नमस्कार दोस्तों! आकाश चिकित्सा से करें सभी बीमारियों का इलाज। यह हमारे ऋषियों की बताई हुई आयुर्वेदिक परंपरा है। जिसे हम उपवास कहते हैं। जितनी भी बीमारियां हैं सभी की सबसे बड़ी औषधि उपवास ही है।
आयुर्वेद में कहा गया है लंघनम परम औषधम। अर्थात उपवास सबसे बड़ी औषधि है। आपने देखा होगा कि अस्पतालों में भी जब मरीज को भर्ती किया जाता है। तो सबसे पहले नियंत्रण उसके भोजन पर ही किया जाता है।
आकाश चिकित्सा से समस्त रोगों का इलाज किया जाता है। ऐसे रोग जिनसे आप थक चुके हो। चाहे वह मोटापा हो या घुटने के दर्द हों। या शरीर के किसी भी अंग में किसी भी प्रकार की कोई भी बीमारी हो। जो बहुत प्रयासों के बाद भी ठीक ना हो रही हो। तब आप आकाश चिकित्सा से उसका निदान करें।
यह चिकित्सा हमारी पुरानी आयुर्वेद परंपरा से ही ली गई है। उपवास का विधान भी इसी चिकित्सा को ध्यान में रखकर बनाया गया है। आज हम आकाश चिकित्सा के संबंध में चर्चा करेंगे। इसे अंत तक ध्यान से समझकर पढियेगा। यह बहुत ही उपयोगी जानकारी है जो आपको कहीं और नहीं मिलेगी।
आकाश चिकित्सा क्या है!
- आकाश का मतलब होता है शून्य, खाली जगह या स्पेस।
- प्रतिदिन के जीवन में होने वाले कार्यों से जब कभी कुछ रिलैक्स मिलता है।
- तो हमारा मन बहुत ही हल्का महसूस करता है और एक ख़ुशी का एहसास होता है।
- इस समय हम कुछ अलग कुछ नया और कुछ क्रिएटिव
- उसी प्रकार प्रतिदिन के रूटीन में हम जो भी भोजन करते हैं उसको कुछ समय के लिए त्याग करना ही
- आकाश चिकित्सा या उपवास कहलाता है। जिससे हमारे शरीर को बहुत आराम मिलता है।
- अर्थात जब हम कुछ भी खाते पीते रहते हैं तब हमारा ब्लड पेट की ओर भोजन को पचाने में ही लगा रहता है।
- जिससे बाकी के अंग निष्क्रिय होने लगते हैं और हम बीमार भी पड़ जाते हैं।
- लेकिन जैसे ही हम लंघन या उपवास करते हैं तब यह ब्लड पूरे शरीर में दौड़ता है।
- और यह शरीर के सारे अंगों को एक्टिव बनाकर रखता है जिससे हम स्वस्थ रहते हैं।
पशु पक्षियों द्वारा आकाश चिकित्सा!
- आपने यह भी देखा होगा कि पशु पक्षी तक उपवास रखते हैं।
- उनके पास कोई डॉक्टर नहीं है उनका इलाज करने के लिए।
- वह स्वयं ही इस आकाश चिकित्सा (उपवास) को अपनाकर अपने स्वास्थ्य को स्वयं ठीक कर लेते हैं।
- आपने यह भी देखा होगा कि सायंकाल के बाद से भी पशु पक्षी भोजन नहीं करते।
- अर्थात किसी भी प्रकार का चारा या अन्न ग्रहण नहीं करते हैं।
- यह भी इसी आकाश चिकित्सा उपवास का एक अंग है।
आकाश चिकित्सा से करें सभी बीमारियों का इलाज!
- जब किसी भी बीमारी का इलाज करने में आप नाकामयाब हो जाएं।
- और आपको लगे कि यह बीमारी तो अब साथ ही जाएगी तब ऐसी स्थिति में आप लंघन करें।
- उपवास या आकाश चिकित्सा से इसका इलाज करें।
- इसके द्वारा आश्चर्यजनक चमत्कारिक परिणाम आपके सामने आएंगे।
- और धीरे-धीरे बीमारी स्वतः ही समाप्त हो जाती है। इसके लिए आप योग्य चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
- क्योंकि प्रत्येक शरीर की अलग-अलग आवश्यकता होती है।
- और हमें उस आवश्यकता को सुनकर ही उस तरह का व्यवहार शरीर के साथ करना चाहिए।
- किसी कैपेसिटी 1 दिन उपवास रखने की होती है किसी की 2 दिन और
- किसी की एक टाइम भी उपवास रखने की प्रवृत्ति नहीं होती।
- अतः तब एक एक चीज का लंघन करके इस चिकित्सा को करना चाहिए।
- जैसे किसी दिन एक अन्न् खाए रोटी या चावल। फिर किसी दिन केवल फल खाएं।
- किसी दिन सूप, जूस दूध से करें। कभी-कभी शाम का भोजन बंद रखें।
- यह भी उपवास या लंघन का एक तरीका होता है।
- आयुर्वेद के अनुसार एक व्यक्ति 21 दिन तक उपवास में रह सकता है।
- किंतु यह व्यक्ति की शारीरिक क्षमता पर ही निर्भर करता है। अन्यथा भूखे रहने से बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।
ऐसे व्यक्ति ना करें आकाश चिकित्सा से अपना इलाज!
- जिन व्यक्तियों को डायबिटीज की बीमारी हो ऐसे व्यक्ति आकाश चिकित्सा से अपना इलाज ना करें।
- दूसरा लो ब्लड प्रेशर वाले मरीज भी इस चिकित्सा को ना अपनाएं।
- क्योंकि भूखे रहने से ब्लड प्रेशर और लो हो जाता है।
- हमारे ऋषियों की की परंपराओं को याद रखने के उद्देश्य से हमने यह जानकारी आपको देने का प्रयास किया है।
- ताकि इसे अपनाकर आप अपनी जीवनशैली में उचित सुधार लाकर स्वस्थ व प्रसन्न रह सकें।
- इस चिकित्सा के संबंध में महत्वपूर्ण वीडियो भी प्रस्तुत है जिसे सुनकर आप अपने जीवन को सुगम बना सकते हैं।
- https://youtu.be/Mj8piH1_ru8
आकाश चिकित्सा से करें सभी बीमारियों का इलाज से संबंधित यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इससे अपने मित्रों व परिजनों को अवश्य शेयर करें।
और ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए देखते रहें आपकी अपनी वेबसाइट
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