वास्तु शास्त्र और डाइनिंग ; बड़े बड़े फैसले खाने की टेबल पर होते हैं क्यों ? Total Post View :- 825

वास्तु शास्त्र और डाइनिंग ; बड़े बड़े फैसले खाने की टेबल पर होते हैं क्यों ?

वास्तु शास्त्र और डाइनिंग , हमारे जीवन में भोजन का बहुत महत्व है। अक्सर आपने सुना होगा भोजन करते करते ही कई डील पक्की हो जाती हैं और बड़े-बड़े फैसले ले लिए जाते हैं।

आपने यह भी सुना होगा कि भोजन करते करते ही बड़े बड़े झगड़े यहां तक की हत्याएं तक हो जाती है । ऐसी स्थिति में डाइनिंग का एक विशेष महत्व आपके जीवन में प्रकट होता है।

इसके महत्व को समझें और अपने जीवन को डाइनिंग से एक नई दिशा दे कर के सफल और सार्थक बनाएं । आइए आज हम जानते हैं भोजन कक्ष में डाइनिंग टेबल या भोजन करने का स्थान कहां पर होना चाहिए।

डाइनिंग और वास्तु टिप्स !

  • जैसे की हम सभी जानते हैं कि चार मुख्य दिशाएं होती हैं ।
  • जिनमें की 3 दिशाएं सकारात्मक होती है और एक दिशा नकारात्मक होती है।
  • वह सकारात्मक दिशाएं हैं पूर्व, उत्तर और पश्चिम और नकारात्मक दिशा है दक्षिण।
  • स्कंद पुराण में दिशाओं के महत्व को बताते हुए कहा गया है कि पूर्व, उत्तर और पश्चिम दिशाएं सकारात्मक होती है ।
  • किंतु दक्षिण दिशा की ओर मुख करके खाने से वह भोजन प्रेतत्व प्रदान करता है।
  • पद्म पुराण में कहा गया है कि सर पर कपड़ा रखकर, पैरों में जूते पहनकर ,
  • और दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से प्रेतत्व की प्राप्ति होती है।
  • अतः पूर्व, पश्चिम और उत्तर की दिशा की ओर मुख करके ही भोजन किया जाना चाहिए।
  • वास्तु के मुताबिक घर के मुखिया को पूर्व दिशा की ओर मुख करके,
  • तथा बाकी सदस्यों को उत्तर और पश्चिम की ओर मुख करके भोजन करना चाहिए ।
  • इससे घर में सुख-शांति और खुशहाली आती है।

वास्तु शास्त्र और डाइनिंग में दिशाओं का महत्व !

  • पूर्व दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से व्यक्ति दीर्घायु होता है।
  • वही उत्तर दिशा की ओर मुख करके खाने से समृद्धि शाली होता है।
  • और पश्चिम दिशा में मुख करके भोजन करने से संपन्नता समृद्धि और आयु स्वास्थ्य तीनों ही प्राप्त होते हैं।
  • वहीं दक्षिण दिशा की ओर मुख करके खाने से ऐसा माना जाता है कि वह भोजन पितरों को प्राप्त होता है ।
  • कहीं-कहीं ब्राह्मण-भोजन, दक्षिण की ओर मुख करके कराए जाते हैं। जिससे वह भोजन हमारे पितरों को प्राप्त हो।
  • इसीलिए घर के सदस्यों को दक्षिण की ओर मुख करके भोजन नहीं करना चाहिए

डाइनिंग के अन्य वास्तु टिप्स !

  • डाइनिंग के टेबल पर हमेशा फलों से भरी टोकरी या अन्न से भरे हुए कांच के पॉट रखने चाहिए ।
  • जो कम से कम पांच अलग अलग अन्न से भरे हुए हों । इससे घर में संपन्नता आती है।
  • इसके अलावा पूर्व या उत्तर दिशा में आईना लगाना चाहिए जिससे आईने में टेबल पर रखा हुआ भोजन दिखता रहे ।
  • इससे घर में सुख समृद्धि आती है और अन्न के भंडार भरे रहते हैं।
  • भोजन कक्ष में सूर्यमुखी के फूलों का चित्र या झरने का चित्र लगाना चाहिए।
  • डाइनिंग टेबल सकारात्मक ऊर्जा का स्थान होता है जहां से हम सब भोजन ग्रहण करके जीवन में सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हैं।
  • सही स्थान के चयन वह दिशाओं की सकारात्मक प्रेरणा से से हम डाइनिंग की टेबल पर ही कई बड़े-बड़े फैसला ले लेते हैं जो हमारे जीवन को बदल कर रख देते हैं।
  • वहीं नकारात्मक दिशा का चयन हमारे जीवन और परिवार को को पूरी तरह बर्बाद कर देता है
  • जीवन में सुख शांति समृद्धि और बच्चों के सुसंस्कारित होने का सबसे बड़ा कारण हमारे भोजन का स्थान डाइनिंग ही है।

कहा जाता है जैसा खाए अन्न वैसा बने मन । अतः मन की शुद्धि के लिए सकारात्मक ऊर्जा से भरा भोजन ग्रहण करना चाहिए। वास्तु शास्त्र और डाइनिंग से संबंधित यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। हमारा उद्देश्य लोगों में अंधविश्वास या भ्रम पैदा करना नहीं है ।

बल्कि हमारे शास्त्रों और पुराणों से संबंधित जानकारी लोगों तक पहुंचाना और उन्हें स्वस्थ समृद्ध और सुखी जीवन प्रदान करना है। आज जिसे हम वास्तु शास्त्र के रूप में पढ़ते और समझते हैं यह पूरा ज्ञान बरसों पहले हमारी दादी नानी और घर के पूर्वज हमें बताया करते थे।

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