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शिक्षाप्रद प्रेरणादायक हिंदी कहानी – नि:स्वार्थ सेवा !

शिक्षाप्रद प्रेरणादायक हिंदी कहानी – नि:स्वार्थ सेवा ! जार्ज वाशिंगटन, जो स्वाधीन अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बने, के जीवन का प्रेरणास्पद संस्मरण है। उनकी नि:स्वार्थ सेवा भावना ने ही उन्हें सर्वश्रेष्ठ सेवक (राष्ट्रपति) के पद पर ला बिठाया । आइये पढ़ते हैं शिक्षाप्रद प्रेरणादायक हिंदी कहानी !

– नि:स्वार्थ सेवा –

शिक्षाप्रद प्रेरणादायक हिंदी कहानी


एक दिन नदी के घाट पर बहुत से लोग टहल रहे थे।

वहीं पर ही एक औरत अपने छोटे बच्चे का हाथ-मुँह धो रही थी। अचानक ही माँ के हाथ बालक छूट गया।

वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी, ‘बचाओ। कोई मेरे बच्चे को बचाओ।’

नदी खूब चढ़ी हुई थी और जल बड़े वेग से बह रहा था। भला ऐसे में कौन नदी में कूदे ?

तट पर खड़े कई लोगों ने माँ की पुकार सुनी पर किसी का साहस न हुआ कि बच्चे को बचाये।

लोगों ने देखा दूर से एक नवयुवक भागा चला आ रहा है।

तट पर पहुंचते ही झट उसने अपने वस्त्र उतार फेंके और नदी में कूद पड़ा।

साहसी की भगवान भी सहायता करते हैं। नवयुवक ने जल में डुबकी लगाई। पर बच्चा न मिला।

फिर उसने नदी के बीच में जहां पानी बहुत गहरा था और बड़े वेग से बह रहा था,

अपनी साँस बंद करके गहरी डुबकी लगाई, परंतु इस बार भी बच्चा हाथ न लगा ।

तट पर खड़ी बच्चे की माँ और दूसरे लोग सांस रोके इस दृश्य को देख रहे थे। अब नवयुवक थम गया।

शिक्षाप्रद प्रेरणादायक हिंदी कहानी – नि:स्वार्थ सेवा !

इस बार उसके पाँव को एक नरम नरम छोटा-सा शरीर हुआ। अब तो उसका उत्साह बढ़ गया।

उसने फुर्ति से डुबकी लगाकर बच्चे को पकड़ लिया और जल के ऊपरी भाग में आ गया।

किनारे खड़े लोगों ने देखा तो सबकी आँखों में हर्ष के आँसू आ गये। नवयुवक थक कर चूर हो गया था।

वह तट की ओर बढ़ने के लिए हाथ पाँव मारने लगा। जल की उछलती तरंगे बार-बार उसे पीछे धकेल देतीं।

बार-बार यत्न करके धीरे-धीरे वह तट पर पहुँच ही गया। लोगों ने झट आगे बढ़कर बच्चा उसके हाथों से ले लिया और

प्रसन्नता से भरकर तालियाँ बजाई।

नवयुवक तट पर पहुँचते ही थकावट के मारे मूर्छित होकर गिर पड़ा। बच्चे की माता और दूसरे खड़े लोग घबरा गये।

उसे पंखा किया और शीतल जल लाकर उसकी आँखों पर छिड़का और मुँह में डाला।

कुछ उसके पैरों के तलवे और हथेलियाँ रगड़ने लगे। तब कहीं जाकर उसे होश आया और वह उठ बैठा।

बच्चे की माँ उसके पास बैठ गई और आँखों में आँसू भरकर उसके सिर पर हाथ फेरती हुई बोली ।

पुत्र ! तुमने आज अपने जीवन को विपत्ति में डालकर मेरे बच्चे को बचाया है,

परमात्मा तुम्हें इसका फल अवश्य देंगे और संसार के कोने-कोने में तुम्हारा यश फैलेगा।

प्रिय विद्यार्थियो ! वह युवक था जार्ज वाशिंगटन, जो स्वाधीन अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बने।

वे बचपन से ही बड़े साहसी, वीर एवं निडर थे।

दूसरों के हित के लिए अपने जीवन को भी खतरे में डालने से वे तनिक भी नहीं घबराते थे।

(सत्पुरुषों का स्वभाव ही ऐसा होता है कि वे दूसरों की सेवा करें।

सच्चा जीवन वही है, जिसमें हम स्वयं के लिए नहीं वरन्, दूसरों के लिए जिएँ।

शिक्षाप्रद प्रेरणादायक हिंदी कहानी – नि:स्वार्थ सेवा !

उदारचित्त व्यक्ति सारे विश्व को अपना ही परिवार मानता है।

वह दूसरों को कष्ट पाते हुए नहीं देख सकता एवं परहित में अपना सब कुछ न्यौछावर करने को सदा तत्पर रहता है)

अपनी पात्रता, पवित्रता और प्रामाणिकता के आधार पर कुछ पाने के अधिकारी बनें।

विकारी, पुजारी, भिखारी या याचक बन कुछ पा भी लिया तो वह प्राप्ति आपको गौरवान्वित नहीं कर सकती।

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