वन तुलसी के फायदे : आश्चर्यजनक औषधि है ये ! Total Post View :- 2003

वन तुलसी के फायदे : आश्चर्यजनक औषधि है ये !

नमस्कार दोस्तों ! वन तुलसी के अद्भुत फायदे हैं जिन्हें जानकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे। इसके नाम से ही इसके औषधीय गुण समझ मे आने लगते हैं। तुलसी की चार मुख्य प्रजातियाँ हैं रामा तुसली, श्यामा तुलसी, मरुआ तुलसी, वन तुलसी (बोमई )। मरुआ व बोमई दोनों ही वन तुलसी की ही प्रजाति है।

इसके नाम से ही पता चलता है कि यह वन में पाई जाती है। किंतु इसके औषधीय गुणों को देखकर आजकल इसकी खेती की जाती है। जिससे आर्थिक लाभ भी प्राप्त होता है। आज इस चमत्कारी पौधे की अद्भुत फायदे इस आर्टिकल में बताएंगे।

वन तुलसी के अद्भुत फायदे !

  • रामा तुलसी की तरह ही वन तुलसी भी औषधीय गुणों से भरपूर होती है।
  • आयुर्वेद में इसका उपयोग विभिन्न रोगों में औषधि के रूप में किया जाता है।
  • घरेलू उपचार, खूबसूरती बढ़ाने एवं शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अनेक प्रकार से इसका उपयोग किया जाता है।
  • किसानों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस पौधे के आसपास सांप नहीं आते।
  • क्योंकि इसकी तीखी गंध सांप को पसंद नहीं है।
  • अक्सर बिच्छू या किसी जहरीले कीट के काटने पर गांव वाले इसकी पत्तियों का लेप उस स्थान पर लगाते हैं।
  • जिससे काटे का जहर समाप्त हो जाता है।
  • मधुमक्खी का छाता तोड़ते वक्त भी इसका लेप चेहरे व हाथों में लगा लेते हैं। जिससे मधुमक्खी नहीं काटती।
  • इस पौधे के आसपास मच्छर नहीं होते। यह डेंगू और मलेरिया के मच्छरों को समाप्त करती है।
  • माइग्रेन या आधासीसी पुराना दर्द में पत्तों का रस नाक में डालने से फायदा होता है।
  • अस्थमा होने पर इसके पत्ते, पुष्प और मंजरी की भाप लेने से आराम मिलता है और श्वास नलिका खुल जाती है।
  • मुंह से दुर्गंध आने और पायरिया होने पर भी इसका उपयोग किया जाता है।
  • इसके पत्तों को गर्म पानी में डालकर इस पानी को मुख में पांच 10 मिनट तक घुमाते हुए ,
  • कुल्ला कर देने से मुख की दुर्गंध समाप्त हो जाती है।

खूबसूरती के लिए वन तुलसी के फायदे !

  • इसकी सुगंध बहुत तेज होती है अतः इससे सुगंधित तेल बनाया जाता है।
  • यह एनाल्जेसिक, एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल मेडिसिन में काम आती है ।
  • क्रीम बनाने में भी इसे उपयोग किया जाता है।
  • इसके पत्तों को पीसकर बालों में 2 घंटे तक लगाने से रूसी व बाल झड़ने की समस्या का अंत होता है ।
  • एड़ियों के फटने में, एड़ियों से खून निकलना और दरारें आने जैसी समस्या में ।
  • इसके पत्ते, फूल व नीम पत्ती का पेस्ट बनाकर आधा घंटा तक कुछ दिन तक लगाने से लाभ होता है।
  • नहाने के पानी में इसकी पत्तियों को डालकर नहाने से पसीने से आने वाली दुर्गंध की समस्या दूर होती है।
  • यह एयर प्यूरीफायर की तरह होती है वातावरण को शुद्ध करती है।
  • स्नायु तंत्र को खोल देती है जिससे संबंधित रोग नहीं होते।
  • इसके पंचांग का काढ़ा पीने से शरीर के सभी दर्द और विकार दूर होते हैं ।

रसोई में वन तुलसी का उपयोग !

  • बच्चों के पेट में कीड़े होने पर इसके पत्तों की चटनी आधे से लेकर दो चम्मच कुछ दिन खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
  • साथ ही पेट से संबंधित गैस बनना या अन्य विकृतियां भी दूर होती हैं।
  • पेट में जलन व अत्यधिक गर्मी होने पर इसे दही में डालकर रायता बनाकर भी खाते हैं।
  • पुदीना की चटनी की तरह इसकी भी चटनी बनाई जाती है। इसे पिज्जा में ऊपर से भी डालते हैं।
  • इसके हरे पत्तों को लाल मिर्च के साथ मिलाकर स्वादिष्ट चटनी बनाई जाती है।
  • वन तुलसी के बीजों से फालूदा बनता है। इसके बीज को सब्जासीड कहते हैं ।
  • यह इतनी खुशबूदार होती है कि कई रोगों का इलाज तो मात्र इसकी खुशबू से हो जाता है।

अद्भुत और आश्चर्यजनक औषधि वन तुलसी के फायदे आप जान चुके हैं अतः इसे अपने घर में गमलों में अवश्य लगाएं। हमारा उद्देश्य अपने आसपास की वस्तुओं की सामान्य जानकारी आप तक पहुंचाना होता है ।

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