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भाई दूज की कथा ; पूजाविधि व दूज का महत्व!

भाई दूज यह त्यौहार कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को मनाया जाता है। यह भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है।
इस दिन भाई बहन को साथ-साथ यमुना स्नान करना तिलक लगवाने तथा बहन के घर भोजन करना अति फलदाई होता है।
इस दिन बहन भाई की पूजा करके उसके दीर्घायु तथा अपने सुहाग की कामना कर हाथ जोड़ यमराज से प्रार्थना करती है।
इसी दिन सूर्य कन्या यमुना जी ने अपने भाई यमराज को भोजन कराया था ।इसीलिए इसे यम द्वितीया भी कहते हैं।
इस दिन भाई को स्वर्ण, वस्त्र, मुद्रा आदि बहन को देना चाहिए।

भाई दूज की कथा

कथा इस प्रकार है, सूर्य भगवान की स्त्री का नाम संध्या देवी था।
इनकी दो संतान पुत्र यमराज तथा कन्या यमुना थी।

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संज्ञा रानी पति सूर्य की किरणों को न सह सकने के कारण उत्तरी ध्रुव प्रदेश में छाया बनकर रहने लगी।
उसी छाया से ताप्ती नदी तथा शनिश्चरा का जन्म हुआ।
इसी छाया से अश्विनी कुमारों का भी जन्म बताया जाता है। जो देवताओं के वैद्य माने जाते हैं।
इधर छाया का यम तथा यमुना से विमाता सा व्यवहार होने लगा।
जिस से खिन्न होकर यम ने अपनी एक नई नगरी यमपुरी बसाई।
यमपुरी में पापियों को दंड देने का कार्य संपादित करते भाई को देखकर यमुनाजी गोलोक चली आई।
जो कि कृष्णा अवतार के समय भी थी।
बहुत समय व्यतीत हो जाने पर एक दिन सहसा यम को अपनी बहन की याद आई।

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उन्होंने दूतों को भेजकर यमुना की बहुत खोज की। मगर वह मिल ना सकी।
फिर यमराज स्वयं ही गोलोक गए जहां विश्राम घाट पर यमुना जी से भेंट हुई।
भाई को देखते ही यमुना हर्ष विभोर हो गई। स्वागत सत्कार तथा भोजन करवाया।
इससे प्रसन्न हो यमुने वर मांगने को कहा।
यमुना ने कहा यह भाई मैं आपसे यह वरदान मांगना चाहती हूं,
कि मेरे जल में स्नान करने वाले नर-नारी यमपुरी ना जाए। प्रश्न बड़ा कठिन था।
यम के यह वर देने से यमपुरी का अस्तित्व ही समाप्त हो जाता।
अतः उनको असमंजस में देखकर यमुना बोली आप चिंता ना करें।
मुझे यह वरदान दें कि जो लोग आज के दिन बहन के यहां भोजन करके,
इस मथुरा नगरी स्थित विश्राम घाट पर स्नान करें वह तुम्हारे लोक ना जाएं।

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इसे यमराज ने स्वीकार कर लिया।
इस तिथि को जो भाई ,बहन के घर भोजन नहीं करेंगे उन्हें मैं बांधकर यमपुरी ले जाऊंगा।
और तुम्हारे जल में स्नान करने वालों को स्वर्ग प्राप्त होगा। तभी से यह त्यौहार मनाया जाता है।
इस प्रकार भाई दूज का त्यौहार पुरातन काल से भाई की श्री समृद्धि एवं आयु की वृद्धि हेतु मनाया जाता है।
✍️ शीमती रेखा दीक्षित एडवोकेट देवदर्रा सहस्रधारा रोड मण्डला।
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