दांतों की सड़न और दर्द; कारण, लक्षण व इलाज - डॉ.अनन्या (डेंटिस्ट) की सलाह ! Total Post View :- 708

दांतों की सड़न और दर्द ; कारण, लक्षण व इलाज – डॉ.अनन्या (डेंटिस्ट) की सलाह !

दांतों की सड़न और दर्द होने के कारण लक्षण वह इलाज के बारे में जानिए डॉक्टर अनन्या की सलाह ! अक्सर हम दांतों में होने वाली छोटी मोटी तकलीफों को नजरअंदाज कर देते हैं। जिसके परिणाम में हमें बहुत नुकसान उठाना पड़ता है।

आज ऐसी ही समस्याओं को लेकर डॉक्टर अनन्या (डेंटिस्ट) द्वारा दी गई आवश्यक सलाह प्रस्तुत है। जिसमें दांतों की सड़न के कारण व दांतो मैं विभिन्न स्तरों पर होने वाली समस्याओं के बारे में बताया गया है। तो चलिए शुरू करते हैं

दांतों की सड़न की समस्या बहू घटकीय कारणों से होती है। दांतों की सड़न के विविध कारण है बैक्टीरिया, आपका ओरल एनवायरनमेंट और आपका खान-पान यह सब चीजें जब एक समय पर मिलती है तब दांतों में सड़न होती है।

दांतों की सड़न दर्द केे कारण !

  • जब हम कुछ खाते हैं तो वह खाद्य पदार्थ हमारे दांतो के बीच में या हमारे मुंह में अटका रह जाता है।
  • यह बैक्टीरिया के भोजन के रूप में काम करता है।
  • बैक्टीरिया इसको खाते हैं तथा पचाने के समय एसिड का स्त्राव करते हैं ।
  • यह एसिड हमारे दांतो को पिघलाता है। और इसी से दांतों में सड़न और कैविटी बनती है ।

दांतों की सड़न का स्तर व इलाज !

  • दातों के सड़न की प्रक्रिया 5 स्तरों पर होती है।
  • जिस को ध्यान में रखते हुए इलाज जल्द ही शुरू कर दिया जाना चाहिए।
  • प्रत्येक स्तर में दांतो को होने वाला नुकसान और रोग के बढ़ने की क्रिया निम्नानुसार होती है

1- इनिशियल डी मिनरलाइजेशन -(दांतो की सड़न (दर्द) का लक्षण)

  • हमारे दांतो में तीन सतह होती है ।
  • एनामेल, डेंटिन और पल्प।
  • जब एसिड का स्त्राव होता है तब इनेमल जो बाहर की सतह है उसमें इसका असर दिखता है।
  • दांत की सतह में सफेद चकते देखने को मिलते हैं।
  • इस शुरुआती चरण में डॉक्टर की सलाह पर फ्लोराइड एप्लीकेशन तथा फ्लोराइड टूथपेस्ट आदि का उपयोग करने को कहा जाता है।

2- इनेमल डीके – (दांतों में इनेमल की सड़न व दर्द होना) !

  • अगर दांतों के सड़न की प्रक्रिया यूं ही चलती रहे तो इनेमल में ब्राउन धब्बा देखने को मिलता है।
  • इनेमल के कमजोर हो जाने के कारण उसमें गड्ढे व छेद बनने लगते हैं।
  • इस स्टेज में सड़न को साफ करके सीमेंट से फिलिंग की जाती है।

3- डेंटिन डीके – दांतों की दूसरी सतह डेंटिन में सड़न (दर्द))!

  • इनेमल के नीचे की सतह को डेंटिन कहते हैं ।
  • यह इनेमल से नरम होती है ।
  • तथा जब इस पर सड़न पहुंच जाती है तो दातों में सेंसिटिविटी की शिकायत होती है।
  • अगर सड़न डेंटिन तक पहुंच जाती है तो डॉक्टर सलाह देते हैं की सफाई तथा फीलिंग के बाद दांतों में क्राउन लगवाया जाए जिससे सेंसटिविटी की शिकायत ना हो।

4- पल्प डैमेज – ( दांतों की तीसरी सतह पल्प में सड़न)!

  • पल्प दांत के सबसे अंदर उपस्थित टिशू होता है।
  • इसमें नसें और रक्त धमनियां पाए जाते हैं ।
  • इसीलिए जब सड़न पल्प तक पहुंच जाती है तब दांतों में दर्द की शिकायत होती है।
  • ऐसे में डॉक्टर इसमें रूट कैनाल की सलाह देते हैं।
  • दांत की हालत को देखते हुए इसे उखड़वाने की सलाह भी दे सकते हैं।

5 एब्सेस फार्मेशन – (दांतों में पस का बनना ) !

  • पल्प में इंफेक्शन पहुंच जाने के बाद भी अगर इलाज ना करवाया जाए तो पस बनने की समस्या आ सकती है।
  • इसमें दूसरे सिम्टम्स भी देखने को मिलते हैं ।
  • जैसे कि मसूड़ों तथा दांत के आसपास की स्किन में सूजन, बुखार ,दर्द ,लिंफ नोड में सूजन आदि।
  • ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर का परामर्श लेकर इलाज शुरू करवाना चाहिए ।
  • क्योंकि अगर इस स्थिति के बाद भी इंफेक्शन बढ़ता है तो यह हड्डी में भी प्रवेश कर सकता है और प्राणघातक स्थिति भी आ सकती हैं।

आज आपने दांतों की सड़न और दर्द ; कारण, लक्षण व इलाज – डॉ.अनन्या (डेंटिस्ट) की सलाह के बारे में जाना। आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर अवश्य करें।

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