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कैसे रहें फिट व युवा; 40 के पार! How to stay fit and young beyond 40!

आज ऐसे सरल आयुर्वेदिक, घरेलू व अनुभूत उपाय आपको कारण सहित बताऊंगी की कैसे रहें युवा और फिट 40 की उम्र के बाद भी ।

यदि आपने पालन किये, यह 4 नियम तो हमेशा स्वस्थ व जवान बनें रहेंगे आप।

स्वस्थ रहना कौन नहीं चाहता जीवन में सारी दुख तकलीफें सहन हो सकती हैं, यदि शरीर और मन स्वस्थ तथा प्रसन्न रहें।

दुबली छरहरी काया के लिए ना जाने कितने उपवास , योग, व्यायाम, जिम आदि से शरीर को भीषण कष्ट पहुंचाते रहते हैं।

किन्तु कुछ प्राकृतिक नियमो को ध्यान में रखकर यदि जीवन जिया जाए तो सुंदर सुडौल शरीर पाना मुश्किल नहीं हैं।

यदि आप ओव्हर वेट हैं, पेट निकल आया है, हमेशा गैस से पेट फूला रहता है, बदहजमी हो, गले मे जलन हो, या बीमारियों से परेशान हैं।

तो यह लेख आपके लिए आपकी समस्याओं का समाधान लिए हुए है।

यदि अपने गम्भीरता से आयुर्वेद में बताए गए इन 4 नियमों का पालन कर लिया ,

तो आप हमेशा जवान और फिट बने रह सकते हैं चाहे उम्र 40 की क्यों न हो गई हो।

आज मैंने राजीव दीक्षित जी का बहुत ही महत्वपूर्ण व्याख्यान सुना,

जिसमें उन्होंने हमेशा युवा और फिट रहने से संबंधित कुछ नियम बतलाए थे।

जिन्हें सुनकर के मैं बहुत प्रभावित हुई और मैंने सोचा कि यह जानकारी सभी को होनी चाहिए।

वैसे तो यह सब बातें हम सभी जानते भी हैं और कुछ-कुछ अंश में उनका पालन भी करते हैं।किंतु उन बातों को मात्र जानना ही पर्याप्त नहीं है।

आइये जानते हैं समाधान- कैसे रहें फिट और युवा Let us know the solution – how to stay fit and young

मानव मन बहुत ही शंकालु होता है और बिना किसी तर्क के बातों को स्वीकार नहीं कर पाता।

इसी बात को ध्यान में रखते हुए तर्क सहित लेख आप तक पहुंचाने का प्रयास किया है।

आशा है आप सभी इससे अवश्य लाभान्वित होंगे।

आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर में बीमारियों का मुख्य कारण वात पित्त और कफ ही होते हैं।

जिन्हें आयुर्वेद की भाषा में त्रिदोष भी कहते हैं ।

वात पित्त और कफ की अलग-अलग मात्राओं के कारण शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं।

  • महान ऋषि चरक, सुश्रुत एवं वाग्भट यह महान आयुर्वेदाचार्य थे ,जिनके नाम आपने भी अवश्य सुने होंगे।
  • जिन्होंने शरीर विज्ञान का विशेष अध्ययन कर रोगों की उत्पत्ति के कारण और उपाय बताए हैं।
  • वाग्भट्ट जी ने अष्टांग हृदयम और अष्टांग संग्रहण नामक आयुर्वेद के दो महान ग्रंथों में लगभग 7000 नियम बताए हैं।
  • जिन्हें समझने वाला व्यक्ति कभी भी अस्वस्थ नहीं हो सकता।
  • किन्तु इतने सारे नियमों को समझ पाना संभव नहीं है ।
  • अतः जीवन उपयोगी कुछ 4 नियम ऐसे हैं कि जिनका यदि विधिवत पालन किया जावे।
  • तो हमेशा स्वस्थ जवान और फिट रहा जा सकता है। आइए जानते हैं उन 4 नियमों के बारे में जिनमें से पहला नियम है

1-यदि रहना चाहते हैं 40 के बाद भी युवा और फिट तो खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना!If you want to stay young and fit even after 40, then do not drink water immediately after eating food!

आयुर्वेद में कहा गया है

भोजनान्ते विषम वारी!

अर्थात; भोजन के अंत में पिया जाने वाला पानी विष के समान होता है।

तब प्रश्न यह उठता है कि यदि भोजन के बाद प्यास लगे तो क्या करें?Then the question arises what to do if you feel thirsty after a meal.

  • भोजन के बाद यदि प्यास लगे तो दूध, मट्ठा ,फलों का रस नींबू की शिकंजी इत्यादि पिया जा सकता है ।
  • किंतु पानी भोजन के 1 घंटे बाद ही पीना चाहिए।

अब मन में विचार यह भी आता है कि ऐसा क्या करें कि भोजन के बाद प्यास ही न लगे!Now the idea comes in your mind that what to do so that you do not feel thirsty after meals!

  • उसके लिए आपको यह करना चाहिए कि भोजन के 40 मिनट पहले भरपेट पानी पी लिया जाए।
  • ऐसी स्थिति में भोजन के बाद इतनी तीव्र प्यास नहीं लगेगी।

प्रश्न यह भी आता है कि भोजन के बाद पानी पीने से क्या होता है?The question also comes about what happens by drinking water after meals?

  • 40 के बाद भी फिट व युवा कैसे रहें जानने के लिए इसका पूरा विज्ञान जानना बहुत जरूरी है ।
  • क्योंकि जब तक मन को सही उत्तर न मिले, तब तक मन उसे मानने के लिए तैयार भी नहीं होता।

इसीलिए आइए जानते हैं कि भोजन के अंत में पानी क्यों नहीं पीना चाहिये?Therefore, let us know why one should not drink water at the end of the meal.

  • हम जो भी भोजन करते हैं वह सारा भोजन हमारे जठर में अर्थात आमाशय में एकत्रित होता है।
  • जठर या आमाशय या पेट नाभि के बाएं साइड में रहता है, उसे अंग्रेजी में एपिग्रेस्टियम (Epigrastium ) भी कहते हैं।
  • सारा भोजन जो भी हम खाते हैं वह आमाशय में इकट्ठा होता है।
  • जैसे ही आमाशय में भोजन पड़ता है, वैसे ही आग जलना शुरू हो जाती है।
  • यही आग भोजन को पचाती है । जिस प्रकार घर पर हम भोजन बनाते हैं।
  • आग पर रखा हुआ भोजन जिस तरह पकता है वैसे ही जठर में भोजन पचता है।
  • उस आग को हम 【जठर+अग्नि】 जठराग्नि भी कहते हैं।
  • किंतु यदि आग में पानी डाल दिया जाए तो आग बुझ जाएगी और भोजन पकना बंद हो जाएगा।
  • उसी तरह जलती हुई जठराग्नि में जैसे ही पानी पिया ,वहां अग्नि शांत हो जाती है।

ठंडे पानी से पाचन क्रिया मंद पड़ जाती है।

  • और पाचन की क्रिया समाप्त हो जाती है।
  • ऐसी स्थिति में अनपचा हुआ जो भोजन पेट में बचा रहता है वह सड़ने लगता है।
  • क्योंकि भोजन को पचाने के लिए अग्नि की आवश्यकता होती है और वह अग्नि हमने पानी डालकर बुझा दी ।
  • तब ऐसी स्थिति में अन्न का पाचन हो ही नहीं सकता ।
  • तब वह अनपचा भोजन शरीर में इकट्ठा हो जाता है और उसमें सड़न पैदा हो जाती है।
  • फिर जहरीली गैस निकलती है उसमें अनेक प्रकार के विष उतपन्न होने लगते हैं।
  • इस तरह से यह अनेकानेक बीमारियों को उत्पन्न करने लगता है ।
  • पेट में गैस का होना पेट में जलन होना पेट फूलना डकार आना यह सामान्य सी बातें हैं ।

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  • जो लगभग 99% व्यक्तियों को इस तरह की तकलीफ होती हैं ।
  • और यह तकलीफ उसी अनपचे हुए अन्न से होती हैं।जोकि 100 से भी ज्यादा विष को शरीर के अंदर पैदा करता है।

तो यदि आपको यह तकलीफें हैं तो सावधान हो जाएं !

  • और एक जरा से नियम का पालन करके आप इन बीमारियों से स्वयं को दूर कर सकते हैं।
  • अब आप अच्छी तरह जान गए होंगे कि भोजन के अंत में पानी क्यों नहीं पीना चाहिए।

2- फिट व युवा बने रहें व जानिए की पानी कैसे घूंट घूंट करके पीना चाहिए!Stay fit and young and know how to drink water after drinking it!

कैसे रहें फिट व युवा! सीखें पानी पीना।
  • पानी को हमेशा गर्म दूध चाय या कॉफी की तरह घूँट-घूँट कर के ही पीना चाहिए।
  • आपने देखा होगा कि प्रकृति में पशु-पक्षी कोई भी गटागट पानी नहीं पीते हैं।
  • पशु है तो जीभ से चाट कर पानी पीते हैं ,
  • और पक्षी चोंच में एक एक घूंट पानी उठाकर के पीते हैं।
  • इस तरह प्रकृति हमें सिखाती है कि हमें किस तरह नियमों का पालन करना चाहिए।
  • किंतु हम इन नियमों का अनदेखा करके स्वयं अपने लिए बीमारियों को आमंत्रित करते हैं।

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आइए अब कारण जानते हैं कि घूँट घूँट पानी पीने से क्या होता है? व कैसे रहें फिट व युवा? Let us now know the reason that what happens by drinking sip water?And how to stay fit and young?

 

  • हमारे मुँह में हमेशा लार बनती रहती है और लार में क्षार पाया जाता है।
  • इसी प्रकार हमारे पेट में हमेशा अम्ल बनता रहता है।
  • और जब मुंह की लार यानी कि क्षार पेट के अम्ल में जाकर मिलता है तो वह अम्ल को नष्ट कर देता है।
  • जिससे एसिडिटी बदहजमी जलन आदि स्वयं समाप्त हो जाती हैं।
  • घूँट-घूँट कर पानी पीने से मुंह की लार पानी मे घुलकर पेट मे पहुंच जाती है।
  • किन्तु तेजी से पानी पीने से लार पानी मे नही घुल पाती।
  • इसलिए आयुर्वेद में कहा गया है कि जितने भी तरल पेय हैं उन्हें चबाकर खाना चाहिए।
  • इसका आशय है कि पानी घूँट-घूँट कर पीना चाहिए।

3-यदि आप जानना चाहते हैं कि कैसे रहें फिट व युवा तो कभी भी न पियें अत्यंत ठंडा पानी। If you want to know that How to stay fit and young, never drink extremely cold water.

 

  • तो सीधी बात यह है कि हमारे शरीर का तापक्रम हमेशा गर्म रहता है ।
  • और इस गर्मी का अर्थ ही है कि हम जीवित हैं।
  • जब व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसका शरीर ठंडा हो जाता है।
  • जो यह दर्शाता है कि शरीर को गर्म बनाए रखना कितना आवश्यक है।
  • हमने यह भी अनुभव किया है कि हमारे पूरे शरीर में हमारा पेट सबसे ज्यादा गर्म होता है।
  • और ऐसी स्थिति में जब हम अत्यंत ठंडा पानी, फ्रिज का पानी, ठंडा बरफ का पानी या वाटर कूलर का पानी पीते हैं,
  • तो ऐसी स्थिति में हमारे शरीर के अंदर विपरीत क्रिया हो जाती है।
  • पेट गर्म है और पानी ठंडा!
  • तब एक झटका सा हमारी बॉडी को मिलता है।
  • जोकि हमारे हृदय को भी तत्काल प्रभावित करता है
  • और साथ ही मस्तिष्क को भी ठंडा कर देता है।
  • ऐसी स्थिति में यदि मस्तिष्क ठंडा पड़ जाए तो व्यक्ति के जीवन की आशा समाप्त हो जाती है।
  • इसीलिए कभी भी फ्रिज का ठंडा पानी या बर्फ मिला पानी या वाटर कूलर का पानी नहीं पीना चाहिए।
  • हमेशा सामान्य तापक्रम में बॉडी के मुताबिक पानी पीना चाहिए ।
  • यदि ठंडा पानी पीना भी हो तो मिट्टी के घड़े का पानी पीना चाहिए।

4- हमेशा फिट व युवा बने रहने के लिए सुबह उठते ही तीन-चार गिलास पानी अवश्य पियें! To stay fit and young always, drink three to four glasses of water as soon as you wake up in the morning!

  • सुबह का पिया हुआ पानी हमारे शरीर में क्लींजर की तरह कार्य करता है।
  • रात भर में जितने भी विषैले तत्व आमाशय में एकत्रित हुए रहते हैं,
  • उन सब को शरीर से बाहर निकालने की शक्ति सुबह का पानी रखता है।
  • रात भर में हमारे शरीर में भोजन से कई तरह के विषैले तत्व निकलते रहते हैं और पेट में अम्ल बनता रहता है।
  • उसी प्रकार रात भर में हमारे मुख में बहुत मात्रा में लार भी उत्पन्न होती रहती है। जिसमें क्षार (नमक) होता हैं।
  • जैसे ही सुबह हम लगातार दो तीन गिलास पानी पीते हैं तो मुंह की लार जिसमें क्षार रहता है, सीधे पेट में जाती है।
  • और पेट में पैदा होने वाले अम्ल या एसिड और विषैले तत्वों से मिलकर के उन्हें बाहर निकाल देती है।
  • इस प्रकार हमारा पेट साफ हो जाता है।
  • जिस व्यक्ति का पेट साफ रहता हो उसे कोई भी बीमारी नही हो सकती।

क्यों होता है डिप्रेशन? डिप्रेशन दूर करने के 5 उपाय।

सारी बीमारियों की जड़ हमारा यह पेट ही है। और यदि “पेट सफा तो सौ रोग दफा!”

यदि इन नियमों का कठोरता से पालन करते हैं तो इसका आश्चर्यजनक परिणाम आप अपने जीवन में अवश्य देखेंगे।

अतः 40 की उम्र के बात विशेषकर इन नियमों का अनदेखा न करें।

मात्र इन 4 नियमों को अपने जीवन में पालन करते हुए हम हमेशा जवान और फिट बने रह सकते हैं।

  • इसके अतिरिक्त यदि सुबह के नाश्ते में फलों का रस,
  • दोपहर भोजन के बाद मट्ठा या लस्सी,
  • रात के भोजन के बाद दूध पीने का नियम आपको सदा स्वस्थ व फिट रहने में सहायता करेगा।
  • आपको कभी भी जिम जाने या डायटिंग करने, की जरूरत कभी नही पड़ेगी।
  • अतः इन नियमों को स्वयं भी अपनायें तथा अपने परिवार, मित्रों, प्रियजनों को भी अवश्य बताएं।

शरीर को फिट व बीमारियों से मुक्त रखने के लिए करें यह योगासन नीचे लिंक पर देखें

https://youtu.be/h0YTaspSkho

40 की उम्र के बाद भी कैसे रहें युवा व फिट! यह जानकारी आपको अवश्य फिट रहने में मदद करेगी।

अतः इसे सभी को शेयर करें ताकि प्रत्येक मनुष्य शारिरिक रूप से स्वस्थ व मजबूत बन सके।

ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए नीचे दिए लिंक पर आएं

http://Indiantreasure.in

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