विद्यार्थियों के लिए लाभकारी सिद्धासन व बद्धयोनिआसन – करने का तरीका व लाभ ; विद्यार्थियों के जीवन ने अनुशासन व एकाग्रता का होना बहुत जरूरी है। योगासन के नियमित अभ्यास से एकाग्रता लायी जा सकती है।
सिद्धासन व बद्धयोनिआसन के नियमित अभ्यास से एकाग्रचित्त होने में मदद मिलती है । आइए जानते हैं सिद्धासन व बद्धयोनिआसन करने का आसान तरीका व उसके लाभ
विद्यार्थियों के लिए लाभकारी सिद्धासन

विधि-
- बाँये पाँव की एड़ी को गुदा तथा मूत्र मार्ग के मध्य वाले कोमल स्थान पर जमाकर,
- दाँये पाँव को बायीं जाँघ पर जमाकर बैठें। इस स्थिति में 15 मिनट तक बैठा जा सकता है।
लाभ-
- इससे मन एकाग्र तथा शान्त होता है एवं ध्यान करने में सुविधा प्राप्त होती है ।
- अर्श (बवासीर), गुदा रोग तथा जननेन्द्रिय सम्बन्धी दोषों को दूर करने में भी यह आसन हितकर सिद्ध होता है।
विद्यार्थियों के लिए लाभकारी बद्धयोनि-आसन

विधि-
- ‘सिद्धासन’ में बैठकर अपने होठों को सीटी बजाने की भाँति गोल करें तथा सिसकारी-सी भरते हुए मुँह से भीतर की ओर श्वास खींचें।
- श्वास खींचते हुए सिर को धीरे-धीरे पीछे की ओर ले जायें।
- अब अंगूठे से कान, तर्जनी से आँखें, मध्यमा से नाक के दोनों छिद्र तथा
- अनामिका एवं कनिष्ठका अंगुलियों को होठों के ऊपर-नीचे जमाकर, होठों को दबा लें, तथा
- ‘आभ्यन्तरिक कुम्भक’ करते हुए, उक्त स्थिति में ही सिर को छाती पर इतना नीचे लायें कि ‘जालन्धर बन्ध’ लग जाये।
- श्वास को यथाशक्ति रोके रहें ।
- इसके बाद सिर को थोड़ा उठाकर, सामने लाते हुए आँखें खोल दें, तथा
- नासा छिद्रों से लगातार इतनी देर तक साँस छोड़ें कि उसमें श्वास लेते समय से तीन गुना अधिक समय लगे ।
- उक्त स्थिति में 10 सैकिण्ड 1 मिनट तक रहें तथा इस अभ्यास को 2 से 4 बार तक ही दुहरायें।
- ‘योनि-मुद्रा’-‘ पद्मासन’ अथवा ‘वज्रासन’ की स्थिति में बैठकर उपर्युक्त आसन करने को ‘योनि-मुद्रा’ अथवा ‘ षष्ठमुखी-मुद्रा’ कहा जाता है।
लाभ-
- बद्धयोनि आसन अथवा द्वारा बाहरी विक्षेपों से हटाकर गहरे ध्यान में उतारने में सहायता मिलती है।
- इससे मन एकाग्र होता है तथा आन्तरिक ध्वनियां स्पष्ट रूप से सुनाई देती हैं।
- नाद-योग को सुनने का यह श्रेष्ठ आसन है।
निष्कर्ष
कहते हैं पहला सुख निरोगी काया। जी हाँ ! स्वस्थ शरीर मे ही प्रसन्नता का वास होता है। सारे सुख शरीर स्वस्थ होने पर ही लाभ पहुंचाते हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित योगासन करना आवश्यक है।
आयुर्वेद में योगासन का बड़ा महत्व है। 84 योगासन में पदमासन, भुजंगासन, शलभासन आदि अनेकों योगासन शामिल किए गए हैं। इसी कड़ी में आज आपने विद्यार्थियों के लिए लाभकारी सिद्धासन व बद्धयोनिआसन – करने का तरीका व लाभ जाने।
आशा है आपको यह जानकारी अवश्य अच्छी लगी होगी। लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद!
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