समय चाहे कितना भी बदल गया हो लेकिन आज भी मिट्टी के घड़े का स्थान फ्रिज नही ले पाया। जानिए घड़े के फायदे ! वैसे देखें तो मिट्टी सचमुच माता की तरह ही हमारी सेवा व सुरक्षा करती है।
आज इस लेख में मिट्टी के गुण (तत्व), व मिट्टी के घड़े के पानी के फायदे के बारे में जानेंगे । जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे कि किस प्रकार मात्र पानी पीने से 20 बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। आप यह भी जानेंगे कि घड़े का पानी कब तक पीना चाहिए और किस मौसम में किस बर्तन में पानी पीना चाहिए ।
मिट्टी के गुण व घड़े के फायदे!
- घड़े के पानी पीने के फायदे जानने के लिए मिट्टी के गुणों की जानकारी होना जरूरी है।
- इसमें सबसे ज्यादा मात्रा में कैल्शियम और फॉस्फोरस पाया जाता है,
- ये तत्व हमारे शरीर का सबसे मुख्य घटक है जिनके बिना शरीर की ग्रोथ होना सम्भव नहीं है।
- इसके अलावा ये आयरन , मैग्नीशियम, मैंगनीज और सल्फर का भंडार है।
- इसमें 18 तरह के केमिकल भी पाए जाते हैं। यह रासायनिक व भौतिक गुणों से भरपूर है। घड़े के उपयोग से मिट्टी के सारे फायदे हमें प्राप्त हो जाते हैं।
घड़े के पानी पीने के फायदे !
- जानिए ऐसे चमत्कारी फायदे जो घड़े के पानी पीने से प्राप्त होते हैं।
- जो शरीर से 20 तरह की बीमारियों को दूर करता है।
- यह हमारे शरीर मे मौजूद त्रिदोष (कफ-पित्त-वात) को नियंत्रित करता है।
- गर्मियों में उतपन्न होने वाले रोगों से राहत दिलाता है।
- घड़े में बहुत ही छोटे-छोटे छेद होते हैं जिनसे हवा और प्रकाश आता है।
- इसी प्रकिया के कारण ही इसमें रखा पानी ठंडा होता है।
- इसमें मौजूद तत्व पानी को औषधीय गुणों से भरपूर बनाते हैं।
- एक तरफ ठंडा पानी मस्तिष्क को राहत पहुंचाकर शरीर को तरावट देता है
- तो दूसरी तरह यह शरीर के दर्द, सूजन व ऐंठन में राहत दिलाता है।
- यह एसिडिटी व गले की समस्याओं का बेहतरीन निदान होता है।
- इससे हड्डियों के दर्द और अर्थराइटिस जैसे गंभीर बीमारियों में भी आराम मिलता है।
- यह पाचनसंस्थान को सही रखता है, जिससे कब्ज सम्बन्धी बीमारियों में लाभ होता है।
- विशेषज्ञों के मुताबिक यह बैड कॉलेस्ट्रोल को कम करता है जिससे हार्टअटैक की संभावना कम हो जाती है।
घड़े का पानी कब पीना चाहिए ?
- मार्च माह में होली के बाद से ही घड़े में पानी रखा जाता है।
- और जून के बाद पहली बारिश के पड़ते ही घड़े में पानी पीना बंद कर देना चाहिए।
- इस प्रकार गर्मियों में इससे प्यास तो बुझती ही है साथ ही शरीर को बहुत से पोषक तत्व भी मिलते हैं।
- कृत्रिम रूप से ठंडा किया गया फ़्रिज का पानी कभी भी न पियें ।
- इससे बड़ी आंत सिकुड़ जाती है और मल का निष्कासन रूक जाता है।
- यही मल पेट मे सड़कर अनेकों बीमारियों को उतपन्न करता है। अतः गर्मियों के 4 माह घड़े का ही पानी पिएं।
- यह चयापचय क्रिया को ठीक रख शरीर को स्वस्थ रखता है।
किस मौसम में किस बर्तन का पानी पिएं !
- वर्ष के बारह महीनों में से गर्मी के चार माह तो सभी आवश्यकतानुसार मिट्टी के घड़े का पानी पीते हैं।
- किन्तु बाकी के 8 महीने में किस बर्तन में रखा पानी पीना चाहिए इसे बहुत कम लोग जानते हैं
- पहला होली के बाद से यानी मार्च से जून तक पहली बारिश होते तक मिट्टी के घड़े का पानी पीना चाहिए।
- दूसरा बारिश के 4 माह जुलाई से अक्टूबर तक तांबे के बर्तन में रखकर पानी पीना चाहिए।
- तीसरा ठंड का मौसम नवम्बर से फरवरी तक सोने के बर्तन में रखा हुआ पानी पीना चाहिए।
- सोना बहुत गर्म होता है अतः ठंड में होने वाले कफ के रोग दूर होते हैं।
- सोने का पानी बनाने के लिए एक बर्तन में सोने की अंगूठी या चैन, डालकर रखें।
- इस प्रकार पानी पीने के नियमों का पालन करने से स्वस्थ व निरोगी रहा जा सकता है। और रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।
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अंत में ;
आशा है पानी से सम्बंधित यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी । इस लेख में आपने मिट्टी के गुण, जानिए घड़े के पानी पीने के फायदे, घड़े का पानी कब पीना चाहिए और किस मौसम में किस बर्तन का पानी पीना चाहिए।
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