मंत्रों का जाप कैसे करना चाहिए Total Post View :- 62086

इन मंत्रों का जाप चलते फिरते भूल कर भी न करें : वरना …

नमस्कार दोस्तों ! इन मंत्रों का जाप चलते फिरते भूल कर भी न करें, वरना इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं। चलते फिरते किए गए मंत्र का फल मिलता है या नहीं और भी कौन से मंत्र हैं जिनका जाप हमें चलते-फिरते बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए ?

मंत्रों में बहुत शक्ति होती है और यह हमें ऊर्जा प्रदान करते हैं। तथा ब्रम्हांड से सकारात्मक ऊर्जा को आपकी ओर खींचते हैं। अतः मंत्रों का अवश्य प्रतिदिन जाप किया जाना चाहिए। किंतु कुछ मंत्र ऐसे हैं जिन्हें हम चलते फिरते आसानी से कभी भी कर सकते हैं। और कुछ ऐसे हैं जिन्हें बैठकर ही नियम पूर्वक किया जाता है ।

इन्हीं मंत्रों के बारे में जानकारी देंगे तथा यह भी बताएंगे कि जाप करने की क्या प्रक्रिया होनी चाहिए। आइए जानते हैं कौन से ऐसे मंत्र हैं जो आप भूलकर भी चलते फिरते ना करें ।

जाप कितने प्रकार का होता है ?

सबसे पहले आपको जाप के प्रकार बताएंगे । जाप तीन प्रकार का होता है

पहला मानसिक जाप – यह मन ही मन किया जाता है इसमें किसी भी प्रकार की शारीरिक प्रतिक्रिया नहीं होती

दूसरा उपांशु जाप – यह होठों से किया जाता है, इसमें आवाज किसी को सुनाई नहीं देनी चाहिए ।

तीसरा वाचिक जाप – यह जाप बोलकर किया जाता है जिसमें आवाज स्पष्ट सुनाई देती है।

उत्तम जाप कौन सा होता है?

उपरोक्त प्रकारों में सबसे उत्तम जाप मानसिक होता है। किंतु इसके लिए शुरुआत वाचिक जाप से की जाती है ।

पहले सवा माह तक बोल बोलकर वाचिक जाप किया जाता है ।

फिर अगले सवा माह तक उपांशु जप होठों से किया जाता है।

जिसमें आवाज किसी को सुनाई नहीं देनी चाहिए ।

उसके पश्चात मानसिक जाप किया जाता है। मानसिक जाप अत्यंत कठिन होता है ।

यह एक नियमित अभ्यास से ही उत्पन्न होता है ।

इस जाप में ऐसी अवस्था आती है कि यह आपके मन में स्वत: ही चलता रहता है।

यह ऐसी प्रक्रिया है कि आप कुछ भी कार्य करते रहें लेकिन

यह जप आपका मन अपने आप ही बोलता रहता है ।इसे अजपा जप कहते हैं ।

अर्थात वह जप जिसे मन रट लेता है और जो आपको करना नहीं पड़ता ।

जिस तरह आपके हृदय में धड़कन चलती रहती है ,

उसी तरह यह जाप आपके मन में अपने आप चलता रहता है।

क्योंकि इससे आपको जप नहीं करना होता इसलिए इसे अजपा जप कहते हैं।

जो आपकी सांसों के साथ स्वयं ही आपके शरीर में चलता रहता है। यह जाप की सर्वोत्तम अवस्था होती है।

किन मंत्रों का जाप चलते फिरते किया जा सकता है ?

मंत्र दो प्रकार के होते हैं।

एक गुरु मंत्र- जो गुरु के द्वारा दिया जाता है और यह पहले से ही चेतन होता है

इससे ऊर्जा में वृद्धि होती है और इन्हें करने से साधना और पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।

यह जाप पहले से ही सिद्ध होता है और इसे कुछ दिन करने पर ही यह प्रभावी हो जाता है।

इस जाप का प्रभाव 3 दिन में ही दिखने लगता है ।

इससे इष्ट देव स्वप्न में दिखाई देना, इच्छा पूर्ति होना और

आगे होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास होना तथा आपके सभी काम बनते चले जाना,

यह सब इसी गुरु मंत्र के जाप के प्रभाव से होता है।

दूसरा अर्द्धचेतन मंत्र – यह गुरु मंत्र है जो कि 11 दिन, 21 दिन, 41 दिन या

सवा माह लगातार करने पर जागृत हो जाता है ।

और इस मंत्र के प्रभाव से आपका “औरा” इतना ज्यादा मजबूत हो जाता है।

कि इसमें कोई भी नकारात्मक शक्ति आपमें प्रवेश नहीं कर सकती ।

चाहे आप गांव की सीमा में हो या किसी भी स्थान पर हो।

जब यह जाप सिद्ध हो जाते हैं तब इन्हें आप चलते फिरते कभी भी कर सकते हैं।

इन मंत्रों का जाप कहां अधिक फलदाई होता है?

इन मंत्रों को किसी मंदिर या नदी के किनारे घाटों पर करने से यह कई गुना फल देता है ।

इसके अलावा सात्विक भोजन करते हुए जब इस जाप को किया जाता है तो,

इसकी तरंगे देवता तक पहुंचने लगती हैं।

किसी विशिष्ट देवता की पूजा हेतु, विशिष्ट दिशा की ओर मुख करके जप करने से

उस स्थान के देवता प्रसन्न होते हैं मंत्र की ऊर्जा और देवता तक पहुंचती है

और वह प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

इन मंत्रों का जाप चलते फिरते किया जा सकता है!

चलते फिरते किए जाने वाले मंत्रों में पंचाक्षरी मंत्र या

षडाक्षरी मंत्र ॐ नमः शिवाय करने से अत्यंत लाभ होता है।

इससे सवा महीने तक या 21 दिन 41 दिन तक कभी भी बैठकर सवा लाख जप

पूरा कर लिया जाए तो,यह आपके पूरे जीवन को बदल कर रख सकता है।

इसके अलावा बीज मंत्रों का जाप भी किया जा सकता है ।

जैसे क्रीं यह महाकाली माता का मंत्र है।

इन मंत्रों का जाप भूल कर भी चलते फिरते नहीं करना चाहिए!

गायत्री मंत्र, नवार्ण मंत्र, शाबर मंत्र और तांत्रिक मंत्र का जाप कभी भी चलते फिरते नहीं करना चाहिए।

इन जापों के करने की विशिष्ट नियम होते हैं।

अतः इन्हें करते समय उन विशिष्ट नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए ।

अन्यथा मंत्रों से संबंधित देवता रुष्ट हो जाते हैं और इसके दुष्परिणाम भोगने पड़ते है।

आज आपने किन मंत्रों का जाप चलते फिरते कभी ना करना से संबंधित जानकारी प्राप्त की है।

यह जानकारी आपके अवश्य काम आएगी। ऐसे ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए देखते रहें आपकी अपनी वेबसाइट

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