वात रोग का इलाज ; जानिए वात रोग में क्या खाएं, क्या न खाएं ! Total Post View :- 3139

वात रोग का इलाज ; जानिए वात रोग में क्या खाएं, क्या न खाएं !

आज हम इस आर्टिकल में आपको वात रोग का रामबाण इलाज बताएंगे । रोग के लक्षण क्या है इसमें क्या खाएं और क्या ना खाएं भी बताएंगे। हमारे बुजुर्ग बताते थे कि वात रोग रईसों की या राजाओं की बीमारी होती है।

दरअसल यह बीमारी अनियमित खानपान और अनियमित दिनचर्या का ही परिणाम है इसीलिए भी इसी राजाओं की बीमारी कहा जाता है ।

शरीर के तीनों दोष में से वात दोष के कुपित होने से लगभग 80 बीमारियां पैदा होती है।

अकस्मात आई चोट को छोड़कर शरीर में जितने भी प्रकार के दर्द होते हैं वह सभी वात दोष से उत्पन्न होते हैं जिन्हें वात रोग कहा जाता है। आइए जानते हैं इसके लक्षण;

वात रोग की पहचान या लक्षण क्या है !

  • इसमें नाखूनों का रुखा होना, बाल झड़ना, शरीर का रूखा और शुष्क होना, शरीर में सुन्नता ।
  • पिंडलियों में ऐंठन, दर्द, हृदय के आसपास सूल सा दर्द होना, आंखों में ड्राइनेस ।
  • जोड़ों में दर्द और डाइजेशन का बिगड़ना, गैस बनना, भूख कम लगना, गर्दन में जकड़न ।
  • पीरियड( स्त्रियों में मासिक धर्म का अनियमित होना तथा अत्यधिक दर्द होना।
  • मुंह सूखना, कान की जड़ में दर्द, ऊंचा सुनना, आंख का ऊपर नीचे रुकावट से झपकना।
  • हिचकी आना, मांस पेशियों में कंपकपी और मिर्गी के झटके, अर्थराइटिस, गठिया शरीर का कांपना ।
  • लकवा आदि वात रोग के लक्षण (पहचान) या उनसे उत्पन्न रोग हैं।

वात रोग में क्या खाएं (वात रोग की चिकित्सा)!

  • इसमें ब्राउन चावल, पुराने बासमती चावल, छिलके वाली मूंग दाल, गेहूं की रोटी खाएं।
  • सरसों तेल, तिल और तिल का तेल, देसी गाय का दूध, छाछ, घी, मिश्री, देशी खांड खाएं ।
  • अदरक, पुदीना, परवल, प्याज, बथुआ, लौकी, गाजर, चौलाई, सहजन फली का सेवन करें।
  • मीठे अंगूर, संतरा, फालसा, पपीता, मीठे आम, अनार खाएं।
  • अखरोट, अंजीर, बादाम खाना चाहिए यह सारी चीजें वात-रोग-हर कहलाती हैं ।
  • नियमित कसरत व योगाभ्यास वात रोग की चिकित्सा का एक अंग है।

वात रोग में परहेज (क्या ना खाएं) !

  • ठंडे पेय पदार्थ, डब्बा बंद फुड, काफी दिन पुराने तले और बेक्ड हुए बेकरी आइटम्स ना खाएं।
  • व्हाइट राइस(चावल), भुने हुए चने ,सूखे मेवे नही खाना चाहिए।
  • फूलगोभी, दालचीनी, मटर, सेम, मूली ना खाएं।
  • अरहर दाल मशरूम और मोठ वात रोग को बढ़ाने वाले होते हैं अतः इनका सेवन ना करें।
  • स्मोकिंग, ड्रग्स, शराब का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
  • वात रोग की चिकित्सा में उपर्युक्त परहेज का कड़ाई से पालन करना चाहिए।
  • अपनी लाइफ स्टाइल में परिवर्तन ला करके हम अपनी हेल्थ को स्वयं सुधार सकते हैं।

वात रोग का रामबाण इलाज !

  • जी हां ! वात रोग का रामबाण इलाज तेल है । किंतु किसी भी रिफाइंड तेल का उपयोग ना करें बल्कि कच्चा तेल ही खाएं।
  • तेल चिकित्सा के लिए सुबह पानी पीने के बाद मुख में दो चम्मच नारियल तेल और दो चम्मच पानी मिलाकर 5 मिनट तक चलाते रहे। इसे ऑइल पुलिंग कहते हैं।
  • नहाने के पूर्व तिल के तेल से 10 मिनट तक पूरे शरीर में मालिश करें। मालिश करने से तेल रोमछिद्रों से शरीर के अंदर पहुँचता है।
  • अब गुनगुने पानी से स्नान करें, उसके बाद नाक में, नाभि में, गुदाद्वार में और पैर के तलवे में सरसों तेल लगाएं।
  • दोपहर भोजन के बाद भुंजी हुई अजवाइन खाएं ।
  • सच मानिए उपर्युक्त परहेज, उचित खानपान एवं तेल चिकित्सा से कभी जीवन में यह रोग आपको नहीं सताएगा।

निष्कर्ष !

  • दवाइयां तो केवल रोग को बढ़ने से रोकती है किंतु रोगों के जन्म का कारण तो हमारे शरीर के भीतर ही मौजूद है।
  • जिससे हमें स्वयं ही दुरुस्त करना होगा। आज आपने जाना वात रोग क्या है इसकी पहचान या लक्षण क्या है।
  • वात रोग की चिकित्सा में क्या खाएं और उसके परहेज यानी कि क्या ना खाएं के संबंध में जाना।
  • साथ ही वात रोग का रामबाण इलाज तेल चिकित्सा के बारे में आपने जाना। इन बातों का ध्यान रखते हुए हम स्वयं को स्वस्थ जीवन दे सकते हैं।
  • यह जानकारी आपके लिए निश्चित ही लाभकारी होगी। पोस्ट से संबंधित अपने सुझाव हमें कमेंट बॉक्स में अवश्य भेजें।
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