Do you know Your eyes are the reason for success in life | क्या आप जानते हैं; जीवन में सफलता का कारण आपकी आँखे हैं। जी हां! आँखे ज्ञान का द्वार है। आपके जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता का श्रेय आपकी आंखों को ही जाता है।
आज हम आपको जीवन में सफल होने के लिए आंखों का महत्व बताएगे। जिससे आप अवश्य सहमत होंगे। इन्हें हम कुछ बिंदुओं में समझेंगे कि किस प्रकार आंखें हमें विद्वान बनाती हैं।
क्या आप जानते हैं कि दुःख का अहसास आँखों से होता है!
- आपने महसूस किया होगा की रोने की आवाज सुनकर आपको दुख उत्पन्न नहीं होता ।
- जब किसी को रोता हुआ आप देखते हैं, तब आपको दुख की अनुभूति होती है ।
- किसी को चोट लगी है यह सुनकर आपको इतना दुख नहीं होता किंतु चोट को देखकर आपको दुख महसूस होता है।
- किसी के दुर्घटना की खबर सुनकर दुख की अनुभूति नहीं होती ।
- किंतु दुर्घटना होते हुए देखते ही हमारे हृदय में दर्द उत्पन्न हो जाता है ।
- अर्थात किसी घटनाक्रम को देखकर हमारी नेत्र इंद्रिय सक्रिय हो जाती है ।
- और यह मस्तिष्क को सूचना पहुंचाती है, जिससे प्रभावित संवेदना वाले अंग ज्ञान ग्रहण करते हैं।
- और संबंधित संवेदना उत्पन्न हो जाती है ।
घृणा का एहसास भी आंखों से होता है !
- घृणास्पद वस्तुओं का जिक्र होने से मन में उतनी घृणा उत्पन्न नहीं हो पाती ।
- किंतु घृणास्पद वस्तु को देखते ही तत्काल मस्तिष्क में घृणा का रिएक्शन होता है।
- हमारी आँखें किसी भी वस्तु को देखकर मस्तिष्क को अलर्ट करती हैं।
- हम फिर उसी के अनुसार रिएक्शन करते हैं।
सुख का अहसास भी आंखे कराती हैं
- खुशी का अहसास भी देखकर होता है।
- किसी को हंसते देखकर तुंरत हमारे चेहरे में भी प्रतिक्रिया होती है।
- चेहरे से तत्काल तनाव दूर होता है और हल्की सी मुस्कान अपने आप आ जाती है।
- जब हम तनाव में या दुःख में होते हैं तो खुशी के माहौल में जाते ही हमारा तनाव और दुःख कम हो जाता है।
- इस प्रकार सारी परिस्थितियों का अहसास हमें आसपास का वातावरण देखकर ही होता है।
क्रोध देखकर ही क्रोध तेजी से उतपन्न होता है
- अक्सर किसी दूसरे को क्रोध करते देखकर ही क्रोध उतपन्न हो जाता है।
- कहा जाता है कि लड़ाई झगड़े वाले स्थान में खड़े रहने से आप भी लड़ाई-झगड़ा करने में आ सकते हैं।
भक्तिभाव आँखों से देखकर उत्पन्न होता है
- मंदिर में जाते ही भक्तिभाव पैदा हो जाता है। यह सब आंखों से देखने से होता है।
- लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि नेत्रहीन को कुछ अहसास नहीं होता।
- यहां हम केवल उनकी बात कर रहे हैं जिनकी आंखे हैण।
- यह सच है कि आंखे ज्ञान का द्वार है। जब तक ये खुली रहती है तो हमे ज्ञान का अहसास कराती रहती हैं।
बच्चे केवल देखकर सीखते हैं
- सबसे बड़ा उदाहरण बच्चे हैं। जिनके पास बुद्धि भी कम होती है।
- वे सारी चीजें उस समय सीख लेते हैं, जब उन्हें बोलना तक नहीं आता।
- छोटे बच्चे अपने पेरेंट्स को देखकर हो सब सीखते हैं।
- यहां तक कि छिप कर देखते हैं और सीख जाते हैं।
- कहने का मतलब है कि आंखों का ग्रासपिंग पॉवर बहुत तेज होता है।
- कुछ लोग बहुत सी बातें/ चीजें / काम केवल एक बार देखकर सीख लेते हैं।
आँखों से ही देखकर बच्चे अपराध करना सीखते हैं
- दिनरात आंखों के सामने होने वाली आपराधिक घटनाओं को देखकर अपराध करना सीख जाते हैं।
- टीवी, मोबाइल में चल रहे सीरियल व घटनाक्रम को सब आसानी से सीख जाते हैं।
निष्कर्ष | Do you know Your eyes are the reason for success in life
उपरोक्त बातों का मतलब आंखों के महत्व से है। ये आंखे हमें विद्वान बना सकती हैं। ये हमे अपराधी बनाती हैं तो कहीं हमे दुखी व सुखी कर देती हैं।
आप जो कुछ भी अपने जीवन मे करना चाहते हैं, उसे अपनी आंखों के सामने रखें। पढ़ें, देखें, व करें। और आप देखेंगे कि आप अपनी मंजिल पर खड़े हैं।
आशा है आपको Do you know Your eyes are the reason for success in life से सम्बंधित लेख अच्छा लगा होगा। आप भी अपने विचारों को कमेंट के माध्यम से जोड़ सकते हैं।
लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद
नमस्कार! मैं रेखा दीक्षित एडवोकेट, मैं एडवोकेट ब्लॉगर व युट्यूबर हूं । अपने प्रयास से अपने पाठकों के जीवन की समस्याओं को दूर कर ,जीवन में उत्साह लाकर खुशियां बांटना चाहती हूँ। अपने अनुभव एवं ज्ञान के आधार पर मैंने अपने ब्लॉक को सजाया संवारा है, जिसमें आपको योग ,धार्मिक, दर्शन, व्रत-त्योहार , महापुरुषों से संबंधित प्रेरक प्रसंग, जीवन दर्शन, स्वास्थ्य , मनोविज्ञान, सामाजिक विकृतियों, सामाजिक कुरीतियां,धार्मिक ग्रंथ, विधि संबंधी, जानकारी, स्वरचित कविताएं एवं रोचक कहानियां एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां उपलब्ध हो सकेंगी । संपर्क करें : info.indiantreasure@gmail.com