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कैसे रहें फिट; कार्तिक मास में करें कोई एक उपाय !

  • निरोगी काया व सुडौल व छरहरा शरीर कौन नही पाना चाहता।
  • इस लेख में कैसे रहें फिट; कार्तिक मास में! अत्यंत ही सुलझे हुए 5 सरल उपाय आपको बता रही हूँ,
  • जिनमे से एक भी उपाय यदि आप अमल में लाते हैं,तो निश्चित ही अपने जीवन से आधी बीमारियों को दूर करने में सफल होंगे ।
  • साथ ही साथ मात्र कुछ दिनों के अभ्यास से अपने वजन और मोटापे में अंतर भी स्वयं देख पाएंगे।
  • कार्तिक मास रोगों को हरने वाला व स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद ही अनुकूल व लाभकारी महीना है।
  • अतः इस महीने के गुणकारी उपायों को अपने जीवन मे उपयोग में लाकर स्वस्थ, फिट व सुंदर निरोगी काया पाई जा सकती है।
  • कार्तिक में जितने भी व्रत नियम बताए गए हैं, वह पूर्ण रूप से स्वाथ्य को ध्यान में रखकर ही बनाये गए हैं।
  • जिनमे से अपनी जानकारी व अनुभूत किये गए कुछ विशेष नियमो को आपको भी अवगत कराती हूँ ।
  • जिसमें से जो भी आपको अपने अनुकूल लगे उसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें ।
  • जिससे आपको अवश्य लाभ पहुचेगा। तो आइए जानते है उन उपायों के बारे में;

फिट रहने के 5 उपाय


1- सूर्योदय के पूर्व स्नान –

  • कार्तिक महीने से सर्दियों की शुरुवात हो जाती है।
  • ऐसे समय मे सूर्योदय के पूर्व स्नान करना सचमुच बहुत कष्टप्रद मालूम पड़ता है।
  • किंतु इस माह में ठंडे जल से किया गया ब्रम्हमुहूर्त स्नान शरीर को नया जीवन व स्फूर्ति प्रदान करता है।
  • इससे ब्रम्हमुहूर्त स्नान के फायदे तो स्वमेव ही मिल जाते हैं।
  • इसके साथ साथ ठंडे जल के शरीर मे स्पर्श से रक्त संचार सुगमता से होने लगता है।
  • तथा रक्त के थक्के जमने की समस्या से भी छुटकारा मिल जाता है ।
  • जिस समस्या के कारण व्यक्ति वेंटिलेटर तक कि सैर कर आता है।
  • शरीर मे ऑक्सीजन की कमी नही होने पाती।
  • ठण्डा जल बॉडी में शॉक ट्रीटमेंट करता है। व शरीर के सारे अंदरूनी अवयवों को व्यवस्थित कर देता है।
  • इस तरह से शरीर की मरम्मत का काम भी कर देता है जिससे पेट व आंतो सम्बन्धी व्याधियां दूर कर देता है ।
  • तथा सबसे भयंकर कब्ज की बीमारी भी समाप्त कर देता है।

कैसे करें स्नान ? जानिए स्नान के प्रकार व फायदे ! ??https://indiantreasure.in/?p=703

2- सूर्य को जल चढ़ाना

  • आध्यात्मिकता के साथ साथ इसका शारीरिक रूप से चिकित्सकीय महत्व भी है।
  • सूर्य को जल चढ़ाने के लिए जब तांबे के लोटे में जल लेकर दोनों हाथ सिर के ऊपर ले जाते हुए, अर्पित करते हैं,
  • तो उस जल की धार से प्रविष्ट होकर सूर्य रश्मियां हमारे नेत्रों व शरीर के समस्त अंगों पर केंद्रित होती है,
  • जो नेत्रज्योतिवर्द्धक होती है ।
  • तथा शरीर मे विटामिन डी का सीधा प्रवेश होकर सम्बंधित व्याधियों को दूर करने में सहायक होती हैं।
  • तथा हड्डियों को मजबूती प्रदान करती है।
  • सुबह की गुनगुनी धूप हमारे पाचन संस्थान को दुरुस्त कर शरीर के सारे दर्दों को भी दूर करती है।

3-पथ्यापथ्य या आहारचर्या

  • कार्तिक महीने में कुछ चीजों को नहीं खाने के बारे में भी बताया गया है।
  • किंतु आधुनिकता की आड़ में बहुत से लोग इसे पिछड़ापन मानकर हंसी में उड़ा देते है।
  • यह सही है कि ऐसे कुपथ्यसेवन का असर जल्दी देखने मे नही मिलता।
  • और इसीलिए लोग ऐसे कुपथ्य को सेवन करने में बिल्कुल भी नही हिचकते। आइए जानते हैं ;

पथ्यापथ्य क्या है ?

  • आयुर्वेद की भाषा मे पथ्य अपथ्य अर्थात क्या खाएं क्या न खाएं ?
  • अपथ्य क्या है ?
  • कार्तिक में ठंड जोरो से पड़ती है तथा ठंडी ठंडी हवाएं भी चलती हैं । जो बहुत ही अहितकारी होती हैं।
  • इस महीने में वातावरण में भी बहुत ज्यादा ठंडक होती है जिसका सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है।
  • इसलिए इस महीने में ऐसी वस्तुएं जो ठंडी प्रकृति की होती उन्हें नही खाना चाहिए।
  • तम्बाकू, गोभी, कुम्हड़ा, कटहल, मूली, बेल, तरबूज, आंवला, नारियल, लौकी, परवल, बेर, मठ्ठा, गाजर, आदि।
  • उपरोक्त चीजों का सेवन नही करना चाहिए।ये सारी वस्तुएं ठंडी प्रकृति की होती हैं जो शरीर मे वात को बढ़ाती है।
  • जिससे वात के दर्द उतपन्न होते हैं ।

4- कार्तिक में दाल का निषेध

  • कार्तिक मास में किसी भी प्रकार की दालें भी खाने की मनाही रहती है।
  • प्रायः प्रत्येक घरों में दाल, चावल, व रोटी (गेहूं) इस तरह तीन अन्न एकसाथ ही खाया जाता है।
  • फल और सब्जियों की तुलना में अन्न देर से पचता है।
  • इसके अलावा एक साथ तीन अन्न की हमारे शरीर को आवश्यकता भी नही हैं।
  • वैसे तो एक बार मे एक ही अन्न खाना चाहिए किन्तु फिर भी खाना ही चाहे तो दो अन्न खा लें ।
  • किन्तु यदि फिट रहना है तो दो से ज्यादा अन्न एक साथ न खाएं।
  • हमारा भोजन सूर्य के प्रकाश में जल्दी पचता है। इसिलए सूर्य के रहते भोजन कार्य कर लेने चाहिए।
  • इसीलिए शाम का भोजन हल्का व सुपाच्य किया जाता है।
  • सर्दियों में दिन छोटे होने लगते हैं।अब अन्य भोज्य पदार्थों की तुलना में दाल देर से पचती है।
  • जिसमे मसूर व उड़द की दाल बहुत ही देर से पचती है।
  • अतः कम से कम 50 वर्ष की आयु के बाद वाले तो अवश्य ही दालों से परहेज करें।

5- तेल मालिश का निषेध

  • कार्तिक में ठंड तो रहती ही है साथ ही शीतलहर अर्थात बहुत ठंडी ठंडी हवाएं भ्य चलती है।
  • ऐसे में मालिश करने से शरीर मे ठंडक पहुंचने का बहुत खतरा रहता है।
  • अतः मालिश करने से मना किया गया है।

 

योगनिद्रा !  Yognidra ! ??https://youtu.be/y2BqizspkPU

सूर्य नमस्कार

  • किन्तु व्यायाम अवश्य करें।
  • मालिश की जगह विशेषकर सूर्यनमस्कार अवश्य करें।
  • एकमात्र सूर्यनमस्कार को करने से शरीर के सारे अंगों का व्यायाम हो जाता है।
सूर्यनमस्कार
अतः प्रकृति को ध्यान में रखते हुए कार्तिक माह में कुछ नियम बनाये गए हैं।
जिनका पालन कर हम स्वयं को फिट एन्ड फ़ाईन स्वस्थ और छरहरा रख सकते हैं।
✍️ श्रीमती रेखा दीक्षित एडवोकेट, सहस्रधारा रोड, देवदर्रा, मण्डला।
?यह आलेख पूर्णतः मौलिक व स्वरचित है।
?आपके सुझाव आमंत्रित हैं।
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11 thoughts on “कैसे रहें फिट; कार्तिक मास में करें कोई एक उपाय !

  1. बहुत ही सरल उपाय द्वारा स्वस्थ रहने की महत्व पूर्ण जानकारी देने हेतु आभार

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