देशी गाय का घी खाने के अद्भुत चमत्कारी फायदे! Total Post View :- 886

देशी गाय का घी खाने के अद्भुत चमत्कारी फायदे!

नमस्कार दोस्तों !! क्या आप जानते हैं देशी गाय का घी परम औषधि है । आयुर्वेद में इसे बिल्कुल निरापद और सभी के खाने योग्य माना जाता है। यह आंतों की खुश्की को दूर करता है। इसके अद्भुत चमत्कारी फायदे होते हैं। बहुत से लोगों में यह गलतफहमी होती है कि यह कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।

कुछ लोग हेल्थ कॉन्शियस होने के कारण मोटे होने के डर से भी घी को खाना पसंद नहीं करते हैं। घी के संबंध में बहुत ही रोचक और महत्वपूर्ण जानकारी के साथ आज हम आपको घी खाने के चमत्कारी फायदे बताएंगे । जिसे पढ़कर आप घी से बचेंगे नहीं बल्कि उसे अवश्य ही अपने भोजन में शामिल करेंगे। यह बहुत ही जरूरी व महत्वपूर्ण जानकारी है, इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।

देशी गाय का घी खाने के फायदे !

  • पृथ्वी देशी गाय का घी अमृत के समान है ।
  • इसकी यह विशेषता है कि जितना पुराना होता है उतना ही ज्यादा फायदेमंद होता है।
  • अपने शरीर की तंदुरुस्ती के लिए हम चाहे जितने साधन जुटा लें,
  • किंतु जो अंदरूनी शक्तियां हैं उन को जागृत करने के लिए घी से उत्तम कुछ भी नहीं है।
  • हमारे पांच सेंस ऑर्गन को जागृत व शक्तिशाली बनाने का काम भी करता है ।
  • ऊपरी बनावट और मजबूती तो किसी भी चीज से आ सकती है ।
  • किंतु देखने की शक्ति , सुनने की शक्ति, बोलने की शक्ति, आवाज की मधुरता, आंतों की शक्ति ,
  • शरीर के संपूर्ण अंगों में जो शक्ति होती है वह केवल और केवल देशी गाय के घी से ही आती है।
  • अक्सर हष्ट पुष्ट लोगों को भी कमजोरी या कम सुनाई देना या कम दिखाई देना आदि लक्षण देखे जाते हैं।
  • जो हमारे शरीर में पोषण की कमी के कारण होते हैं।
  • इसीलिए देशी गाय का घी शरीर को पर्याप्त पोषण प्रदान करता है ।
  • तथा सभी अंगों को शक्तियां प्रदान करता है।
  • यह बड़ी गलतफहमी है कि घी खाने से मोटे हो जाते हैं या कोलेस्ट्रोल बढ़ता है ।
  • बल्कि देशी गाय का घी खाने से कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है ।
  • इसे नाक में दो बूंद डालने से कफ सम्बन्धी सभी रोग दूर हो जाते हैं।
  • पुराना देशी घी आँख में सुरमे की तरह लगाने से दृष्टि तेज होती है।

घी के उपयोग करने का तरीका !

  • गलत तरीके से घी खाना या भैंस का घी खाना यह कोलेस्ट्रोल को और अन्य बीमारियों को बढ़ाता है।
  • जिस प्रकार अमृत मंथन से हमें अमृत प्राप्त हुआ था ।
  • उसी प्रकार दही के मथने पर मक्खन और मक्खन से शुद्ध घी प्राप्त होता है जो अमृततुल्य है।
  • घी के पकने की पूरी प्रक्रिया हो चुकी होती है अतः इसे पुनः पकाकर या उससे पूडियां तलकर या
  • सब्जियां बनाकर नहीं खाना चाहिए, बल्कि इसे ऊपर से लगाकर वैसे ही खाना चाहिए।
  • आयुर्वेद में अलग-अलग बीमारियों के लिए विभिन्न औषधियों को घी में पकाकर ,
  • औषधि युक्त घी तैयार किए जाते हैं।और इससे चिकित्सा की जाती है।
  • आजकल शरीर में दर्द और वायु की शिकायत लगभग सभी को हो जाती है।
  • जिसका कारण है हमारे खान-पान से घी का बिल्कुल अलग कर दिया जाना।
  • घी के खाने से हमारे शरीर से वायु दूर होकर सभी दर्द दूर हो जाते हैं।
  • अतः देशी गाय का शुद्ध घी भोजन में अवश्य शामिल करें और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करें।
  • यह आंखों की ज्योति के लिए, मस्तिष्क की ताकत के लिए और शारीरिक अंगों को पुष्ट बनाने के लिए
  • अद्भुत और चमत्कारी वस्तु है जो इस पृथ्वी पर अमृत के समान है ।
  • अतः इसे अपनाएं और कोशिश करें कि शुद्ध गाय का घी ही सेवन करें।
  • गाय का घी खाने के बाद ठंडा पानी नही पीना चाहिए।

नोट- हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध समस्त जानकारी विभिन्न स्रोतों व अनुभव के आधार पर बताई जाती है। अतः प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की अलैह अवश्य लें। और देखते रहे आपकी अपनी वेबसाइट

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