॥ श्री शिव षडक्षर स्तोत्रम ॥
नमस्कार दोस्तों ! श्री शिव षडक्षर स्तोत्रम (हिंदी अर्थ सहित) सर्व सिद्धि प्रदायक है। पंचाक्षरी मंत्र की तरह है । यह है “ॐ नमः शिवाय” । इस स्तोत्र में भगवान शिव के रूप और महिमा का वर्णन मंत्र के प्रत्येक शब्द के आधार पर किया गया है।
जो भी व्यक्ति शिव मंदिर में बैठकर या शिवलिंग के समीप बैठ कर इस मंत्र का सच्ची श्रद्धा से जाप करता है। उसे सर्व सिद्धि आसानी से प्राप्त होती है। अतः सावन मास में कम से कम एक बार इसे अवश्य पढ़ें !
ॐ कारं बिन्दु संयुक्तं नित्यं ध्यायन्ति योगिनः ।
कामदं मोक्षदं चैव ॐकाराय नमो नमः ।।१।।
नमन्ति ऋषयो देवा नमत्यप्सरसां गणाः ।नरा नमन्ति देवेश ‘न’ काराय नमो नमः ||२||
महादेवं महात्मानं महाध्यानं परायणम् ।
महापापहरं देवं ‘म’ काराय नमो नमः ||३||
शिवं शान्तं जगन्नाथं लोकानुग्रहकारकम् ।शिवमेकपदं नित्यं ‘शि’ काराय नमो नमः ||४||
वाहनं वृषभो यस्य वासुकिः कंठभूषणम्।
वाम शक्तिधरं देवं ‘व’ काराय नमो नमः ।।५।।
यत्र यत्र स्थितो देवः सर्वव्यापी महेश्वरः ।
यो गुरूः सर्वदेवानां ‘य’ काराय नमो नमः ।।६।।
(इति श्री रूद्रयामले उमामहेश्वर संवादे शिवषडक्षरस्तोत्रं सम्पूर्णम्)
श्री शिवषडक्षर स्तोत्रम का हिंदी में अर्थ !
- जो ॐकार के रूप में आध्यात्मिक ह्रदय केन्द्र में रहते है, जिसका योगी निरंतर ध्यान करते है,
- सभी इच्छाओं को पूरा करने वाले है, मुक्ति भी प्रदान करते है,
- उन शिवजी को नमस्कार ,जो “ॐ” शब्द द्वारा दर्शाया गया है।१।
- जिनको ऋषियों ने श्रद्धा से नमन किया है, देवों ने नमन किया है, अप्सराओं ने नमन किया है
- और मनुष्यों ने नमन किया है, वो देवों के देव महादेव है, उनको “न” शब्द द्वारा दर्शाया गया है।२।
- जो महान देव है, महान आत्मा है, सभी ध्यान का अंतिम उद्देश्य है, जो अपने भक्तों के पाप का महा विनाशक है,
- उन शिवजी को नमस्कार ,जो “म” शब्द द्वारा दर्शाया गया है।३।
- शिवजी शांति का निवास है, जो जगत के स्वामी है और जगत का कल्याण करते है,
- शिव एक शाश्वत शब्द है, उन शिवजी को नमस्कार ,जो “शि” शब्द द्वारा दर्शाया गया है।४।
- जिनका वाहन बैल है, जिनके गले में आभूषण के रूप में वासुकि नामक सांप है,
- जिनके बाईं ओर साक्षात शक्ति बिराजमान है, उन शिवजी को नमस्कार है।
- जो “व”, “वा” शब्द द्वारा दर्शाया गया है ।५।
- जहां भी देवों का निवास है, शिवजी हर जगह मौजूद है, वो सभी देवों के गुरु है,
- उन शिवजी को नमस्कार ,जो “य” शब्द द्वारा दर्शाया गया है।६।
- जो भी शिवजी के सानिध्य में, इस षडक्षर स्तोत्र का पाठ करता है,वो शिव लोक में जाकर,
- उनके साथ आनंद से निवास करता है।७।
इस तरह श्री शिव षडक्षर स्तोत्रम का हिंदी में अर्थ सम्पूर्ण हुआ ।
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