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अध्ययन कैसे करना चाहिए ; अध्ययन के सूत्र ! How to become a topper; Study Tips!


अध्ययन कैसे करना चाहिए इस बारे मेें श्रीमद्भगवत गीता क्या कहती है।

आज इस लेेेेख के माध्यम से आपको अध्ययन के महत्वपूर्ण तथ्य बताते हैं।

 इसमें आप पाएंगे कि किस प्रकार अध्धयन करके आप सफल हो सकते हैं साथ ही अध्ययन करने का सही तरीका क्या है।

अध्ययन के सूत्र ! में आप पाएंगे कि किस प्रकार अध्धयन करके आप सफल हो सकते हैं।

दिनोंदिन बढ़ती प्रतिस्पर्धा और आगे बढ़ने की होड़ में सफलता को पाने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं।

किन्तु जब असफलता हाथ लगती है, तो मन निराश हो जाता है।

जबकि अध्ययन से कभी भी व्यक्ति निराश नही होता, चाहे सफल हों या असफल!

इस लेख में श्रीमद्भागवत गीता के अध्याय “प्रकृति के तीन गुण” पर आधरित अध्ययन के प्रकार बताए हैं।

कुछ अध्ययन के टिप्स बता रहीं हूँ, जिसे अपनाकर आप निश्चित रूप से सर्वश्रेष्ठ अंक हासिल कर सकते हैं।

अध्ययन के प्रकार ; Type of study;

श्रीमद्भागवत गीता में कहा गया है कि प्रकृति के तीन गुणों के आधार पर ही मानव के समस्त कार्य आधारित होते हैं।

अतः हमारा अध्ययन भी इन्हीं गुणों पर आधारित होता है। वे गुण हैं सतोगुण, रजोगुण व तमोगुण।

सतोगुणी अध्ययन ; Satoguni studies;

  • सतोगुणी अध्ययन में पढ़ने बहुत मन लगता है।
  • जो पढ़ा वह सब समझ में आ जाता है।
  • पढ़ने में आनन्द आने लगता है।
  • कोई बाधाएं उतपन्न नही होती।
  • तथा बाधाएं हों भी तो भी पढ़ना बहुत अच्छा लगता है।
  • पढ़ने के बाद भी बहुत खुशी होती है।
  • थकान व बोरियत बिल्कुल नही होती।

रजोगुणी अध्ययन ; Rajoguni Studies;

  • रजोगुणी अध्ययन में पढ़ते समय ही सारे कार्य याद आते हैं
  • अगली पिछली सारी बातें याद आने लगती हैं।
  • किसने क्या कहा था?, किसने क्या किया था? ,
  • मुझे क्या करना चाहिये था? सब याद आने लगता है।
  • पेन, कॉपी, पुस्तक आदि खरीदने हेतु तुरंत बाजार जाने का मन होता है।
  • अचानक ही कोई बहुत जरूरी काम याद आ जाता है।
  • इस तरह मन भटकता रहता है।

तमोगुणी अध्ययन ; Tamoguni Studies;

  • तमोगुणी अध्ययन में सबसे बड़ा लक्षण है कि पढ़ने बैठते ही नींद आने लगती है।
  • व्यक्ति पढ़ ही नही पाता और सो जाता है।
  • पढ़ाई में बैठने से पहले कितना ही एक्टिव क्यों न हों , पढ़ने बैठते ही जम्हाई आने लगेगी ।
  • और फिर कल पढ़ेंगे, सोचकर तुरंत सो जाता है।

अध्ययन कैसे करना चाहिए जानिए कुछ सूत्र; Study Tips!

1. स्वयं की जांच करें ; Examine yourself;

  • अब आप स्वयं को चैक करें कि आपका अध्ययन किस श्रेणी का है।
  • अब यह भी चुनाव करें कि आप किस श्रेणी का अध्ययन करना चाहते हैं।
  • निश्चित है आप सतोगुणी अध्ययन ही करना चाहेंगे।
  • अध्ययन हमेशा सतोगुण में ही होता है।
  • रजोगुण व तमोगुण में अध्ययन कभी भी नही हो सकता ।
  • अतः पहला चुनाव सतोगुण अध्ययन का करें।
  • अब सतोगुण अध्ययन करने के लिए निम्न तरीके अपनायें।

2. सतोगुणी बनें –Become Satoguni –

  • यह भी जान लें कि सभी व्यक्ति में प्रकृति के तीनों गुण पाए जातें हैं।
  • कभी सतोगुण ऊपर होता है। कभी रजोगुण ऊपर तो कभी तमोगुण ऊपर होता है।
  • अब इसे पहचाने कैसे?
  • तो जब आप अकेले होते हैं तब आप अपनी मूल प्रकृति में होतें हैं। ऐसे में आप क्या करते हैं।
  • तमोगुणी व्यक्ति आलस्य, प्रमाद, व निद्रा में समय गुजरता है।
  • रजोगुणी आमोद प्रमोद, नकारात्मक मनोरंजन में समय नष्ट करता है।
  • सतोगुणी अध्ययन आदि सकारात्मक कार्यों में समय व्यतीत करता है।
  • अतः अपनी प्रकृति को पहचानकर उसे सतोगुणी बनाने का प्रयास करें।
  • अब आप अच्छी तरह जान गए होंगे कि आपको कब कौनसा और कैसे अध्ययन करना चाहिए ।

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3. अध्ययन करने का कारण निर्धारित करें! – Determine the reason for studying! –

  • अर्थात आप अध्ययन क्यों करना चाहते हैं ,
  • यह कारण जितना बलवान होगा आपका अध्ययन भी उतना ही सुदृढ़ होगा।
  • अतः इस “क्यों” कि खोज करें ।

4. अध्ययन कैसे करना चाहिए इसका नियम बनाये ।

  •  मे नियम व अनुशासन का होना अत्यंत आवश्यक है।
  • यदि मन नही भी है, किन्तु आपने नियम बनाया है ।
  • तो उस नियम के पालन हेतु अध्ययन करें।
  • यह नियम ही धीरे धीरे आदत बन जायेगा।
  • और संस्कार की तरह आपको अपने लक्ष्य में सफलता दिलाएगा।

5. अध्ययन को प्राथमिकता दें!- Make study a priority! –

  • आपने देखा होगा कि जिस कार्य को आप प्राथमिकता देते हैं, उसे पहले पूरा करते हैं।
  • परिस्थितियाँ चाहे जो हों । अध्ययन को अपने सभी कार्यों की लिस्ट में सबसे ऊपर रखें।

6. पढ़ाई के लिए घण्टे तय करें !- Set the hours for studies!

  • चेप्टर या पेज के हिसाब से पढ़ाई का लक्ष्य न रखें ।
  • बल्कि घण्टे के हिसाब से पढ़ें।
  • जितना हो सके उतना पढ़े किन्तु समय को निर्धारित करें।

7. पढ़ने के लिए टेबिल लैंप का प्रयोग करें!- Use the table lamp to read! –

  • पढ़ने के लिए टेबिल लैंप का उपयोग करें।
  • इस तरह से चारों ओर अंधेरा होने से बाहरी बाधाएं प्रभावित नही करती और मन पढ़ाई में लग जाता है।
  • जैसे सिनेमा हाल में तीन घण्टों तक बहुत से एकाग्रता से फ़िल्म देखतें हैं पर समय का पता ही नही चलता।
  • यही टेक्निक का इस्तेमाल कर अपनी एकाग्रता को बढ़ाएं।

8. इंटरनेट के मायाजाल से बचें!- Avoid the Internet’s mess!

  • वर्तमान में सारी पढ़ाई ऑन लाईन हो रही है तो स्मार्ट फोन तो जरूरी है ।
  • किंतु उसमे फ़ेसबूक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, वाट्सअप, यूट्यूब आदि न रखें।
  • इंटरनेट का उपयोग केवल पढ़ाई के लिए उपयोग करें।और केवल जरूरी फोन करने के लिए उपयोग करें।
  • फोन ,टीवी, सोशल मीडिया सभी विद्यार्थियों के सबसे बड़े दुश्मन है।
  • ये जीवन के महत्वपूर्ण समय को दीमक की तरह नष्ट कर देते है। अतः इनसे बचें।

9. अध्ययन हमेशा धीरे करें!-Study slowly! –

  • अध्ययन करते समय किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें।
  • प्रत्येक मनुष्य में ये क्षमता पाई जाती है कि वह जिस वस्तु, घटना, व्यक्ति को बहुत ध्यान से देखता, सुनता व समझता है वह बातें जीवन भर याद रहतीं है।
  • अतः अध्ययन को बहुत एकाग्रता के साथ , समझते हुए, पूरी एकाग्रता के साथ करें।
  • इस तरह यह जीवन भर के लिए आपके मस्तिष्क में जमा हो जाएगा। इस तरह आप बहुत कुछ जान चुके हैं कि अध्ययन कैसे करना चाहिए

10. रिवीजन अवश्य करें!-Do Revision!

  • प्रतिदिन जितना भी आप पढ़ते हैं। उसे कम से कम 2 बार अवश्य दुहराएं।
  • उसे बंद करने के पूर्व पीछे से आगे ( 10 से 1 तक) व आगे से पीछे (1 से 10 तक) रिवीजन अवश्य करें।
  • जब किसी भी कार्य को बार बार किया जाता है तो वह कार्य संस्कार का रूप ले लेता है।
  • वैसे ही अध्ययन जितना आप दोहराएंगे उसकी पकड मस्तिष्क में उतनी गहरी होती जाएगी।
  • बिना रिवीजन का अध्ययन व्यर्थ हो जाता है।
  • उसे याद करने में हर बार उतनी ही मेहनत लगती है जितनी कि पहली बार पढ़ने में लगती है।

11. सुसंगति करें!-Have a good company!

  • वैसे तो विद्यार्थी जीवन की सबसे बड़ी मित्र तो पुस्तकें ही हैं ।
  • किन्तु फिर भी बाहरी संगति करनी ही पड़े तो अध्ययनशील विद्यार्थी की ही संगति करें।
  • उनके तरीकों से आप भी प्रेरित होंगे। आपका मनोबल बढ़ेगा।
  • नकारात्मक लोगों से दूर रहें।

12. अध्ययन को बाटें!- Share the study!

  • जो भी अध्ययन आप करतें हैं उसे दूसरों को समझाएं।
  • यदि कोई न हो तो एना के सामने बैठके स्वयं को समझाएं।
  • क्योंकि इस तरह से यह बात आपको अच्छी तरह याद हो जाती है।

13. नोट्स अवश्य बनाएं!-Do make notes! –

  • एक बार लिखना 10 बार पढ़ने के बराबर होता है।
  • इसका फायदा यह भी है कि जब परीक्षा के समय कम समय होता है ,
  • उस समय पूरी किताब न पढ़कर तैयार नोट्स को पढ़कर पूरी रीडिंग का लाभ उठा सकते हैं।

14. हाईलाइटर का उपयोग करें ; Use highlighter;

  • जो बात महत्वपूर्ण हो उसे कलरपेन या हाइलाइटर से हाइलाइट जरूर करें।

15. ग्राफिक्स बनाकर समझें ; Create and understand graphics;

  • जो बातें समझ न जाएं उन्हें नक्शा, चार्ट आदि बनाकर समझें।
  • चित्रों के माध्यम से चीजें अच्छे से याद होती हैं।

16. प्रेरणादायक स्लोगनों का प्रयोग करें ; Use inspirational slogans;

  • घर में जहाँ भी आप समय बितातें हो वहां प्रेरणादायक स्लोगन लिखकर रखें।
  • इससे मन को पुनः एकाग्र करने में सुविधा होगी।

17. पढ़ने का समय क्या हो?What is the time to read!

  • पढ़ने के लिए सुबह का समय ज्यादा उपयुक्त होता है।
  • इस समय मे दक्षता या ग्रहण करने की क्षमता ज्यादा होती है।
  • और डिस्टर्बेंस भी नही होते।
  • अतः अध्ययन के लिए सुबह का समय बहुत ही अनुकूल होता है।

18. देर रात तक न पढें-Do not read till late night-

  • रात के समय अंधकार होता है ,जो स्वयं नकारात्मकता को प्रदर्शित करता है।
  • सूर्य से हमारा शरीर व मस्तिष्क ऊर्जा ग्रहण करता है।
  • रात में हमे ऊर्जा कहीं से नही मिल पाती।
  • ऐसे में किया गया कोई भी कार्य दक्षतापूर्वक नहीं हो सकता।
  • अतः देर रात का अध्ययन प्रकृति के प्रतिकूल होने से शरीर मे व मष्तिष्क में विकृतियां भी पैदा करता है।

इस प्रकार उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए किया गया अध्ययन आपको सर्वश्रेष्ठ स्थान दिलाने व टॉपर बनाने में पूरी तरह सक्षम है। अतः “use it or lose it.

https://youtu.be/fiX3PsT9DAs

श्रीमद्भगवत गीता के अनुसार अध्ययन के प्रकार व अध्ययन कैसे करना चाहिए से सम्बंधित जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अन्य विद्यार्थियों को भी बताएं ।

 

ऐसी ही रोचक व उपयोगी जानकारी के लिए नीचे दिए लिंक पर आएं।

http://Indiantreasure. in

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