एसिडिटी का तुरन्त इलाज करना चाहिए। इसे हल्के में नही लेना चाहिए । वरना यह समस्या बड़ा रूप धारण कर लेती है। लेकिन उचित आहार-विहार व लाइफस्टाइल से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। क्योंकि अनियमित खानपान और दिनचर्या ही एसिडिटी का कारण होती है
आज इस आर्टिकल में हम आपको एसिडिटी से तुरन्त राहत पाने के लिए घरेलू इलाज बताएंगे। लेकिन उससे पहले यह जानना जरूरी है कि एसिडिटी क्या व क्यों होती है, एसिडिटी होने पर क्या खाएं और क्या ना खाएं,और कैसी लाइफस्टाइल अपनायें।
एसिडिटी और सीने में जलन क्या होती है!
- हमारे आमाशय में भोजन को पचाने के लिए एसिड का स्राव होता रहता है।
- जिसे हाइड्रोक्लोरिक अम्ल कहते हैं और जठर में होने के कारण इसे जठराम्ल भी कहते हैं।
- इसे जठराग्नि भी कहते हैं यह जठराग्नि अमाशय में भोजन को पचाती है।
- अमाशय का मुख खुलता और बंद होता रहता है। जैसे ही भोजन हमारे पेट में जाता है ।
- उसी समय आमाशय का मुंह खुल जाता है भोजन अंदर जाते ही वह बंद हो जाता है।
- किंतु जब आमाशय का मुंह बंद नहीं हो पाता तो उसमें से भोजन को पचाने वाला एसिड बाहर आने लगता है,
- जो छाती (सीने) में और गले में जलन पैदा करता है यही एसिडिटी कहलाती है।
एसिडिटी क्यों होती है !
- अमाशय में बनने वाला एसिड जब बाहर निकलता है तब एसिडिटी होती है।
- तीखा भोजन, खट्टा सिरका युक्त भोजन, साधारण नमक चाय-काफी, धूम्रपान , फास्ट फूड, अचार,
- मक्खन कोल्ड्रिंक्स डिब्बे में बंद भोजन जंक फूड अनियमित समय में किया गया भोजन,
- गरिष्ठ भोजन मांसाहार शराब और पनीर यह सब एसिडिटी को जन्म देते हैं।
- लंबे समय तक भूखे रहना या बार-बार खाते रहना एवं अधिक भोजन करना भी एसिडिटी को बढ़ाता है।
- जितनी बार भी हम कुछ भी खाते हैं उतने ही बार आमाशय में एसिड का निर्माण होता है ।
- जैसे एक बिस्किट खाने या पूरा भोजन खाने पर दोनों ही स्थिति में एसिड एक ही मात्रा में बनता है।
- इस प्रकार बार-बार एसिड बनने से आमाशय का मुख खुल जाता है जिससे छाती और गले में जलन होती है।
एसिडिटी और गैस का इलाज में क्या खाना चाहिए !
- एसिडिटी की शुरुआत होते ही हमें सतर्कता पूर्वक अपने खानपान व दिनचर्या पर नियंत्रण कर लेना चाहिए ।
- ऐसी चीजों का उपयोग शुरू कर दें जिसमें फाइबर ज्यादा मात्रा में हो जैसे चावल, गेहूँ, जौ इत्यादि।
- दालों में मूंग दाल फल और सब्जियों में लौकी तोरई और मौसमी सब्जियां ।
- तथा फल पपीता सेव और पके केले खाना चाहिए।
- बार-बार थोड़ी थोड़ी सी चीजें नहीं खानी चाहिए।
- जब तक पहले का खाया हुआ ना पचे तब तक दोबारा नहीं खाना चाहिए।
- एसिड के शमन के लिए क्षार युक्त पदार्थ खाने चाहिए
एसिडिटी होने पर क्या नहीं खाना चाहिए !
- अनाज में नया धान, बेसन तथा दालों में कुलथ और उड़द की दाल बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए।
- सब्जियों में आलू, लिसोड़ा, बैगन और कंदमूल नहीं खाने चाहिए ।
- फलों में खट्टे फल जैसे नारंगी अंगूर नीबू बिल्कुल नहीं खाने चाहिए।
- नमक का सेवन कम करके अत्यधिक मिर्च मसाले और तेल लिए पदार्थ ना खाएं।
एसिडिटी का तुरन्त इलाज क्या है !
- एसिडिटी का होना एक आम समस्या है जो किसी को भी हो सकती है ।
- ऐसी स्थिति में एक नियम हमेशा बना लें जिसे करने पर आपको कभी भी ऐसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- अजवाइन और काला नमक एसिडिटी का रामबाण इलाज है। यह सचमुच बहुत कारगर उपाय है।
- भोजन करने की बाद चुटकी भर अजवाइन में काला नमक मिलाकर मुंह में दबाकर चूसने से एसिडिटी का तुरन्त इलाज हो जाता है ।
- इस बात का ध्यान रखें कि एसिड का गुण जलन पैदा करना है इसलिए ठंडी तासीर वाली चीजें उपयोग में लें।
- कभी भी ज्यादा गर्म भोजन एवं गर्म तासीर वाला भोजन ना खाएं।
एसिडिटी को सामान्य ना माने और इसका तत्काल उपचार करें। अन्यथा यह गंभीर रूप धारण करके अल्सर और अल्सर से कैंसर में परिवर्तित हो सकती है।
अपनी दिनचर्या और नियमित खानपान ही एसिडिटी का परमानेंट इलाज है , किन्तु यदि यह नियंत्रित ना हो तो चिकित्सक से परामर्श लेकर तत्काल उसका निदान करें। व अपनी हेल्थ का ध्यान रखें।
इस आर्टिकल में आपने पढ़ा एसिडिटी क्या और क्यों होती है। एसिडिटी होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए तथा एसिडिटी होने पर उसका तुरंत इलाज कैसे किया जा सकता है।
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