खुशियां देना वाला केमिकल डोपामाइन! इसे कैसे बढ़ाते हैं! Total Post View :- 1482

खुशियां देने वाला केमिकल डोपामाइन! इसे कैसे बढ़ाते हैं?

नमस्कार दोस्तों! खुशियां देने वाला केमिकल डोपामाइन हमारे ब्रेन में ही रहता है। ये ऐसा केमिकल है जो खुशी देता है। अतः जिन्हें खुशी महसूस नहीं होती। जो हमेशा परेशान,उदास, दुखी और बुझे-बुझे से रहते हैं, उनमें यह केमिकल नहीं बन पाता है। आज हम आपको बताएंगे कि इसे कैसे बनाएं और इसकी मात्रा को कैसे बढ़ाएं।

व्यस्तता और तनाव भरी जिंदगी में खुशियों की चाह किसे नहीं होती। किंतु बहुत कुछ करने के बाद भी मन खुश नहीं होता। हम बच्चे थे तो खुश थे बड़े हुए तो तनावग्रस्त हो गए। इसका कारण यही डोपामाइन केमिकल है। जो तनावग्रस्त होने के कारण धीरे-धीरे हमारे ब्रेन ने रिलीज करना बंद कर दिया।

आज हम इसी डोपामाइन के बारे में कुछ जानकारी आपको देंगे। जो आपके जीवन में खुशियां लाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है अतः इसे ध्यान से अंत तक अवश्य पढ़ें

खुशियां देने वाला केमिकल डोपामाइन क्या है!

  • यह केमिकल हमारे ब्रेन में ही होता है। यह उन चीजों से बनता है जिसमें आपको मजा या आनन्द आता है।
  • खुशियों की वह अवस्थाएं जो आनंददायक होती हैं, डोपामाइन को हमारे ब्रेन में रिलीज करती हैं।
  • जैसे पार्टी, पिकनिक, सैर सपाटा, या अन्य मनोरंजक कार्यक्रम।
  • किंतु हर समय हम उन बाहरी परिस्थितियों को निर्मित नहीं कर सकते जो आनंददायक हों।
  • इसीलिए हमें अपने भीतर ही ऐसी आनंददायक स्थितियां निर्मित करनी होती है,
  • जिनसे हमारे ब्रेन में उपस्थित डोपामाइन रिलीज हो और हमें आत्मिक खुशी प्रदान करें।

खुशियों वाला केमिकल डोपामाइन कैसे बनाएं!

  • यदि हम डोपामाइन बनाने के लिए प्रतिदिन मौज, मस्ती, मजा, आनंद, विलास, जैसे कार्य करते रहें,
  • तो यह हमारे स्वास्थ्य और जीवन, चरित्र के लिए भी हानिकारक हो सकता है।
  • किंतु कुछ ऐसी ऐसे कार्य जिन्हें प्रतिदिन करने से हमारा शरीर, स्वास्थ्य और चरित्र सभी कुछ बलवान होता है,
  • ऐसी बातों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें जो भक्ति, योगासन, प्राणायाम कुछ भी हो सकता है।
  • अतः डोपामाइन बढ़ाने के लिए योगासन व प्राणायाम का सहारा लें।
  • और प्रतिदिन सुबह के समय योगासन व प्राणायाम कम से कम 20 मिनट तक अवश्य करें।
  • डोपामाइन बनने के लिए शरीर का थकना और पसीना निकलना आवश्यक है।
  • अतः पूरे अंग प्रत्यंग का संचालन हो सके ऐसा योगासन करें।
  • शास्त्रों में कहा गया है कि एक बार पानी व एक बार पसीने से नहाने वाला व्यक्ति हमेशा सुखी व स्वस्थ रहता है।
  • सुबह के समय प्राणवायु बहती है और यही शुद्ध ऑक्सीजन डोपामाइन को बढ़ाने में सहयोगी होती है।
  • सुबह के समय खुशियां देने वाला केमिकल डोपामाइन बहुत ज्यादा मात्रा में बनता है।
  • किंतु जो लोग योगासन सुबह ना कर सके तो वह शाम को प्राणायाम और योगासन अवश्य करें।
  • क्योंकि कुछ ना कुछ मात्रा में विभिन्न एक्ससरसाइज़ से हमारे ब्रेन में डोपामाइन रिलीज़ होता है।
  • फिर धीरे से योगासन के समय को सुबह में परिवर्तित कर लें।

आनन्ददायक खेलों से डोपामाइन बनता है!

  • अक्सर आपने देखा होगा कि बच्चे खेलते हैं तो कितने खुश रहते हैं।
  • इसका मतलब है खेलते समय उनका शरीर थकता भी है और पसीना भी निकलता है पूरे अंगों का संचालन होता है।
  • इससे शरीर का पोषण होता है। ऐसा करने से उन्हें खुशी मिलती है।
  • अतः ऐसा करें जिससे हमें खुशी मिलनी चाहिए क्योंकि शरीर को तोड़ना व्यायाम नहीं होता।
  • बल्कि शरीर के अंदर की आवश्यकता को समझकर योग किया जाए तब खुशी का एहसास होता है।
  • जिससे मस्तिष्क में यह केमिकल रिलीज होता है जिससे हमें थकान से ज्यादा खुशी होती है।
  • अतः विभिन्न प्रकार के शारीरिक मेहनत वाले खेलों को खेलें।

अंत में!

खुशियां देने वाला केमिकल डोपामाइन कैसे बनता है और इसे कैसे बढ़ाते हैं से संबंधित समस्त जानकारी आप प्राप्त कर चुके हैं। अतः अपने जीवन में योग अपनाएं और खुशियां लाएं। यही एक ऐसी स्थिति है जिसमें आप अपने मन में नैसर्गिक खुशी पैदा कर सकते हैं।

और तब जीवन के कोई भी तनाव और कोई भी परिस्थितियां आपको निराश, दुखी और बुझा हुआ सा नहीं बना सकती। अतः स्वस्थ रहें प्रसन्न रहें और इस पोस्ट को अपने परिजनों और मित्रों को भी अवश्य शेयर करें। ताकि उनका जीवन भी सुख मय हो सके।

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