उषःपान प्रातः काल जल सेवन करने के फायदे व सेवन विधि! Total Post View :- 1221

उष:पान प्रातःकाल जल सेवन करने के फायदे, व सेवन विधि!

नमस्कार दोस्तों !!उषःपान प्रातःकाल जल सेवन करने के फायदे और इससे ठीक होने वाले रोगों के बारे में जानकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे। हमारे प्राचीन ऋषियों की अनमोल देन एवं प्रकृति का वरदान है उषः पान। यह एक प्राकृतिक क्रिया है जिससे हम स्वयं को स्वस्थ रख सकते हैं।

तो आइए जानते हैं उषःपान (प्रातःकाल जल सेवन) करने के फायदे, सेवन करने की विधि और इससे ठीक होने वाले रोगों के बारे में। यह जानकारी अत्यंत उपयोगी है अतः इस से अंत तक अवश्य पढ़ें।

उषःपान (प्रातःकाल जल सेवन) करने के फायदे !

  • उषः पान करने से आंते स्वच्छ होती हैं और शरीर में ताजगी आती है।
  • इसके कारण नया खून बनने में मदद होती हैं।
  • 24 घंटे की दिनचर्या में जो भी टॉक्सिंस विषैले तत्व हमारे शरीर में एकत्रित हो जाते हैं,
  • वह उष: पान करने से शरीर से बाहर निकल जाते हैं। कब्ज दूर होती है ।
  • और पेट साफ रहने से अनेक रोग तो होने ही नहीं पाते।
  • उषः पान स्वस्थ व रोगी दोनों के ही लिए लाभकारी है। यह शरीर के रोगों को दूर करता है।
  • इस प्रयोग को कम से कम 40 दिन तक नियमित रूप से अवश्य करें।
  • एक सप्ताह में ही इसके फायदे दिखने शुरू हो जाते हैं।
  • इसे करते समय रात में ही अच्छी तरह ब्रश (मंजन) करके सोना चाहिए।

उषःपान (प्रातःकाल जल सेवन) के फायदे पाने के लिए कुछ परहेज करें!

  • इस प्रयोग को करते समय ठंडे पेय, मैदे और बेसन से बनी हुई व तली हुई चीजें न लें।
  • तेज मिर्च-मसाले, मिठाईयां आदि से परहेज करें। चाय कॉफी, चॉकलेट, आइसक्रीम आदि न् लें।
  • सभी तरह के नशे सिगरेट, बीड़ी, शराब आदि से बचें।
  • चार गिलास पानी केवल सुबह ही पीना है। उषः पान के अलावा दिन में कभी भी प्यास लगे तो
  • जितनी प्यास लगे उतना ही अर्थात थोड़ा थोड़ा पानी ही पीना है।
  • आवश्यकता से अधिक पानी पीने से पाचन अग्नि मंद हो जाती है। तथा किडनी पर अनावश्यक बोझ पड़ता है।

उष:पान (प्रातः जल सेवन) करने की विधि !

  • इसके लिए शाम को हो सोने से पहले एक तांबे के या मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर रख लें।
  • सुबह सूर्योदय के पहले 1 गिलास से लेकर 4 गिलास तक पानी धीरे धीरे पिएं।
  • यदि 4 गिलास पानी एकसाथ न पी सकें तो शुरुआत में आधा गिलास पानी से शुरू करें।
  • फिर रोज पानी की मात्रा बढ़ाते हुए 4 गिलास तक कर लें।
  • इसके बाद ही मंजन करें, अर्थात पानी बासी मुंह ही पीना है। पानी पीने के एक घण्टे बाद तक कुछ भी न खाएं पिएं।
  • पानी पीकर 20 मिनट तक तेज चाल से टहलें या व्यायाम करें।
  • उषः पान से एक बार स्वस्थ्य लाभ होने व 40 दिन के प्रयोग के बाद पानी की मात्रा कम करते हैं।
  • यह चार गिलास से कम करते हुए एक गिलास तक कर लेना चाहिए।

अंत में !

  • रोगों को दूर करने व पूर्णतः स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन एक गिलास पानी का उषः पान अवश्य करना चाहिए।
  • उषः पान करने के फायदे इतने अधिक हैं कि इन्हें गिनाया नही जा सकता।
  • यह शरीर मे सूक्ष्म से सूक्ष्म बीमारी और बड़े से बड़े रोगों को दूर करने में सक्षम है। अतः इसे अपनायें।
  • हमारा उद्देश्य आपको स्वास्थ्य सचेत करना है ।
  • आपको उषः पान से सम्बंधित जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अवश्य शेयर करें।

ऐसी ही अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए देखते रहें आपकी अपनी वेबसाइट

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