नमस्कार दोस्तों! गेहूं का जवारा का रस पीना बहुत ही फायदेमंद होता है। यह सौ से भी ज्यादा बीमारियों को दूर करता है । शरीर को मजबूत बनाता है। यह सब जानने के बाद सभी लोग फटाफट इसे लेना शुरू कर देते हैं। बिना यह जाने कि इसकी तासीर क्या है? कितनी मात्रा में इसे पीना चाहिए? किस समय पीना चाहिए और किसको पीना चाहिए ,किसको नहीं पीना चाहिए?
एक दूसरे की देखा देखी मनमाने ढंग से इसका प्रयोग करने लगते हैं। आज हम आपको गेहूं का जवारा क्या होता है इसे कैसे बनाते हैं इसमें कौन से पोषक तत्व होते हैं और गेहूं का जवारा पीने के क्या फायदे हैं इसे कब , किसको व कितनी मात्रा में पीना चाहिए व किसे नही पीना चाहिए के संबंध में बताएंगे अतः इसे अंत तक अवश्य पढ़ें ।
गेहूं का जवारा क्या होता है !
- उपजाऊ मिट्टी में गेहूं के बीज डालने पर उसमें अंकुर फूटने लगते हैं।
- जब यह एक बालिश्त (हथेली) बराबर हो जाता है तब इसे काट कर काम में लेते हैं। इसे गेहूं का ज्वारा कहते हैं।
- यह तीन बार काटा जाता है। उसके पश्चात फिर से नया गेहूं उगाना चाहिए ।
- इसे काटने के बाद पत्थर की खरल में कूटकर या मिक्सी में पीसकर इसका रस निकालते हैं।
- इसे ही गेहूं का ज्वारा का रस कहते हैं। इसी प्रकार जौ का भी जवारा बनाया जाता है। जो बहुत ठंडा होता है।
गेहूं का ज्वारा में पोषक तत्व कौन से होते हैं!
- इसका हरा रंग बताता है कि इसमें क्लोरोफिल बहुत मात्रा में होता है।
- इसके साथ ही इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन ई, एवं के,
- प्रोटीन आदि पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह अत्यधिक ठंडी तासीर का होता है।
- यह शरीर को भरपूर पोषण प्रदान करता है इसे ग्रीन ब्लड भी कहा जाता है।
गेहूं का जवारा पीने के फायदे!
- इसका रस शरीर को पोषण प्रदान करता है तथा सारी गंदगी को चूस कर बाहर निकाल देता है।
- शरीर में जमा गंदगी बाहर निकलने से मोटापा भी कम हो जाता है।
- यह अल्सर, संग्रहणी, एसिडिटी, पायरिया,सेल डैमेज शरीर से ब्लीडिंग होना (पाइल्स, पायरिया या मासिक धर्म ) आदि में लाभकारी होता है।
- इसके नियमित प्रयोग से स्किन प्रॉब्लम दूर होती है।
- यह बार-बार प्यास लगना, धातु क्षीणता, शरीर में गर्मी, पैरों में जलन आदि समस्याओं को दूर करता है।
- फैटी लीवर को कम करता है कोलेस्ट्रोल और शुगर लेवल को ठीक करता है। डायबिटीज वालों का पोषण करता है।
- ज्यादा ड्रिंक करने से शरीर में उत्पन्न कमी व कमजोरी को दूर करता है।
- इसका लेप चेहरे पर करने से एक्ने, पिंपल्स, झाइयां, झुर्रियां आदि समाप्त होकर स्किन ग्लो करने लगती है।
- गर्मी से आंखें लाल होने पर इसकी पुल्टिस बनाकर पोटली आंखों में रखने से लालिमा खत्म हो जाती है।
- इसके अनेको लाभ हैं किंतु फिर भी कुछ परिस्थितियों में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
गेहूं का ज्वारा किसे नहीं पीना चाहिए!
- ब्लड कैंसर वाले रोगी इसे नहीं पियें, इसके अलावा सभी कैंसर में यह लाभकारी होता है।
- पैरों में दर्द होने तथा वातरोगी एवं कफरोगियों को इसे नहीं लेना चाहिए ।
- किडनी की प्रॉब्लम और यूरिक एसिड में इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- रस पीने के बाद जिन्हें लूस मोशन होता हो वे भी इसकी मात्रा कम ले साथ में अग्निसार क्रिया जरूर करें।
- साइनस , कफ, नजला, अस्थमा में इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।
- जिन्हें यूरिन ज्यादा या बार-बार आती हो वह भी इसे ना लें।
ग्रीन जूस कब व कितनी मात्रा में पीना चाहिए!
- इसे पीने का सबसे अच्छा समय सुबह खाली पेट होता है।
- शाम को भी लेना चाहते हैं तो रात के खाने के एक दो घंटा पहले जब पेट खाली हो तब लेना चाहिए।
- इसका प्रयोग कम से कम 15 दिन और अधिक से अधिक 3 महीने तक किया जाना चाहिए।
- 3 महीने बाद कुछ महीनों के लिए इसका प्रयोग बंद करके फिर से शुरू किया जा सकता है।
- लगातार इसका प्रयोग जारी नहीं रखना चाहिए।
- गेहूं का ज्वारा की मात्रा कम से कम 2 चम्मच और अधिकतम 8 चम्मच यानी कि 40ml के बराबर होना चाहिए।
गेहूं का जवारा क्या होता है, इसके पोषक तत्व क्या है? इसे किस को पीना चाहिए तथा कितनी मात्रा में कब इसका उपयोग करना चाहिए? इसके बारे में समस्त जानकारी देने का हमने प्रयास किया है।
नोट – हमारी वेबसाइट पर दी गई समस्त जानकारी विभिन्न स्रोतों से किए गए अध्ययन व अनुभवों के आधार पर दी जाती है । अतः प्रयोग करने के पूर्व संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। और ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए देखते रहें आपकी अपनी वेबसाइट
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