नमस्कार दोस्तों ! मशरूम, पिहरी क्या है ? इसके क्या फायदे हैं ? कौन से पिहरी नहीं खानी चाहिए। बारिश के होते हैं पिहरी के ढेर बाजारों में लगने शुरू हो जाते हैं और यह इतनी कीमती बिकती है कि ढाई सौ रुपये पाव तक लोग इसे खरीद कर खाते हैं। ऐसा क्या है इस पिहरी में जिसे लोग इतने शौक से खाते हैं।
आज हम आपको इसी मशरूम, पिहरी क्या है और इसके क्या गुण है और इसे खाने के क्या फायदे हैं ? कौन से पिहरी खानी चाहिए और कौन सी नहीं आदि के संबन्ध में समस्त जानकारी देंगे। अतः अंत तक अवश्य पढ़ें !
मशरूम पिहरी क्या है ?
आयुर्वेद में भावप्रकाश नामक ग्रंथ में मशरूम के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया है।
दुनिया में सबसे पहले पेड़ पौधों से भी पहले मशरूम की उत्पत्ति हुई थी ।
इसे आयुर्वेद की भाषा में छत्रक या कुंभी भी कहते हैं । यह बिना बीज का पौधा है।
माइक्रो ऑर्गेनिज्म ( अत्यंत सूक्ष्मजीव) में से एक फ्रुट निकलता है।
इसीलिए कुछ लोग इसे नहीं खाते हैं तथा कुछ धर्मों में इससे मान्यता नहीं दी जाती है।
यह एक तरह से फंगस ही है। किंतु यह खाया जाने वाला फंगस है।
जिस तरह से दही, शहद और अन्य चीजों को फर्मेंटेड करके खाते हैं।उसी तरह से यह भी खाया जाने वाला ही पौधा है।
आयुर्वेद में इसे खाने के लिए मान्यता दी जाती है। अतः निश्चिंत होकर सभी खा सकते हैं।
मशरूम, पिहरी कौन सी खानी चाहिए ?
अब प्रश्न यह उठता है कि कौन सी मशरूम खाने योग्य है और कौन सी नहीं ?
मशरूम की पन्द्रह लाख प्रजाति है किंतु केवल 10% ही मशरूम खाने योग्य होती है।
रंग बिरंगी मशरूम जैसे लाल, हरी, पीली, नीली इत्यादि जहरीली होती हैं। इन्हें नहीं खाना चाहिए ।
इसके अलावा टेढ़ी-मेढ़ी मशरूम भी खाने योग्य नहीं होती ।
मशरुम हमेशा एकदम सफेद और गोल छाते की तरह होनी चाहिए उसे ही खाना चाहिए
मशरूम पिहरी के क्या फायदे है ?
मशरूम या पिहरी सामान्यतः एक फंगस ही है जो खाने लायक है।
यह एक पौधा है और आयुर्वेद में इसके बारे में बहुत गुण बताए गए हैं।
इसे अपने डाइट प्लान में अवश्य शामिल करना चाहिए। यह कैल्शियम की कमी को दूर करती है।
यह पचने में हल्की होती है और वात और पित्त को बैलेंस करती है ।
जिन्हें पीठ दर्द आदि होता रहता है उन्हें हफ्ते में तीन चार बार इसे अवश्य खाना चाहिए ।
यह शारीरिक कमजोरी को दूर करती है। मोटापा दूर करने के लिए इसे सलाद के रूप में खाया जाता है ।
जिसके लिए गर्म खौलते पानी में मशरूम को डालकर 10 मिनट बाद निकालकर सलाद जैसे खाना चाहिए ।
कैंसर, अस्थमा, एचआईवी आदि भयंकर रोगों में भी यह बहुत फायदा पहुंचाती है।
टीबी के मरीजों के लिए इसे दूध के साथ खाने के लिए बताया गया है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने में,पैरालिसिस में और मौसमी एलर्जी में भी यह बहुत फायदेमंद होती है ।
इसे सब्जी, सलाद के रूप में भीखाया जाता है। इसे तलकर या चावल में पकाकर भी खाते हैं ।
मशरूम पिहरी के क्या गुण हैं ?
इसकी मेडिसन भी बनती है और कुछ कंपनियां इसका एक्सट्रैक्ट भी बनाती है।
इसमें बी कॉन्प्लेक्स, विटामिन डी और विटामिन के बहुत मात्रा में पाया जाता है।
तथा प्रोटीन और वसा भी इसमें बहुत अधिक होता है।
इतना फायदा होने के बावजूद भी इसे रोज नहीं खाना चाहिये।
बीमार व्यक्ति इलाज की दृष्टि से हफ्ते में चार पांच बार खा सकते हैं ।
किंतु सामान्यतः हफ्ते में अधिकतम 2 बार इसका सेवन करना चाहिए । यह अत्यंत फायदेमंद है।
यह पौधों की श्रेणी में नहीं आता और यह जीवो की श्रेणी में भी नहीं आता।
इसे आयुर्वेद की मान्यता प्राप्त है । अतः बेहिचक इससे भोजन में शामिल किया जा सकता है ।
प्रेगनेंसी में कच्ची मशरूम नहीं खानी चाहिए।
अब तक आप मशरूम के बारे में समस्त जानकारी प्राप्त कर चुके हैं और यह जानकारी आपको बहुत अच्छी लगी होगी। ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए देखते रहें आपकी अपनी वेबसाइट
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