व्यवस्थित बनें: 10 टिप्स! Total Post View :- 1935

व्यवस्थित बनें ; 10 टिप्स !

व्यवस्थित बनें 10 टिप्स में आपको व्यवस्थित रहने  के 10 तरीके मिलेंगे। जो आपके जीवन को आसान बना देंगे।

जीवन बहुमूल्य है । और समय सभी के पास निश्चित है। प्राप्त समय में सभी कार्यों को बखूबी करना एक कला है।

जो व्यक्ति समय पर सारे कार्य करता है, वही जीवन में आगे बढ़ता है।सुव्यवस्था एक आंतरिक गुण है जिसे सीखा जाता है।

सुव्यवस्थित जीवन शैली जीवन के किसी भी पड़ाव पर सीखी जाए, वह श्रेष्ठ होती है।कहावत है-“जब जागो तभी सवेरा!”

 इस लेख व्यवस्थित बने 10 टिप्स में अपने अनुभव के आधार पर व्यवस्थित रहने के कुछ टिप्स बताऊंगी।

आशा है आप अवश्य लाभान्वित होंगे। आइए आज से ही जीवन मे व्यवस्था लाने का प्रयास करते हैं।

1- समय का मूल्यांकन कैसे करें! How Rate the time!

  • सबसे पहले आपके पास प्रतिदिन कितना समय है यह निश्चित करें। जो कि कुल 24 घण्टे ही सबके पास होते हैं।
  • 24 घंटे के समय को आप 4 विभागों में बांटे। प्रत्येक विभाग में 6 घंटे आते हैं। इस प्रकार चार विभाग होते हैं।
  • अब प्रत्येक 6 घंटे में अपनी दिनचर्या को पूर्ण करने का एक टाइम टेबल बनाएं। जो लिखित में होना चाहिए।
  • प्रत्येक कार्य को नियमित एवं एक निश्चित समय में करने की रूपरेखा तैयार करें।
  • जिसमें कार्यों को करने का क्रम उनकी उपयोगिता के हिसाब से हो। जैसे जरूरी, कम जरूरी, अनावश्यक कार्य।

2- समय का विभाजन कैसे करें! How to divide time!

  • सारे जरूरी कार्य समय के प्रथम विभाग में करें। इस समय दिमाग फ्रेश रहता है व शरीर मे भी स्फूर्ति रहती है।
  • इन चार विभागों में जरूरी कार्य, और कम जरूरी कार्यों को उपयोगिता के क्रम में रखें।
  • अब इन 6 घंटों के 4 विभागों को प्रातः काल 6:00 से हम अपनी दिनचर्या में बांध देंगे।
  • ध्यान रहे कि जो समय हमने निर्धारित किया है उस समय में निश्चित किए हुए कार्य को हमें संपन्न करना है।
  • किंतु यदि कोई कार्य किसी कारणवश उस निश्चित समय पर ना हो पाए तब उस कार्य को दूसरे घंटे में ना जोड़ें। 

3- महत्वपूर्ण कार्यों का निर्धारण! Determination of important tasks!

  • समय के चार विभाग क्रमशः ( सुबह 6 से 12), (दोपहर 12 से 6), (शाम 6 से 12), और (रात 12 से 6) होंगे।
  • अब पहला समय निर्धारण सुबह 6:00 से 12:00 बजे का करें जिसमें सारे दैनिक कार्यों को करें।
  • अब अति महत्वपूर्ण कार्यों को सुबह 6:00 से 12:00 के समय में पूर्ण करें। एवं आगे की कार्यों की एक सूची बनाएं।
  • इस प्रकार अति महत्वपूर्ण कार्यों को प्रथम प्रहर में करने से आप कभी भी जरूरी काम नहीं भूलेंगे।
  • इस तरह आप अपना फोकस पूरे दिन के अन्य कार्यों पर अच्छी तरह कर पाएंगे।

4- दूसरे पहर के कार्य कब करें! When to do the second watch work! 

  • अभी तक कार्यों का पहला प्रहर बीत चुका है अब 12:00 से 6:00 बजे के कार्यों को नियत करें।
  • इस समय में भोजन के पश्चात के कार्यों को करते हुए बचे हुए जरूरी कार्यों को शामिल करें।
  • दूसरा पहर कुछ निश्चिंतता लिए हुए हो। कुछ वक्त आराम व कुछ वक्त मनोरंजन के लिए भी निकालें।
  • इसमें दिन के लगभग सभी कार्यों को निपटा लें। शेष की लिस्ट बना लें।
  •  अपने पूरे दिन के सभी कार्यों को समेट लें। इस तरह व्यवस्थित बनें और 10 टिप्स अपनायें।

5- तीसरे पहर के कार्य निश्चित करें! Make sure the third time work!

  • इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि सूर्य की रोशनी के साथ-साथ हमारे शरीर की भी ऊर्जा कमजोर होती जाती है।
  • अतः इस अंतिम तीसरे प्रहर में मेहनत के कार्यों को कम से कम करें या बिल्कुल न करें।
  • अध्ययन, लिखा पढ़ी एवं अपने दिन भर के कार्यों का लेखा जोखा बनाएं। हिसाब किताब करें आदि।
  • अगले दिन के कार्यो की रूपरेखा बनाएं । पूरे दिन के कार्यों पर चिंतन करें। जो छूटे हुए कार्य हैं उन्हें पूरा करें।
  • अब सोने की तैयारी करें। किसी भी हालत में चौथे पहर में जागना नहीं चाहिए।

 

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6- चौथे पहर की तैयारी करें! Prepare for the fourth hour!

  • चौथा पहर अर्थात रात्रि का वह समय जब हमारा शरीर ओर हमारा मन विश्राम करता है।
  • किसी भी स्थिति में रात के 12:00 बजे के बाद न जागें क्योंकि नींद हमारे जीवन का अत्यंत अहम तत्व है।
  • नींद केवल मानसिक सुकून ही नहीं देती बल्कि दिनभर के कार्यों में हुई टूट-फूट की मरम्मत भी करती है।
  • दिनभर मानसिक रूप से जो आघात पहुंचते हैंव शारीरिक रूप से जो थकान होती है उसका एकमात्र इलाज नींद है।
  • यह 6 घंटों की नींद हमें फिर से नया जीवन देती है और दूसरे दिन के कार्यों को करने की ऊर्जा प्रदान करती है।
  • अतः स्वयं व्यवस्थित बने और 10 टिप्स जानिए।

7- कार्यों को निश्चित समय पर करें! Do the tasks at the given time!

  • प्रत्येक कार्य का एक समय निर्धारित करें । और उन कार्यों को उसके निर्धारित समय पर ही पूरा करें।
  • यदि किसी कारणवश कोई कार्य उसके निर्धारित समय पर पूरा ना हो सके तोअगले कार्य के समय को डिस्टर्ब ना करें।
  • कार्यों की करने की एक भी श्रंखला यदि प्रभावित होगी तो पूरे दिन के कार्य प्रभावित हो जाएंगे।
  • अतः छूटा हुआ कार्य, सब कार्यों को पूर्ण करने के पश्चात बचे हुए समय में करें।
  • समय और कार्य दोनों का आपस में संयोग करते हुए दिनचर्या को निर्धारित करें।

8- दिमाग को व्यवस्थित क्यों रखें!    Why Keep your mind organized!

  • अपने दिमाग को भी एक व्यवस्था में रखें। क्योंकि कोई भी कार्य पहले आपके दिमाग में पूर्ण होता है।
  • उसके पश्चात वह कार्य रूप में परिणित होता है। अतः किसी भी कार्य की हड़बड़ी दिमाग में नहीं लानी चाहिए।
  • प्रत्येक कार्य को पूरे मनोयोग के साथ उसके नियत समय पर करने से आपके सभी कार्य बखूबी पूर्ण हो जाएंगे।
  • किंतु मन में हड़बड़ी व जल्दबाजी होने के कारण वही कार्य नियत से दुगुने समय लेकर भी अच्छे से नहीं होते ।
  • अतः अपने दिमाग को निरंतर यह निर्देश देते रहे कि आपके सभी कार्य व्यवस्थित व निश्चित रूप से पूर्ण होंगे।

9- व्यवस्था को जीवन का अंग बनाएं! Make the system a part of life!

  • अव्यवस्थित व अनियमित जीवनशैली हमेशा जीवन में नकारात्मकता को लाती है अतः इससे बचें।
  • उपर्युक्त सभी बातों को ध्यान में रखते हुए धीरे-धीरे जीवन में व्यवस्था आने लगती है।
  • इसके लिए सबसे पहले आपको स्वयं को व्यवस्थित करने के बारे में सोचना होगा।
  • स्वयं में सुधार लाने की कोई उम्र नहीं होती अतः किसी भी उम्र में स्वयं को व्यवस्थित किया जा सकता है।
  • अतः व्यवस्था को जीवन का अंग बनाना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यही हमारे जीवन को सुदृढ़ करती है। अतः अंत तक पढें व्यवस्थित बनें 10 टिप्स । 

10- व्यवस्था के सुपरिणाम क्या हैं! What are the consequences of the system

  • जीवन में सुव्यवस्था के होने से प्रत्येक कार्य व्यवस्थित ढंग से पूर्ण होने लगते हैं। मन में आत्मविश्वास पैदा होता है।
  • हमारा मन मस्तिष्क शांत और सुखद अनुभूति का अनुभव करता है। प्रत्येक कार्य सफल होने लगते हैं।
  • समय का निर्धारण करने से हमें उपयुक्त नींद मिलती है ।जिससे शरीर स्वस्थ होता है एवं बीमारियां दूर होती हैं।
  • परिवार में व अपने कार्यों में सामंजस्य बनाकर सभी को वक्त दे पाते हैं। जिससे परिवार में भी सभी सुखी होते हैं।
  • सुव्यवस्था का यह बीज हमें एक सफल इंसान बनाता है, तथा श्रेष्ठता के शिखर पर पहुंचाता है।

 

सुव्यवस्थित व्यक्ति स्वयं का जीवन तो संवारता ही है। साथ ही दूसरों की भी मदद करता है। अत: व्यवस्थित बनें 10 टिप्स सीखें । 

इस आर्टिकल से आपके जीवन मे अच्छे बदलाव अवश्य आएंगे। यदि आपको यह आलेख पसन्द आये तो अपने  दोस्तों में भी इसे शेयर करें।

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✍️ श्रीमती रेखा दीक्षित एडवोकेट, सहस्त्रधारा रोड,देवदर्रा मण्डला।? यह आलेख पूर्णता मौलिक एवं स्वरचित है।

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