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Navratri व्रत, इस बार नवरात्रि में बनाए लौकी, करें कायाकल्प

Navratri के आते ही चारों ओर धूम सी मच जाती है। सभी लोग मां भगवती के आने के इंतजाम में लग जाते हैं। सभी अपने अपने तरीके से नवरात्रि व्रत को मनाते हैं। कोई 9 दिन का व्रत रखता है । कोई बैठकी और अष्टमी का व्रत रखते हैं । कोई पंचमी का व्रत रखते हैं ।

इस प्रकार सभी श्रद्धा अनुसार व्रत के लिए समय अवश्य निकालते हैं। Navratri के व्रत में फलाहार भी लोग अपने अपने तरीके से बनाते हैं। आलू, लौकी, शकरकंद, कद्दू, नीबू आदि अनेकों ऐसी सब्जियां हैं। जिनको फलाहार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

व्रत के दिनों में अन्न न खाने से पेट हल्का रहता है। ऐसे में तले हुए पदार्थ खाने से, पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। अक्सर उपवास में लोग बीमार भी हो जाते हैं। कमजोरी का अनुभव करते हैं । शरीर में अनेक कमियां उत्पन्न हो जाती हैं।

व्रत में सुपाच्य आहार करें।

ऐसे में अति सुपाच्य और पौष्टिक आहार में हम लौकी को सबसे आगे रखते हैं। लौकी अत्यंत हल्की होती है। यह नवरात्रि व्रत में खाई जाती है। यह अत्यंत पौष्टिक होती है। आज हम लौकी के फायदे और लौकी से बनने वाले विभिन्न फलाहार के बारे में आपको बताएंगे।

Navratri व्रत में लौकी के सेवन से आप अपनी कायाकल्प कर सकते हैं। जिनका वजन अधिक है। वह 9 दिनों में मात्र लौकी का सेवन करके अपने आप को छरहरा बना सकते हैं। तो जानते हैं लौकी के फायदे और उस से बनने वाले विभिन्न फलाहारी व्यंजन।

लौकी खाने के फायदे

व्रत के दिनों में यदि आहार की ओर ध्यान दिया जाए। और ऐसे फलाहार का सेवन करें, जो हल्के हल्के और सुपाच्य हो तो हमारा पाचन तंत्र भी सही रहता है। शरीर में पोषक तत्वों की भी पूर्ति हो जाती है।

ऐसी ही एक सब्जी लौकी है। लौकी में 80 परसेंट पानी रहता है। लौकी पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें विटामिन ए, बी, सी, के फोलेट, आयरन, पोटेशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है। लौकी में फाइबर भी अधिक मात्रा में पाया जाता है।

क्या है लौकी की तासीर

आपको यह बता दें कि लौकी की तासीर ठंडी होती है। इसलिए चैत्र Navratri की भीषण गर्मी में लौकी का फलाहार ठंडक पहुंचाने वाला होता है। यह शरीर को ठंडा रखता है। लौकी पाचन तंत्र को सुदृढ़ करती है। लौकी में पानी का अंश अधिक होने से इसे खाने से पेट जल्दी भर जाता है।

लौकी के खाने से शरीर में पानी की कमी नहीं होने पाती। यह अत्यंत सुपाच्य होती है। इसलिए लौकी को खाने के बाद इसे पचाने के लिए लीवर को मेहनत नहीं करनी पड़ती।

जिससे शरीर चुस्त और फुर्तीला बना रहता है। लौकी में मौजूद समस्त पोषक तत्व शरीर को ऊर्जावान बनाकर रखते हैं।

यदि आप Navratri में व्रत के लिए लौकी के फलाहार का चयन करते हैं तो यह अति उत्तम होगा। लौकी को विभिन्न रूपों में खाकर आप व्रत का पालन कर सकते हैं।

केवल लौकी पर ही Navratri का व्रत रखें तो इसके आश्चर्यजनक परिणाम आपको देखने में मिलेंगे। लौकी वजन को कम करती है। लौकी इम्यून सिस्टम को बढ़ाती है। यह शरीर में नई कांति पैदा करती है। यह बुढ़ापे को दूर कर नई ऊर्जा और शक्ति का संचार करती है।

इस बार Navratri में आप कायाकल्प करना चाहते हैं, तो पूरे 9 दिन अलग-अलग तरीके से, दिन में कई बार लौकी का ही सेवन करें। इसके सेवन से आप अपने शरीर में एक अद्भुत स्फूर्ति का अनुभव करेंगे।

आज हम आपको लौकी को दिन में 5 बार अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल करने की विधि बताएंगे ।

Navratri में करें लौकी का उपयोग

यदि आपने लौकी खाकर उपवास रहने का निर्णय लिया है, तो हम आपको लौकी को अलग अलग तरीके से बना कर खाने की विधि बताते हैं।

1- लौकी का जूस

1- सुबह नाश्ते में लौकी का जूस पीना फायदेमंद होगा। लौकी का जूस बनाने के लिए ताजी नरम और मुलायम लौकी का इस्तेमाल करें।

इसके लिए लौकी को अच्छी तरह धोकर छिलके सहित बारीक काटकर मिक्सी में पीस लें। मिक्सी में अच्छी तरह पीसने के बाद इसे जूस वाली छलनी से छान लें।

अब इस लौकी के जूस को बिना नमक या शक्कर मिलाएं आप सीधे पी सकते हैं। लौकी का जूस पीने में स्वादिष्ट होता है।

सावधानी बरतें

इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि जब भी हम किसी भी सब्जी या फल का जूस बनाते हैं। उस समय केवल एक ही फल का सब्जी का उपयोग करना चाहिए।

किसी भी फल या सब्जी के साथ दूसरी फल या सब्जी को मिलाकर उसका जूस नहीं बनाना चाहिए । यह भी ध्यान रखें कि जूस में कभी भी नमक या शक्कर अलग से ऐड करके नहीं पीना चाहिए।

इस प्रकार लौकी का जूस एक कप भर, या एक गिलास, लगभग एक पाव के करीब आप सेवन कर ले। लौकी का जूस पीने से आपको पूरे दिन एनर्जी बनी रहती है। भूख भी नहीं लगती। इसमें मौजूद फाइबर धीरे-धीरे पचता है जिस कारण भूख नहीं लगती।

2- लौकी का रायता

Navratri व्रत में लौकी का जूस पीने के 2 घंटे बाद आप लौकी का रायता दही के साथ बना कर खा सकते हैं।

इसके लिए लौकी को किस कर दही में मिला लें । इसमें उपवास का नमक और हरी धनिया डालें। यह लौकी का रायता अत्यंत स्वादिष्ट और सुपाच्य होता है।

इसमें दही और धनिया की पत्ती भी ठंडक पहुंचाने वाली होती है। यह मौसम की गर्मी का असर आपके शरीर पर नहीं होने देता ।

दही और लौकी और धनिया मिलकर आपके शरीर को डिटॉक्स कर देते हैं तथा विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकाल देते हैं।

आपका शरीर भीतर से ठंडा बना रहता है। इससे चैत्र की गर्मी को सहने की शक्ति प्राप्त होती है। और शरीर ऊर्जावान बने रहता है। दही और लौकी के पोषक तत्वों से आपको कमजोरी नहीं आने पाती । आप व्रत में भी एनर्जी का अनुभव करते हैं।

3- लौकी की सब्जी

उपवास रहने से वैसे तो मन को इतनी शक्ति प्राप्त हो जाती है, की व्रती को भूख नहीं लगती । किंतु हमें शरीर को समय समय पर उचित आहार देते रहना चाहिए।

वर्तमान समय में प्रदूषण और पोषक तत्वों की कमी के कारण हमारे शरीर में काफी कमियां पहले से ही रहती हैं। ऐसे में व्रत करने की स्थिति में हम निराहार होते हैं। तब अनेकों बीमारियां हमें घेर सकती हैं।

इसीलिए इन सब स्थितियों से बचने के लिए Navratri के 9 दिन के व्रत में भी हमें प्रति 2 से 3 घंटे के भीतर कुछ ना कुछ फल सब्जी खाते रहना चाहिए।

Navratri व्रत में आप गरिष्ठ फलाहार का निषेध रखें। जूस और रायता खाने के बाद आप लौकी की सब्जी का सेवन कर सकते हैं।

कैसी लौकी का उपयोग करें?

सब्जी बनाने के लिए ताजी, मुलायम और नरम लौकी का उपयोग करना चाहिए। नरम और ताजी लौकी में पोषक तत्व अधिक मात्रा में होते हैं।

यदि लौकी का छिलका कड़ा हो गया है। तो ऐसी लौकी पोषक तत्वों से कमजोर होती है । कड़ी लौकी का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। नरम लौकी पोषण से भरपूर होती है।

सब्जी बनाएं

सब्जी बनाने के लिए नरम लौकी का चुनाव करें । इसे धो कर छील-काट ले। एक कढ़ाई में शुद्ध घी गर्म करें। इसमें लौकी धनिया और टमाटर डाल दें।

सेंधा नमक उपवास का नमक डालकर और ढककर रख दें। लौकी को हल्का पकाएं। ज्यादा पकाने की जरूरत नहीं होती है । लौकी नरम होती है । बहुत जल्दी पक जाती है।

अब इस लौकी को दही के साथ या ऐसे ही आप खा सकते हैं। यह आपके शरीर से सभी दोषों को दूर करके शांति पहुंचाती है। शरीर को ठंडक पहुंचाने के साथ-साथ शरीर से अतिरिक्त चर्बी को बाहर करती है। लौकी कोलेस्ट्रोल को भी कम करती है ।

4- लौकी का हलवा बनाने की विधि

नरम व मुलायम लौकी का हलवा अत्यंत पौष्टिक होता है। इसे ताजी और मुलायम लौकी से बनाया जाता है। लौकी को अच्छी तरह धोकर किस लें। अब शुद्ध घी में कढ़ाई में डालकर शक्कर डालकर पकाएं।

यह अत्यंत पौष्टिक हो जाता है। इसमें शक्कर और घी के सहयोग से यह शरीर में एनर्जी पैदा करता है। या भूख को भी शांत करता है।

5- लौकी की खीर बनाने की विधि

Navratri व्रत में लौकी की खीर बनाने के लिए नरम मुलायम बारीक लौकी को धोकर छील लें। बारीक कीस करके थोड़ा सा फ्राई कर लें। और इसमें दूध व शक्कर डालकर इसे पकाले।

इस प्रकार लौकी की खीर तैयार हो जाती है। यह अत्यंत सुपाच्य और पौष्टिक होती है। इस प्रकार इस Navratri में लौकी से करें कायाकल्प।

निष्कर्ष|Conclusion

Navratri के 9 दिनों में यदि आप केवल एक मात्र लौकी के फलाहार पर रहते हैं। तो यह आपके शरीर को डिटॉक्स करती है । तथा अतिरिक्त वजन को भी कम कर देती है ।

यह कोलेस्ट्रोल को कम करती है । आयरन की कमी को भी दूर करती है । इस प्रकार इस Navratri में अवश्य लौकी के इन 5 फलाहारी प्रयोग को अपनाएं । इसके चमत्कारी प्रभाव को देखें।

आशा है आपको हमारी यह जानकारी अवश्य अच्छी लगी होगी। हमें अंत तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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