जामुन खाने के फायदे बहुत से हैं। यह पथरी तक को आसानी से गला देता है। प्रकृति ने मौसम के अनुसार हमारे शरीर के लिए खानपान की पर्याप्त व्यवस्था कर रखी है। जिसे सही तरीके से सेवन कर हम निरोगी रह सकते हैं ।
उसी में यह फल जामुन भी शामिल है। इसके बीज, छाल, पत्ते सभी कुछ बहुत ही उपयोगी और औषधि युक्त होते हैं। गर्मी के मौसम में आने वाला यह फल गर्मियों की समस्त बीमारियों को शमन करने वाला होता है। आयुर्वेद में मौसमी फल खाने का नियम बताया गया है।
दरअसल मौसम में आने वाले फल उस मौसम की तासीर के अनुसार उत्पन्न होते हैं और यह शरीर से उस मौसम में होने वाली विकृति या बीमारी को दूर करने की सामर्थ्य रखते हैं। इसीलिए मौसमी फल खाने की सलाह दी जाती है।
जामुन के क्या फायदे हैं !
- यह बच्चों की सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है।
- मधुमेह के रोगियों के लिए यह रामबाण है ।
- और पेट से संबंधित समस्त बीमारियों को दूर करता है।
- आंखों, दातों और किडनी के लिए यह सर्वोत्तम माना गया है। इसके सेवन से सम्बन्धित सभी रोग दूर हो जाते हैं।
- यह पाचन क्षमता को बढ़ाता है और भूख भी बढ़ाता है।
- इसकी पाचन क्षमता के लिए बुजुर्गों द्वारा यह तक कहा जाता है,
- कि यदि पेट में अंदर कोई बाल भी पहुंच जाता है तो उसे भी यह गला देता है फिर पथरी की क्या बात है।
- यह पाचन संबंधी रोगों को दूर करता ही है और मूत्र संबंधी विकारों को भी समाप्त कर देता है।
- इसमें फाइबर बहुत मात्रा में पाया जाता है ।
- तथा आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन और फाइबर तथा कार्बोहाइड्रेट भी पाया जाता है।
- जिसके कारण यह शरीर में खून की कमी नहीं होने देता है ।
- हड्डियों को मजबूत करता है और मोटापे को भी दूर करता है।
- मधुमेह है और किडनी में पथरी की समस्या के लिए इसके बीज अर्थात गुठली का प्रयोग किया जाता है।
- दांत दर्द होने पर जामुन के पत्तों को जलाकर उसकी राख से मंजन करने पर दांत दर्द दूर हो जाता है।
जामुन खाने का तरीका !
- जामुन गर्मियों का फल है और इसमें वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को शांत करने की या बैलेंस करने की क्षमता होती है।
- केवल शरीर की प्रकृति के अनुसार इसकी मात्रा घटाई या बढ़ाई जाती है ।
- जैसे पित्त प्रकृति मतलब गर्मी की अधिकता का होना, इसे शांत करने के लिए जामुन बहुत ही उपयुक्त मौसमी फल होता है।
- अतः पित्त प्रकृति वाले इसे जितनी मर्जी चाहे खा सकते है। यह शरीर के किसी भी हिस्से की जलन को भी शांत कर देता है।
- पित्त प्रकृति वालों के लिए यह कहा गया है कि दोनों हाथों से अंजुरी बनाने पर जितनी जामुन उसमें आ जाए उतनी खा लेनी चाहिए।
- कफ प्रकृति वाले के लिए भी जामुन हितकारी होता है।
- यद्यपि जामुन ठंडी तासीर का होता है फिर भी यह गले से कफ को हटाता है।
- तथा श्वास संबंधी और कफ संबंधी रोगों में फायदा करता है।
- कफ प्रकृति के लोगों को प्रतिदिन 5-6 जामुन ही खानी चाहिए।
- इसी प्रकार वात प्रकृति वाले रोगों में भी जामुन बहुत ही फायदेमंद होता है।
- किंतु इसकी मात्रा कम होनी चाहिए।
- वात प्रकृति वाले व्यक्तियों को प्रतिदिन 8-10 जामुन खाने चाहिए।
जामुन खाने का सही समय !
- वैसे तो जामुन दिन में कभी भी खाई जा सकती है।
- किंतु इसे भोजन से पूर्व खाना बहुत फायदेमंद होता है।
- और यदि भोजन के बाद खाना चाहें तो लगभग डेढ़ घंटे बाद इसे खाना चाहिए।
- जामुन सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए अत्यंत हितकारी होती है।
- कम से कम पांच छह जामुन प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन अवश्य खाना चाहिए।
- जितना बड़ा और गूदेदार यह फल होता है उतना ही फायदेमंद होता है ।
- इससे वर्ष भर के लिए शरीर को पर्याप्त पोषण प्राप्त होता है और शरीर की सफाई भी हो जाती है।
इस प्रकार यह छोटा सा फल अनगिनत फायदे लेकर हमारे जीवन में वर्ष में एक बार अवश्य आता है।
अतः इसे नजरअंदाज ना करते हुए प्रतिदिन इसका सेवन करें। अब आप जामुन खाने के फायदे अच्छी तरह जान चुके हैं। आशा है आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी । अतः इसे अवश्य शेयर करें और ऐसी ही रोचक व महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए देखते रहे आपकी अपनी वेबसाइट
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