शरीर में ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए; जानिए लक्षण कारण और उपाय ! Total Post View :- 1153

शरीर में ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए; जानिए लक्षण, कारण और उपाय !

शरीर में ब्लड प्रेशर का होना एक कॉमन प्रॉब्लम है। आमतौर पर प्रत्येक 5 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति तो शरीर में हाई ब्लड प्रेशर होते हुए भी उसे नहीं समझ पाता और अंदर ही अंदर शरीर में डैमेज होते रहते हैं ।

इसीलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। क्योंकि जब तक हम ब्लड प्रेशर को चेक नहीं कराते तब तक यह इसका कुछ पता ही नहीं चलता । क्योंकि इसका असर शरीर में छोटी-छोटी क्रियाओं या संकेतों के माध्यम से होता है । जिसे सब नहीं समझ पाते और अचानक से यह भारी नुकसान पहुंचा देता है ।

जिससे हार्ट अटैक और ब्रेन ब्लॉकेज , किडनी से सम्बंधित घटनाएं हो जाती है। अतः इसके संबंध में जानकारी रखना आवश्यक है ताकि हम समय अनुसार आवश्यक चिकित्सा प्राप्त कर सकें। आइये जानते हैं कि ब्लड प्रेशर क्या होता है? इसे कैसे नापा जाता है ? हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण क्या होते हैं ? और यह किन कारणों से होता है ? इसके बारे में डॉक्टर क्या कहते हैं।

ब्लड प्रेशर क्या होता है ?

  • सबसे पहले तो यह जान लें कि ब्लड प्रेशर होता क्या है । ब्लड जब धमनियों से होकर हार्ट की ओर जाता है ,
  • तब वह धमनियों को पुश करता हुआ आगे बढ़ता है ।
  • जिस प्रेशर के साथ यह पुश करता है उसे ही ब्लड प्रेशर कहते हैं ।
  • ब्लड प्रेशर चेक करते समय हमेशा दो रीडिंग आती है।
  • ऊपर की रीडिंग को सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर और नीचे की रीडिंग डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं।
  • जब हार्ट ब्लड को पंप करता है और यह ब्लड धमनियों में आगे बढ़ता है तब इसे सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं।
  • जब हार्ट से ब्लड वापस जाने लगता है या हार्ट रिलैक्स होता है । तब वह डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहलाता है ।

शरीर में ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए !

  • डॉक्टर के अनुसार नॉर्मल ब्लड प्रेशर अर्थात ऊपर वाली रीडिंग सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 120 से नीचे होना चाहिए।
  • और नीचे वाली रीडिंग डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 80 से नीचे होना चाहिए।
  • हाई ब्लड प्रेशर की स्टेज 1 की रीडिंग 130 से 139 सिस्टोलिक और 80 से 89 डायस्टोलिक तक होती है।
  • स्टेज 2 में सिस्टोलिक रीडिंग 140 से 190 और डायस्टोलिक रीडिंग 90 तक होती है ।
  • स्टेज 3 अर्थात हाइपरटेंशन क्राइसिस में सिस्टोलिक रीडिंग 180 और डायस्टोलिक रीडिंग 120 हो जाती है।
  • ब्लड प्रेशर हाई होने का मतलब है कि हार्ट को ज्यादा काम करना पड़ रहा है ।
  • ऐसे में हार्ट, किडनी और ब्रेन स्ट्रोक की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

शरीर में ब्लड प्रेशर ज्यादा होने के लक्षण !

  • इसके लक्षण के रूप में इसमें सिर में दर्द का होना, आंखों में देखने की प्रॉब्लम या धुंधला दिखाई देना ,
  • सीने में दर्द होना और सांस लेने में दिक्कत होना, धड़कन अचानक से तेज हो जाना ,
  • बहुत ज्यादा थकान महसूस होना, पसीना आना, घबराहट सा महसूस होना आदि ब्लड प्रेशर के लक्षण होते हैं।
  • यह सभी लक्षण बड़े ही सामान्य तरीके से शरीर में उत्पन्न होते हैं जिसे हम नहीं समझ पाते ।
  • इस तरह हाई ब्लड प्रेशर का पता ही नहीं चलता और यह हमारे शरीर में अंदर ही अंदर नुकसान पहुंचाते रहता है।
  • अतः लक्षणों को नजरअंदाज न करते हुए तत्काल उसका चेकअप करा लेना चाहिए।

ब्लड प्रेशर का कारण क्या है!

  • जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है वैसे वैसे शरीर में ब्लड प्रेशर की समस्या कॉमन हो जाती है।
  • एक अध्ययन के अनुसार 45 की उम्र पर पुरुषों को हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा महिलाओं की तुलना में ज्यादा रहता है।
  • वही 65 की उम्र होने पर महिलाओं को ब्लड प्रेशर का होने का खतरा पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा हो जाता है।
  • डायबिटीज होने पर भी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है।
  • यह समस्या जेनेटिक भी होती है। एडल्ट में वन थर्ड हाई ब्लड प्रेशर के शिकार होते हैं।
  • अक्सर स्मोकिंग, मोटापा और निष्क्रिय रहना अर्थात एक्सरसाइज नहीं करना, नमक का ज्यादा सेवन करना,
  • अल्कोहल ज्यादा मात्रा में और निरंतर लेते रहना, हमेशा तनाव में रहना ,
  • तथा जिन को खर्राटे आते हैं इन्हें ब्लड प्रेशर होने की संभावना रहती है ।
  • ज्यादा दवाइयां भी ( बर्थ कंट्रोल पिल्स, सर्दी, खांसी, जुकाम की दवाइयां खाने से, पेन किलर खाने से ) ब्लड प्रेशर को बढ़ा देती हैं ।
  • थायराइड और किडनी की प्रॉब्लम वालों को भी हाई ब्लड प्रेशर हो जाता है।

निष्कर्षतः !

इस प्रकार शरीर में ब्लड प्रेशर के लक्षण और कारणों को जानते हुए उन पर नियंत्रण के उपाय अवश्य करना चाहिए। योग्य चिकित्सक को दिखाकर चिकित्सा शुरू कर देनी चाहिए । अन्यथा यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही घातक हो जाता है।

डॉक्टरों के मुताबिक एलीमेटेड ब्लड प्रेशर अर्थात 120 से 129 सिस्टोलिक और डायस्टोलिक 80 तक नॉर्मल ब्लड प्रेशर की श्रेणी में आता है । किंतु उपरोक्त बताए गए लक्षण और कारण को यदि आप स्वयं में पाते हैं , तो आपको अपने ब्लड प्रेशर पर नजर रखनी चाहिए। तथा इसे समय-समय पर चेक करवाते रहना चाहिए । अन्यथा यह एक साइलेंट किलर है और अचानक ही जीवन का अंत कर देता है।

अतः डरे नहीं किंतु सजग रहें। शरीर में ब्लड प्रेशर से संबंधित यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अवश्य शेयर करें। और ऐसी ही छोटी किंतु महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए देखते रहे आपकी अपनी वेबसाइट

http://Indiantreasure. in

संबंधित पोस्ट भी अवश्य पढ़ें !

क्या आप जानते हैं : बुढापा रोकने के उपाय ?

कान की सफाई कैसे करें ; कभी न करें ये 4 काम !

एसिडिटी का तुरन्त और परमानेंट इलाज कैसे करें !

https://youtu.be/xsWo7o0r7Hw

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!