puran daan ; नारद पुराण में यह कहा गया है, कि पुराण दान करने से, समस्त पृथ्वी को दान करने का फल प्राप्त होता है। पिछले अंक में हमने Daan : पुराण दान करने की विधि व फल में 18 पुराण के नाम बताए थे एवं 6 पुराणों के दान करने की विधि और उससे मिलने वाले फल के बारे में जानकारी दी थी।
अभी तक हम ब्रह्म पुराण, पद्म पुराण, विष्णु पुराण, वायु पुराण, श्रीमद्भागवत पुराण और नारद पुराण के बारे में जान चुके हैं। आज हम जानेंगे मार्कंडेय पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्म वैवर्त पुराण, लिंग पुराण और वराह पुराण के बारे में।
तो चलिए बिना देर किए शुरू करते हैं 18 पुराण के नाम और उन्हें किस माह में दान किया जाना चाहिए से संबंधित जानकारी के साथ
18 पुराण के नाम व पुराण दान करने का मास
Sl. No. | पुराण का नाम | पुराण दान करने का मास |
1. | ब्रह्म पुराण | वैशाख मास की पूर्णिमा |
2. | पद्म पुराण | ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा |
3. | विष्णु पुराण | आषाढ़ मास की पूर्णिमा |
4. | वायु पुराण | श्रावण मास की पूर्णिमा |
5. | श्रीमद्भागवत पुराण | भाद्रपद मास की पूर्णिमा |
6. | नारद पुराण | अश्विन मास की पूर्णिमा |
7. | मार्कंडेय पुराण | कार्तिक मास की पूर्णिमा |
8. | अग्नि पुराण | मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा |
9. | भविष्य पुराण | पौष मास की पूर्णिमा |
10. | ब्रह्मा वैवर्त पुराण | माघ मास की पूर्णिमा |
11. | लिंग पुराण | फाल्गुन मास की पूर्णिमा |
12. | वाराह पुराण | चैत्र मास की पूर्णिमा |
13. | स्कंद पुराण | माघ मास या चैत्र मास की पूर्णिमा |
14. | वामन पुराण | शरद पूर्णिमा, विशुव संक्रांति |
15. | कुर्म पुराण | आयन आरंभ के दिन |
16. | मत्स्य पुराण | विशुव योग जब दिन और रात समान होते हैं |
17. | गरुड़ पुराण | चैत्र मास की पूर्णिमा |
18. | ब्रह्मांड पुराण | वैशाख पूर्णिमा, विषुवयोग |
पुराण के दान करने की विधि व फल
- पिछले अंक में हमने ब्रम्ह पुराण, पद्म पुराण, विष्णु पुराण, वायु पुराण, श्रीमद्भागवत पुराण और नारद पुराण के दान करने की विधि बताई थी।
- पुराण दान करने के फल के बारे में भी जानकारी दी थी आज हम आगे के 6 पुराणों के बारे में दान करने की विधि व फल के बारे में जानेंगे ।
1- मार्कण्डेय पुराण दान (puran daan) करने की विधि
- मार्कंडेय पुराण में 9000 श्लोक हैं।
- इस पुराण का दान कार्तिक मास की पूर्णिमा को किया जाता है।
- इसे लिखकर हाथी की सोने की मूर्ति के साथ दान करना चाहिए ।
- यह पुराण किसी दुर्गा भक्त, जितेंद्रिय, ब्राम्हण को दान किया जाना चाहिए।
मार्कण्डेय पुराण दान करने का फल
- जो भी व्यक्ति मार्कंडेय पुराण का दान करता है, उसे ब्रह्म पद की प्राप्ति होती है।
- पुराण की मात्र विषय सूची के पढ़ने या सुनने या पुराण के पढ़ने और सुनने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है
2- अग्नि पुराण दान (puran daan) करने की विधि
- अग्नि पुराण में 15000 श्लोक हैं।
- यह मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को दान करना चाहिए ।
- अग्नि पुराण का दान लिखकर, स्वर्ण मय कमल एवं तिलधेनु के साथ करना चाहिए।
- इस पुराण का दान किसी सुपात्र पौराणिक ब्राम्हण को किया जाना चाहिए।
पवित्र अग्नि पुराण दान करने का फल
- अग्नि पुराण दान करने से स्वर्ग लोक में प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
- यह इहलोक और परलोक में मोक्ष की प्राप्ति कराता है।
- पुराण एवं विषय सूची के पठन या श्रवण का फल पुराण पढ़ने के समान है
3- भविष्य पुराण दान (puran daan) करने की विधि
- भविष्य पुराण में 14000 श्लोक हैं।
- इसका दान पौष मास की पूर्णिमा को करना चाहिए।
- दान करने की विधि इस प्रकार है कि इसे लिखकर गुड़धेनु के साथ, स्वर्ण, वस्त्र, माला, आभूषण, धूप, दीप से पूजन करके दान करना चाहिए।
- परम भविष्य पुराण का दान पुरणवेत्ता ब्राम्हण को ही करना चाहिए।
भविष्य पुराण दान करने का फल
- भविष्य पुराण के दान करने का बहुत महत्व बताया गया है इसका दान सर्व सिद्धि प्रदायक भयंकर पाठकों से मुक्त होकर ब्रह्म लोगों को ले जाने वाला होता है।
- पुराण एवं विषय सूची के पढ़ने या सुनने से भोग एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है ।
4- ब्रम्ह वैवर्त पुराण दान (puran daan) करने की विधि
- ब्रह्मवैवर्त पुराण में 18000 श्लोक हैं।
- इसका दान माघ मास की पूर्णिमा को करना चाहिए।
- ब्रह्मवैवर्त पुराण को लिखकर, प्रत्यक्ष धेनु के साथ दान करना चाहिए।
- दानदाता हमेशा ब्रह्म वैवर्त पुराण को किसी श्रोत्रीय कुलीन ईश्वर भक्त और श्रेष्ठ ब्राम्हण को ही दान करें।
ब्रह्म वैवर्त पुराण दान करने का फल
- ब्रह्म वैवर्त पुराण के दान करने से संसार सागर से मुक्ति प्राप्त होती है।
- इस पुराण के पढ़ने व सुनने तथा इसके विषय सूची के पढ़ने या सुनने से भगवान श्री कृष्ण की कृपा से आप को इच्छित फल प्राप्त होता है ।
5- लिंग पुराण दान (puran daan) करने की विधि
- लिंग पुराण में 11000 श्लोक है।
- इसका दान फाल्गुन मास की पूर्णिमा को किया जाना चाहिए।
- लिंग पुराण को लिखकर तिलधेनु के साथ दान करना चाहिए।
- यह दान किसी तपस्वी, जितेंद्रिय, शिवभक्त और वेदाभ्यासी ब्राह्मण को किया जाना चाहिए।
लिंग पुराण दान करने का फल
- लिंग पुराण के दान करने से पाप का नाश होता है।
- उत्तम भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है
- शिवलोक एवं विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।
- पुराण के पढ़ने और विषय सूची के पढ़ने या सुनने से शिवलोक एवं शिव भक्ति की प्राप्ति होती है।
6- वाराह पुराण दान (puran daan) करने की विधि
- वाराह पुराण में 24000 श्लोक है।
- इसका दान चैत्र मास की पूर्णिमा को किया जाना चाहिए।
- वाराह पुराण को लिखकर सोने के गरुड़ की प्रतिमा बनवा कर, तिलधेनु के साथ भक्ति पूर्वक पूजन कर, दान किया जाना चाहिए।
- दान सुपात्र को किया जाना चाहिए। दान ग्रहीता संतुष्ट, विनयी, ज्ञानी, शांत, विष्णु भक्त, ब्राम्हण होना चाहिए।
वाराह पुराण दान (puran daan) करने का फल
- वाराह पुराण को दान (puran daan) करने से देवता और महर्षि प्रसन्न होते हैं।
- तथा दानदाता इनसे वंदित होकर भगवान विष्णु के धाम को प्राप्त करता है।
- पुराण को पढ़ने एवं विषय सूची के पढ़ने और सुनने से भगवान विष्णु की भक्ति की प्राप्ति होती है।
- अतः पुराणों का अध्ययन नित्य प्रति अवश्य करते रहना चाहिए।
दो शब्द
- आज के आर्टिकल Puran Daan- पुराण दान करने की विधि एवं फल में आपने मार्कंडेय पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्म वैवर्त पुराण, लिंग पुराण और वाराह पुराण के दान के संबंध में जाना।
- पुराणों का दान कितना महत्वपूर्ण है, यह जानकर आपके मन में भी अवश्य पुराणों को दान करने की इच्छा हुई होगी। अतः सुपात्र को देखकर इसका दान अवश्य करें।
- पुराण सभी के घर में होनी चाहिए । इनमें जीवन के कल्याण की समस्त बातें बताई गई हैं। तथा भगवान के चरित्रों का वर्णन भी किया गया है।
- आशा है आपको हमारे द्वारा प्रस्तुत यह लेख “Puran Daan- पुराण दान करने की विधि एवं फल से संबंधित जानकारी पढ़कर अच्छा लगा होगा
- इस लेख को लिख पाना हमारी रिसर्च टीम के अथक प्रयास से संभव हो सका है ।
- अपना कीमती समय निकालकर इस लेख को पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद ।
- अभी तक आप 12 पुराणों के दान के बारे में जान चुके हैं अब अगले अंक में शेष 6 पुराणों के बारे में जानकारी देंगे
नमस्कार! मैं रेखा दीक्षित एडवोकेट, मैं एडवोकेट ब्लॉगर व युट्यूबर हूं । अपने प्रयास से अपने पाठकों के जीवन की समस्याओं को दूर कर ,जीवन में उत्साह लाकर खुशियां बांटना चाहती हूँ। अपने अनुभव एवं ज्ञान के आधार पर मैंने अपने ब्लॉक को सजाया संवारा है, जिसमें आपको योग ,धार्मिक, दर्शन, व्रत-त्योहार , महापुरुषों से संबंधित प्रेरक प्रसंग, जीवन दर्शन, स्वास्थ्य , मनोविज्ञान, सामाजिक विकृतियों, सामाजिक कुरीतियां,धार्मिक ग्रंथ, विधि संबंधी, जानकारी, स्वरचित कविताएं एवं रोचक कहानियां एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां उपलब्ध हो सकेंगी । संपर्क करें : info.indiantreasure@gmail.com