नमस्कार दोस्तों! चतुर्मास व्रत के नियम क्या है? चतुर्मास की कथा क्या है? और इन दिनों हमें क्या करना चाहिए? और क्या नहीं करना चाहिए? आदि से संबंधित समस्त जानकारी हम आपको बताएंगे। अतः इसे अंत तक ध्यान से अवश्य पढ़ें क्योंकि इसकी समस्त जानकारी आपकी लिए बहुत ही उपयोगी है।
चतुर्मास की कथा क्या है!
- वामन पुराण के अनुसार जब राजा बलि ने 99 अश्वमेध यज्ञ पूरे कर लिए।
- और 100वां अश्वमेध यज्ञ करने की तैयारी में थे, तब सभी देवता घबरा गए।
- क्योंकि नियमानुसार जो 100 अश्वमेध यज्ञ कर लेता वह इंद्र के स्थान पर बैठ जाता।
- ऐसे में सबने भगवान से प्रार्थना की तब भगवान ने वामन अवतार धारण किया।
- और राजा बलि के यज्ञ में जा करके उनसे तीन पग धरती दान में मांगी।
- और दो पग में ही आकाश और पाताल मांग लिया तब तीसरा पग धरने के लिए कुछ बचा ही नहीं।
- तब राजा बलि ने अपने मस्तक पर प्रभु से तीसरा पग रखने का आग्रह किया।
- राजा बलि की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान ने उनसे वर मांगने को कहा।
- तब राजा बलि ने प्रभु से निवेदन किया कि आप मेरे साथ निवास करें।
- तब से भगवान आषाढ़ शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक पाताल लोक में निवास करते हैं।
चतुर्मास क्या है!
- यह 4 महीने ही चतुर्मास के नाम से जाने जाते हैं।
- यह 4 मास, सावन, भादो, कुंवार (अश्विन) और कार्तिक है।
- इस समय भगवान विष्णु योग निद्रा में पाताल लोक में निवास करते हैं।
- अतः पृथ्वी का संचालन करने के लिए भगवान शिव अपने परिवार व गणों के सहित पृथ्वी पर विचरण करते हैं।
स्वास्थ्य की दृष्टि से चतुर्मास व्रत के नियम क्या है!
- भगवान विष्णु के शयन करने पर भगवान शिव के पृथ्वी पर विचरण करने से उनके गुणों की प्रवृत्ति अनुसार
- नकारात्मक शक्तियां पृथ्वी पर विचरण करने लगती हैं।
- ऐसे समय में भगवान शिव की भक्ति करने वाले को उनके गण कभी परेशान नहीं करते।
- इसीलिए इन 4 मासों में भक्ति के कुछ नियम बताए गए हैं।
- जिनका पालन करने से व्यक्ति किसी भी प्रकार की परेशानियों में नहीं पड़ते हैं।
- यह चार मास स्वास्थ्य की दृष्टि से भी कठिन माने जाते हैं क्योंकि इन 4 मासों में हमारी पाचन अग्नि मंद हो जाती है।
- अतः गरिष्ठ भोजन नहीं करना चाहिए। इस हिसाब से स्वास्थ्य के कुछ नियम बताए गए हैं।
- जिनमें आहार चर्या वह कुछ निषेध संबंधी नियम भी बनाए गए हैं। जिनके पालन से वर्ष भर स्वस्थ रहा जा सकता है।
चतुर्मास व्रत के नियम में क्या ना करें!
- इन चार मास में बैंगन, पत्तेदार सब्जियां, उड़द की दाल, लहसुन, प्याज, शहद, गुड, मांस, मदिरा, आदि चीजें नहीं
- खानी चाहिए। यह पाचन में कठिन और गरिष्ठ होने के कारण स्वास्थ्य को बिगाड़ती हैं।
- इस माह में तेल मालिश नहीं करनी चाहिए।
- किसी की निंदा ना करें और कठोरता से जीवन के नियमों का पालन करना चाहिए।
- इसके अलावा सावन में साग, भादो में दही, कुंवार (अश्विन) में दूध
- और कार्तिक में दाल का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
- इन 4 मासों में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। क्योंकि शुभ कार्यों के अधिष्ठाता देव भगवान विष्णु है।
- जो इस समय निंद्रा में लीन है निद्रा में सोए हुए को उठाने से भारी पाप लगता है।
- अतः ऐसे समय कोई शुभ कार्य नहीं करने चाहिए।
चतुर्मास में क्या करना चाहिए
- चतुर्मास के प्रत्येक माह में सावन में भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
- इससे विवाह संबंधी सुख व आयु की प्राप्ति होती है।
- भादो में भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से संतान और विजय की प्राप्ति होती है।
- कुंवार (अश्विन)के महीने में देवी भगवती की और भगवान राम की पूजा करनी चाहिए ।
- इससे विजय शक्ति और आकर्षण की प्राप्ति होती है।
- कार्तिक में श्री हरि विष्णु, श्री कृष्ण और तुलसी जी की पूजा करनी चाहिए।
- इससे सभी प्रकार के सुख, मुक्ति और मोक्ष मिलता है।
- इस समय धार्मिक कार्य और अनुष्ठान करने चाहिए। दान पुण्य तथा विभिन्न धर्म ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए।
- विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें, श्रीमद्भागवत गीता, भागवत पुराण आदि का स्वयं पठन-पाठन करें।
- जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके दान पुण्य करना चाहिए। सुबह उठकर चिड़ियों को दाना डालना,
- गाय को चारा खिलाना और अपने भोजन में से एक थाल भगवान के लिए भोग लगाना
- और एक थाल किसी अन्य को खिलाना चाहिए।
- इस प्रकार नियमों का पालन करते हुए हम भगवान श्री हरि की कृपा तो प्राप्त करते ही हैं,
- साथ ही इन चार महीनों के नियमों से हमारा शरीर भी मजबूत होकर तैयार हो जाता है।
- और हमारी बीमारियों से सुरक्षा होती है।
अंत में!
अतः इस प्रकार चतुर्मास व्रत के नियम – चतुर्मास क्या है इसमें क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए? से सम्बंधित समस्त जानकारी हमने आपको देने का प्रयास किया है । यह जानकारी आपको पसंद आए तो इसे अपने मित्रों और परिवार जनों को अवश्य शेयर करें। ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए देखते रहे आपकी अपनी वेबसाइट
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