कई विकल्प देगा आपको नही मानना हैं।
  • जो आपने निर्धारित किया है वही करें। चौथे दिन की सफलता व असफलता के बारे में डायरी में लिखें।

10 दिवसीय कार्यशाला का पांचवा दिन !

  • पांचवे दिन पुनः एक संकल्प लें ।
  • सम्पूर्ण दिनचर्या में एक नया काम जोड़ लें । जैसे आज सुंदरकांड पूरा पढ़ना ही है।
  • बस फिर पूरी शक्ति से सारे कार्य निपटाकर या बीच मे समय निकालकर सुंदर कांड पढ़ लें।
  • सुंदर कांड इसलिए कि कार्य कम से कम इतना बड़ा तो अवश्य हो जिससे मन को तकलीफ हो।
  • अब सोने से पूर्व मन ने जितने बहाने सुंदरकांड को नही पढ़ने के बनाये थे सब लिखें।
  • और अपनी जीत पर गर्व कर सो जाएं।

मन को एकाग्र करने का छठवां दिन !

  • छटवें दिन पुनः कुछ कार्य योजना बनाएं ।
  • जैसे आज नमकीन ही खाना है। बस संकल्प को पूरा करने में जुट जाएं।
  • मन से सावधान रहें। संकल्प टूटने न दे। छटवें दिन की डायरी लिखें। और सो जाएं।

सातवें दिन मन को एकाग्र करने के लिए करें !

  • सातवे दिन पुनः जो भी मन कहे उसके विपरित चलना है ।
  • ऊपर बताई गई दूसरे दिन की तरह ही प्रक्रिया दोहराएं तथा आने वाली कठिनाई को डायरी लिखें।
  • अब आठवें दिन के कार्यों का संकल्प करके सो जाएं।

मन को एकाग्र करने हेतु आठवें दिन यह करें !

मन को एकाग्र करने हेतु मन को काम मे लगाएं
  • आठवें दिन से मन को कुछ कार्य दें ।
  • जैसे रोजमर्रा के कार्यों में निश्चितता लाएं औऱ मन को एक कर्मचारी की तरह कार्य सौपें।
  • जैसे किसी विषय पर रोज तीन घण्टे नोट्स बनाने है, या दो घण्टे रोज किसी कार्य को करना है।
  • या रोज एक घण्टे कुछ सीखना है। एक टाइम टेबल निश्चित करें।
  • इस तरह मन से कार्य करवाएं। दिन के अंत में सफलता असफलता को डायरी में अवश्य लिखें।

मन को एकाग्र करने का नवमां दिन!

  • नवमे दिन अपने कार्यों की सूची बनाये जो आपको पूरे दिन में करने हैं ।
  • और प्रत्येक कार्य को पूर्ण करने का समय भी निश्चित करें ।
  • ततपश्चात कार्य को पूर्ण करते हुए उस सूची पर निशान बनाते हुए सूचिगत कार्यों को पूर्ण करें।
  • अपने कार्यों की सफलता असफलता को डायरी में लिखें।और सो जाएं।

मन को एकाग्र करने का दसवां दिन !

  • आज आपके कोर्स का अंतिम दिन है, सावधान हो जाएं, मन पर नियंत्रण हो चुका है ।
  • अब तक आप अपने बहुत से निर्धारित कार्यों को अपनी दिनचर्या में स्थान दे चुके हैं।
  • आज आपको अपने एक-एक मिनट का संचालन स्वयं करना है।
  • 24 घण्टों में जो भी आपको करना है, सबकी एक सूची बनाएं।
  • सावधान रहें एक सेकेंड भी खाली नही छोड़ना है।
  • अब 24 घंटो का नियंत्रण अपने हाथों में लेकर अपने कर्मचारी (मन को ) काम मे लगा दें।
  • कर्मचारी (मन ) पर नजर रखें कि कामचोरी न कर सके।
  • अब पूरी सफलता के साथ आप मन पर नियंत्रण पा चुके हैं।
  • जब तक दसवें दिन वाली सफलता हमारे हाथ न लगे तब तक उक्त दस दिन वाले कोर्स को दोहराते रहें।
  • बहुत जल्दी ही आपका मन आपके नियंत्रण में होगा।
मन को एकाग्र करने का उपाय कैसे करें

निष्कर्षतः !

शरीर के संचालन में मन का बड़ा योगदान है। मन की गति को समझकर उस पर विजय पाना कठिन जरूर है पर नियमित अभ्यास से हम मन को नियंत्रित कर सकते हैं।यदि मन पर आपका नियंत्रण हो गया तो समझिए आप स्वयं अपने जीवन के नियन्ता हो गए।जीवन की कोई भी उपलब्धि आपसे दूर नही रह सकती ।

जीवन के सारे दुःख व निराशा से आप मुक्त हो जाएंगे, जीवन मे नवीन ऊर्जा का संचार होगा और आप दुनिया के सफलतम व्यक्तियों में गिने जाएंगे क्योंकि जितने भी सफलतम व्यक्ति है वे सभी अपने मन के मालिक हैं । अतः मन का मालिक बने, मन के गुलाम नही। मन को एकाग्र करने का उपरोक्त दस दिवसीय आयोजन निश्चित ही आपके जीवन मे अभूतपूर्व बदलाव लाएगा, और आप उन्नति के शिखर पर होंगे।

http://Indiantreasure. in

मन को एकाग्र करने के लिए योगासन अपनायें

https://youtu.be/h5RLipIMV48

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