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किसी भी पूजा की तैयारी कैसे करें ?

हमारा देश त्योहारों व पर्वों का देश है।

हिंदुओं में व्रत त्यौहार एवं पर्वों का बड़ा महत्व है और प्रत्येक माह में कोई न कोई व्रत पूजा इत्यादि होती ही रहती है । इस पर कभी विशेष पूजा का आयोजन हो तो मन घबराने लगता है और एक तनाव सा मस्तिष्क में बन जाता है कि अब फ़लानी पूजा आ गई और उसकी तैयारी करना पड़ेगी। दुविधा होने लगती है की पूजा में क्या तैयारी करें क्या न करें , तो आइए आज इस दुविधा को दूर करते हैं और जानते हैं कि प्रत्येक पूजा में कौन सी आवश्यक पूजन सामग्री है जो प्रत्येक घरों में होनी चाहिए , ताकि किसी भी व्रत त्योहार के आगमन पर हम बिना विचलित हुए , बिना समय लगाए और पूजा की विधिवत तैयारी कर सकें।

पूजन सामग्री
किसी भी प्रकार की पूजा क्यों ना हो उसमें निम्न कॉमन पूजन सामग्री की जरूरत पड़ती है, जो इस प्रकार है।

पूजन सामग्री

गौरी गणेश, नवगृह, कलश, हल्दी , कुमकुम , सिंदूर ,रोली, अक्षत ,चंदन ,इत्र ,हल्दी सुपारी की गांठें , जनेऊ, पान के पत्ते, दूर्वा , पुष्प , आम के पत्ते, गंगाजल, मौली , दीपक ,बत्तियां, घी, तेल, पंचामृत एवं होम के लिए घी शक्कर या कोई भी हवन सामग्री , भगवान के वस्त्र उनके आसन लालतूस के कपड़े, नारियल , कपूर , माचिस, धूपबत्ती, हवन के लिए हवन कुंड, प्रसाद के लिए चिरौंजी, मेवा ,मिश्री , रंगोली इत्यादि। यह पूजन सामग्री है, जो प्रत्येक पूजन में लगती हैं । इतनी सामग्री आवश्यक रूप से पूजन के लिए रखें तब आपको कभी भी कोई दिक्कत किसी भी पूजा में नहीं होंगी।

गंगाजल से गृह शुुद्ध करें

पूजा की सामग्री तैयार होने के पश्चात बात आती है कि हम स्वयं को पूजा के लिए कैसे तैयार करें । सबसे पहले हमें घर की ओर पूजा स्थल की साफ सफाई करनी चाहिए, जिसमें की पोछा लगाते वक्त एक बूंद दो बूंद गंगाजल पोंछा के जल में डालें और यदि यह संभव ना हो तो एक स्प्रे बॉटल में पानी लेकर उसमें दो बूंद गंगाजल डाल दें और उसका स्प्रे पूरे घर में एवं पूजा कक्ष में अवश्य कर दें ।

स्वयं की तैयारी

दूसरा, प्रातः काल 5:00 से 6:00 के बीच में उठ जाए एवं नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान करें स्नान के जल में भी एक दो बूंद गंगाजल की अवश्य डालें । इसके पश्चात नहा कर धुले वस्त्र पहने । पूजा में विशेष तौर से लाल पीले सफेद गुलाबी इस तरह के वस्त्र पहनकर ही पूजा करनी चाहिए। यह कलर हमें सकारात्मक एनर्जी प्रदान करते हैं, साथ ही मन में सात्विक भावनाओं को जन्म देते हैं।

नीले और काले कपड़े पहन कर कदापि पूजा में ना बैठे। जो सुहागिन स्त्रियां हैं, वह सुबह ही नहा धोकर विधिवत संपूर्ण श्रंगार के साथ तैयार हो जाए जिसमें महावर से लेकर के सिंदूर तक की समस्त सुहाग चिन्हों को पहनते हुए सुबह से ही आप स्वयं को पूजा के लिए तैयार करें। पूजा के समय तैयार होने से पूजा मुहूर्त में होने में देर होती है।

घर की तैयारी

पूजा के दिन घर की तैयारी कैसे करें ? सुबह से ही हमें घर को स्वच्छ करके , बंदनवार या तोरण फूल मालाएं ताजी पत्ते और फूलों की अपने मुख्य दरवाजे पर एवं पूजा कक्ष में अवश्य लगाएं ।

आम के पत्तों की तोरण नकारात्मकता को दूर करती है।

तोरण आम के पत्तो से या अशोक के पत्तो से बनाई जाती है। स्नान के पश्चात पत्तो पर गंगाजल छिड़क लें व तिलक अक्षत पुष्प चढ़ाकर पत्तो की पूजा कर उन पत्तों की तोरण बनाकर उसे मुख्य द्वार, पूजा घर व प्रत्येक कमरे के द्वार पर लगा दें। इन पत्तों के नीचे से निकलने वाला प्रत्येक व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा को लेकर घर मे प्रवेश करता है ।

आम के पत्तो में बहुत सकारात्मकता होती है। अतः घर की सजावट में ज्यादा से ज्यादा आम के पत्तों का प्रयोग करना चाहिए। तथा तीन, पांच, या सात दिन में अर्थात सूखने से पहले उन तोरण को द्वार से हटा देना चाहिए।

घर को सुगन्धित करें

घर में मुख्य बैठक कक्ष में धूपबत्ती इत्यादि से सुगंधी फैलाना चाहिए । पूजा कक्ष में भी धूपबत्ती जला कर खुशबू फैलाना चाहिए यदि धूप का इंतजाम ना हो सके तो इत्र, सेंट स्प्रे जरूर कर ले , क्योंकि खुशबू और सुगंध से देवता प्रसन्न होते हैं और वे शीघ्र आकर्षित होते हैं, और सुगंधी हमें मानसिक प्रसन्नता और शारीरिक पुष्टि प्रदान करती है ।

रंगोली बनाये

पूजा स्थल पर चौक या रंगोली बनाएं एवं घर के मुख्य द्वार पर भी रंगोली बनाएं। जिस भी देवता की हम पूजा करने वाले होते हैं ऐसी भावना के साथ कि आज वह हमारे घर पर पधारेंगे। अतः उनके स्वागत में हमें अपने घर को इतना सुंदर ,स्वच्छ व पवित्र,और कुछ विशेष जरूर करना चाहिए , ताकि अतिथि को यह देखकर प्रसन्नता होनी चाहिए।

गौरी गणेश, कलश, नवग्रह स्थापना करें

इतनी तैयारी के पश्चात गोबर से या बालू से गौरी गणेश बनाकर एक पान के पत्ते में रख लें, कलश तैयार कर लें, नवग्रह तैयार कर लें। यह आपकी पूजन की संपूर्ण तैयारी पहले से ही हो चुकी । अब किसी भी पूजा के आगमन पर आपको कभी कोई टेंशन नही होगी।

पूजा का संकल्प लें

पूजा के दिन स्नान के पश्चात सर्वप्रथम प्रत्येक पूजा में यह नियम अपना लें की सुबह भगवान के सामने खड़े होकर , हाथ में जल , अक्षत , दूर्वा लेकर के उक्त व्रत एवं पूजा का संकल्प इस प्रकार ले , कि भगवान आपकी प्रसन्नता के लिए मैं आज की पूजा का संकल्प लेता हूं या लेती हूं , आप मेरे इस संकल्प को पूर्ण करें एवं मेरी पूजा को स्वीकार करें। इस प्रकार संकल्प लेने से आप की संपूर्ण पूजा को निर्विघ्नं कराने की जवाबदारी भगवान स्वयं ले लेते हैं और आपकी पूजा संपूर्ण हो जाती है।

निश्चित मुहूर्त पर आप स्वयं पर थोड़ा सा गंगाजल छिड़क कर पूजा के लिए बैठ कर विधिवत जिस भी देवता की पूजा हो उनकी पसंद की कोई भी वस्तु अपनी पूजा सामग्री में शामिल करते हुए पूजा शुरू करें जैसे शिवजी की पूजा यदि करते हैं तो उनकी पसंद की सामग्री बेलपत्र, गणेश जी की पूजा में दूर्वा, कन्हैया/विष्णु जी की पूजा में तुलसी, दुर्गा जी की पूजा में लाल पुष्प जासवन्त एवं सूर्य की पूजा में लाल रोली वाला जल, शामिल करें । विधिवत पूजा कर लें।

पंचदेव पूजन

पंचदेवों की पूजा गृहस्थों को जरूर करनी चाहिए।

इन बातों का विशेष ध्यान रखें मुख्यतः घर मे पंचदेवों की पूजा जरूर करनी चाहिए। गणेश, विष्णु, दुर्गा, शिवपार्वती, सूर्य। सूर्य साक्षात देवता है अतः सूर्यदेव की मूर्ति या फ़ोटो लगाकर पूजा नही की जाती इन्हें जलार्पण कर पूजा की जाती है ।

गृहस्थ व्यक्ति को कभी भी किसी एक देवता की पूजा नहीं करनी चाहिए । इस प्रकार आप विधिवत पूजा करके व्रत और त्योहार को बिना किसी तनाव और दुविधा के, पूर्ण कर सकेंगे।

आशा है आपको यह जानकारी पसन्द आएगी। अगले लेख में कलश, गौरी गणेश, व नवगृह तैयार करने की विधि प्रस्तुत की जाएगी।

?यह आलेख मौलिक एवं स्वरचित है।
✍️श्रीमती रेखा दीक्षित एडवोकेट
?सहस्त्रधारा रोड देवदर्रा मण्डला।

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24 thoughts on “किसी भी पूजा की तैयारी कैसे करें ?

  1. बहुत बढ़िया जानकारी। हमारे धर्म में लगभग रोज ही त्योहार मनाये जाते हैं अतः यह लेख अत्यंत उपयोगी है

  2. रेखा दीदी उत्तम जानकारी साझा की आपने जो जीवनपयोगी है

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