सतुवाई अमावस्या में करें पितरों के लिए दान ! जी हाँ ! यह तिथि पितृदोष निवारण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है ।
बैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहते हैं। और यह तिथि पितरों की कहलाती है।
जो भी व्यक्ति पितृदोष से पीड़ित हैं उनके लिए पितरों को प्रसन्न करने का अति उत्तम कार्य अमावस्या का दान है।
अमावस्या कोई भी हो उसमें दान करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं ।
किंतु बैशाख माह की अमावस्या का विशेष महत्व है। आज इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे ;
- सतुवाई अमावस्या कब है !
- आज सतुवाई अमावस्या के दिन क्या करें !
- पितृदोष निवारण कैसे हो !
- बैशाख माह की सतुवाई अमावस्या में क्या दान करें !
- पितरों को प्रसन्न करने के क्या लाभ हैं !
- सतुवाई अमावस्या को क्या न करें !
सतुवाई अमावस्या कब है ! When is Satuwai Amavasya!
- हिन्दू माह बैशाख में कृष्णपक्ष की अंतिम तिथि सतुवाई अमावस्या कहलाती है।
- जो वर्ष 2021 में दिनांक 11 -5 -2021 को पड़ रही है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि है।
- वैसे तो बैशाख माह अपने आप में विशेष महत्व रखता है । किंतु इस माह की एकादशी, अमावस्या व पूर्णिमा विशेष पुण्य फलदायी मानी गई है।
सतुवाई अमावस्या के दिन क्या करें ! What to do on Satuwai Amavasya day!
- वैसे तो सतुवाई अमावस्या के दिन पवित्र नदियों एवं तीर्थों में स्नान का बड़ा ही महत्व है।
- किन्तु कोरोना महामारी के चलते घर मे ही स्नान के गंगाजल डालकर स्नान करें।
- स्नान के जल में काली तिल डालकर स्नान करने से घोर पापों से मुक्ति मिलती है।
- प्रातःकाल सूर्य को जल में काली तिल डालकर अर्घ्य दें। शिवजी की पूजा करें, ततपश्चात श्राद्ध करें।
सतुवाई अमावस्या को पितृदोष निवारण कैसे करें ! Satuvai Amavasya how to get rid of Pitradosh!
- पितृदोष निवारण हेतु सतुवाई अमावस्या के दिन श्राद्ध करने बड़ा महत्व है।
- अतः काली तिल जल में डालकर पितरों को जल अर्पित करें। तथा चावल के आटे का सत्तू बनाकर लोई बना के पिंडदान करें।
- चावल देवता और पितर दोनों को ही बहुत पसंद है। अतः इस प्रकार जल अर्पण करने व पिंडदान करने से पितर तृप्त होते हैं।
- और आशीर्वाद देते हैं। सतुवाई अमावस्या को ऐसा करने से पितृदोष निवारण होता है।
बैशाख माह में सतुवाई अमावस्या को क्या दान करें ! What to donate to Satuwai Amavasya in Baishakh month!
- बैशाख माह गर्मी का मौसम होता है, मौसम से बचाव से सम्बंधित सभी वस्तुएं उपयुक्त पात्र को दान में देनी चाहिए।
- जैसे; छाता, पंखा, जूता, चप्पल, व शीतलता पहुंचाने वाले सभी साधन जरूरतमंद या वेदपाठी ब्राम्हण को दान करें।
- वैशाख में जल व अन्न दान भी करना चाहिए। अतः सत्तूदान एवं विभिन्न शर्बत आदि का दान करें।
- इसके अलावा अपने घर के पितरों के पसन्द का भोजन बनाकर एक भिखारी, एक ब्राह्मण, गाय, कौवा और कुत्ता को अवश्य खिलाएं।
- ततपश्चात घर के बुजुर्गों , बच्चों व नौकरों को सम्मानपूर्वक भरपेट भोजन करावें, फिर स्वयं खाएं।
पितरों की प्रसन्नता से किस प्रकार लाभ होते हैं ! How do Pitra’s benefit from happiness!
- ऐसा माना जाता है कि प्रत्येक अमावस्या को हमारे पितर धरती पर विचरण करते हैं, और किसी न किसी रूप में अपने परिजनों से मिलने अवश्य आते हैं।
- जब वे अपने घर में पर्याप्त सुख सम्पन्नता देखते हैं और सभी का सम्मान प्रेम देखते हैं तो बहुत खुश होते हैं।
- अपने नाम से बना भोजन (ब्राम्हण, भिखारी, कौवा, कुत्ता, गाय, घर के सदस्यों, नौकरों, बच्चों या किसी अतिथि के रूप में) ग्रहण करते हैं।
- अतः कभी भी अमावस्या के दिन कोई भी द्वार पर आए
- उसका विशेष आग्रह के साथ चाय, पानी या भोजन जो सम्भव हो अवश्य कराना चाहिए।
- जिससे पितर अत्यंत प्रसन्न होते हैं तथा प्रत्येक कार्य को निर्विघ्न पूरा कराते हैं।
- हमारे घर की सुख सम्पदा में बरकत आती है, सभी निरोगी रहते हैं आपस मे कभी मनमुटाव नही होते।
- बच्चे तरक्की करते हैं, समाज मे यश सम्मान प्राप्त होता है। धनलक्ष्मी का आगमन होता है।
- इस तरह पितृदेव आकर हमारे सारे विघ्न-बाधाओं को हर लेते है और हमे उन्नति दिलाते हैं।
सतुवाई अमावस्या को क्या न करें ! What not to do on Satuwai Amavasya!
- सतुवाई अमावस्या के दिन भूलकर भी शराब, मांस जैसे अन्य कोई भी अभक्ष्य पदार्थों का सेवन न करें।
- किसी की निंदा, बुराई, चुगली न करें। बुजुर्गों व बच्चों को अपशब्द न कहें।
- किसी भी अतिथि या आगन्तुक का अपमान व निरादर न करें। घर से कोई भी भूखा न जाए न ही कोई घर में भूखा रहे।
- बैशाख की यह सतुवाई अमावस्या आपके लिए समृध्दि का द्वार खोल देती है।
निष्कर्ष ! Conclusion!
- सतुवाई अमावस्या को किया गया दान अनन्त फल देने वाला है। आज का दान पितृदेव पाते हैं जो हमारी सुख-समृद्धि को बढ़ाते हैं।
- पितृदोष निवारण हेतु इससे उत्तम कोई उपाय नही हो सकता।
- बैशाखी अमावस्या को स्नान, दान व श्राद्ध का विशेष महत्व है।
- अतः सभी को अपनी सुविधानुसार स्नान, दान व श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।
सतुवाई अमावस्या में करें पितृदोष निवारण ! में लगभग समस्त आवश्यक जानकारी आप तक पहुंचाने का प्रयास किया है।
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Sarthak jankari
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