Daan ; 18 पुराणों के नाम, दान विधि फल Total Post View :- 2552

Daan ; 18 पुराणों के नाम, दान विधि फल

Daan ; नारद पुराण में 18 पुराण बताए गए हैं । आज हम आपको बताएंगे कि इन अठारह पुराणों का दान ( puran daan) कब करना चाहिए। और किस प्रकार करना चाहिए। सदग्रंथों के दान से समस्त पृथ्वी के दान का फल प्राप्त हो जाता है ।

इनमें सदाचार, ज्ञान, भक्ति, उपासना, लोक व्यवहार का ज्ञान रहता है। जो आत्म कल्याण के लिए आवश्यक है। अतः इनके दान से केवल पुण्य ही प्राप्त नहीं होता । बल्कि इसको पाने वाले तथा परिवार जन भी ग्रंथ के अध्ययन से लाभ प्राप्त करते हैं।

अतः ग्रंथों का दान सभी के लिए बहुत उपयोगी है। सदग्रंथ ऋषियों की वाणी है । इसमें भगवत संबंधी बातें रहती है ।इसलिए ग्रंथों को भगवान की मूर्ति कहा जाता है।

जैसे भगवान की मूर्ति की आराधना और उपासना की जाती है वैसे ही ग्रंथों की भी आराधना होती है । इसीलिए यह दान महान कल्याणकारी है।

इस दान को अतिदान कहा गया है। साथ ही यह ग्रंथ विद्या रूप हैं । सरस्वती के समान हैं । इसलिए भी इनकी विशेष महिमा है । जानते हैं 18 पुराणों के दान करने की विधि | 18 Puraano Ke Daan Karne Ki Vidhi

18 पुराणों के नाम व उन्हें दान (daan) करने का माह

आपकी सुविधा के लिए नीचे टेबल में पुराणों के नाम व जिस माह में इन्हें दान किया जाना है उस माह का नाम बताया जा रहा है

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पुराण का नामकिस माह में दान करें
1.ब्रह्म पुराणवैशाख मास की पूर्णिमा में
2.पद्म पुराणजेष्ठ मास की पूर्णिमा
3.विष्णु पुराणआषाढ़ मास की पूर्णिमा
4.वायु पुराणश्रावण मास की पूर्णिमा
5.श्रीमद्भागवत पुराणभाद्रपद मास की पूर्णिमा
6.नारद पुराणआश्विन मास की पूर्णिमा
7.मार्कंडेय पुराणकार्तिक मास की पूर्णिमा
8.अग्नि पुराणमार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा
9.भविष्य पुराणपौष मास की पूर्णिमा
10.ब्रह्म वैवर्त पुराणमाघ मास की पूर्णिमा
11.लिंग पुराणफाल्गुन मास की पूर्णिमा
12.वाराह पुराणचैत्र मास की पूर्णिमा
13.स्कंद पुराणमाघ या चैत्र की पूर्णिमा
14.वामन पुराणशरद पूर्णिमा या विषुव संक्रांति
15.कूर्म पुराणअयनारम्भ के दिन
16.मत्स्य पुराणविशुवयोग अर्थात जब रात दिन समान हों
17.गरुड़ पुराणचैत्र मास की पूर्णिमा
18.ब्रह्मांड पुराणवैशाख पूर्णिमा, विषुवयोग
18 puraan ke naam v daan krne ka maah

पुराणों के दान (daan) करने की विधि

  • यदि आप पुराण दान करने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए अति उत्तम होगी ।
  • नारद पुराण के अनुसार समस्त अठारह पुराणों के दान (daan) करने की विधि बताई गई है।
  • दान करने वाले व्यक्ति को दान का क्या फल प्राप्त होता है, इसके बारे में बताया गया है। जो संक्षेप में निम्नानुसार है

1- ब्रह्म पुराण के दान (daan) की विधि

  • ब्रह्म पुराण में 10000 श्लोक हैं ।
  • इसका दान वैशाख मास की पूर्णिमा को किया जाता है।
  • इसे लिखकर जल, गाय, अन्न, वस्त्र, स्वर्ण आभूषण सहित दान करना चाहिए ।
  • पुराण दान हमेशा सदाचारी ब्राम्हण को करना चाहिए।

ब्रह्म पुराण के दान (daan) का फल

  • जो भी व्यक्ति ब्रह्म पुराण का दान करता है, उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।
  • सूर्य चंद्र की रहते तक वह ब्रह्म लोक में निवास करता है।
  • पुराण एवं विषय सूची के पढ़ने मात्र से या सुनने से पाठक एवं श्रोता को संपूर्ण पुराण के पाठ एवं श्रवण का फल प्राप्त होता है।

2. पद्म पुराण के दान (daan) करने की विधि

  • पद्म पुराण में 55000 श्लोक हैं।
  • इसका दान ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को किया जाता है।
  • इससे बड़े सम्मान पूर्वक दान करना चाहिए।
  • नारद पुराण के अनुसार इसे लिखवा कर सोने के कमल के साथ दान करना चाहिए।
  • पद्म पराण को पुराण के जाने वाले योग निष्ठ धर्मात्मा या श्रेष्ठ मनुष्य को दान करना चाहिए ।

पद्म पुराण के दान (daan) करने का फल

  • पुराण एवं विषय सूची के पढ़ने या सुनने का फल समूचे पुराण के पढ़ने एवं सुनने के फल के बराबर होता है।
  • जो कोई भी पद्म पुराण का दान करता है, उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं ।
  • समस्त भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • वह संपूर्ण देवताओं से वंदित वैष्णव धाम को जाता है।

3- विष्णु पुराण के दान की विधि

  • विष्णु पुराण में 23000 श्लोक हैं ।
  • इससे आषाढ़ मास की पूर्णिमा को दान (daan) करना चाहिए
  • विष्णु पुराण को लिखकर या लिखवा कर घी या दूध देने वाली गौ के साथ भक्ति पूर्वक दान करना चाहिए।
  • इसका दान हमेशा पुराण के अर्थ को जानने वाले विष्णु भक्त ब्राह्मण को ही करना चाहिए।

विष्णु पुराण के दान का फल

  • विष्णु पुराण को दान करने वाला व्यक्ति सूर्य के समान तेजस्वी होता है।
  • वह वैकुंठ धाम में निवास करता है ।
  • विष्णु पुराण की विषय सूची को या पुराण को पढ़ने या सुनने का फल, संपूर्ण पुराण के पाठ करने और सुनने के फल के बराबर होता है ।

4- वायु पुराण के दान की विधि

  • वायु पुराण में 24000 लोग हैं।
  • इसका दान श्रावण मास की पूर्णिमा को करना चाहिए।
  • दान करने के लिए लिखकर गुड़ और गाय के साथ भक्ति पूर्वक दान करना चाहिए ।
  • हमेशा वायु पुराण का दान शिवभक्त, कुटुंबी, ब्राह्मण को करना चाहिए।

वायु पुराण के दान का फल

  • पवित्र वायु पुराण के दान (puran daan) की बड़ी महिमा बताई गई है।
  • जो व्यक्ति वायु पुराण का दान करता है वह परम सौभाग्यशाली होता है
  • ऐसा व्यक्ति 14 इन्द्रों के राज्य काल तक रुद्र लोक में सुख का उपभोग करता है।

5- श्रीमद्भागवत पुराण के दान (Daan) की विधि

  • पवित्र श्रीमद्भागवत पुराण में 18000 श्लोक हैं।
  • श्रीमद्भागवत पुराण दान ( puran daan) विष्णुजी को अति प्रिय भाद्रपद मास की पूर्णिमा में किया जाना चाहिए।
  • श्रीमद्भागवत पुराण को सोने के सिंहासन में रखकर, श्रद्धा और भक्ति के साथ दान करना चाहिए।
  • इसे लाल कपड़े में लपेटकर पुराण की पूजा करके दान करना चाहिए।
  • श्रीमद् भागवत कथा भगवत भक्त ब्राह्मण को ही करें।

श्रीमद्भागवत पुराण के दान ( puran daan) का फल

  • श्रीमद्भागवत पुराण में भगवान के संपूर्ण अवतारों का वर्णन किया गया है।
  • इसे दान करने वाले को भोग, मोक्ष एवं अंत में भगवत की प्राप्ति होती है।
  • पुराण श्रीमद्भागवत पुराण एवं उसकी विषय सूची के पढ़ने या सुनने का फल,
  • समस्त पुराण के सुनने और पढ़ने के सर्वोत्तम फल के समान होता है।

6. नारद पुराण के दान की विधि

  • नारद पुराण में 25000 श्लोक है।
  • इसका दान हमेशा अश्विन मास की पूर्णिमा को करना चाहिए।
  • दान पुराण के दान के साथ-साथ गायों का भी दान करना चाहिए।
  • नारद पुराण के दान करने का बड़ा महत्व बताया गया है ।

नारद पुराण की दान (Daan) का फल

  • जो भी व्यक्ति नारद पुराण का दान करता है, उसे मोक्ष प्राप्ति होती है।
  • वह ब्रह्मलोक को प्राप्त करता है।
  • नारद पुराण या उसकी विषय सूची के पढ़ने और सुनने वाले को स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है ।

निष्कर्ष

18 पुराण दान की, तथा उनके पढ़ने की विशेषता महिमा बताई गई है। घर में पुराण अवश्य होनी चाहिए । उन्हें लाल कपड़े में रखकर उनकी नित्य प्रति पूजा की जानी चाहिए।

अभी आपने 18 पुराण में से 6 पुराणों के दान (daan) करने की विधि व दान करने के फल के बारे में पढा। अगले अंक में हम अन्य पुराणों के संबंध में चर्चा करेंगे ।

आशा है आपको पुराण की दान करने व उसके फल के बारे में प्रस्तुत की गई जानकारी अवश्य पसंद आई होगी। अपना कीमती समय निकालकर हमारे लेखक को पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद।

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