पादाभ्यंग (पैरों की मालिश) पारंपरिक व आसान थेरेपी!! Total Post View :- 1410

पादाभ्यंग (पैरों की मालिश) पारम्परिक व आसान थेरेपी!!

नमस्कार दोस्तों !! पादाभ्यंग (पैरों की मालिश) से करें रोगों का इलाज, यह एक पारंपरिक व आसान थेरेपी है। पादाभ्यंग का अर्थ है पैरों की मालिश! आयुर्वेद में ऐसी ही सामान्य और सुलभ थेरेपी बताई गई है। जिन्हें प्रत्येक व्यक्ति आसानी से स्वयं ही कर सकता है।

आज हम आपको पादाभ्यंग (पैरों की मालिश) थेरेपी के बारे में समस्त जानकारी देंगे। यह किस प्रकार की जाती है तथा किन किन रोगों में इसका उपयोग लाभप्रद होता है यह भी बताएंगे। यह जानकारी अधिकांश लोगों के लिए एकदम नई हो सकती है। किन्तु यह पूर्वजों द्वारा अपनाया जाने वाला एक बहुत ही साधारण व घरेलू नुस्खा है। जो बहुत ज्यादा असर कारक है। अतः ध्यानपूर्वक अंत तक इस आर्टिकल को पढें।

पादाभ्यंग (पैरों की मालिश) के फायदे!

  • यह एक पारंपरिक और आसान थेरेपी है जो अनेकों रोगों का इलाज आसान तरीके से करती है।
  • गुस्सा चिड़चिड़ापन थकान और दिमागी बौखलाहट को शांत करती है यह थेरेपी।
  • दिनभर कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल स्क्रीन पर काम करते रहने से हमारे आंखों की नमी सूख जाती है।
  • इस मालिश से आंखों की ज्योति भी तेज होती है और आंखों में नमी बरकरार रहती है।
  • यह शरीर में नमी को बना कर रखती है।
  • कांसे की कटोरी से मसाज करने से शरीर के सभी टॉक्सिंस विषैले तत्वों को बाहर निकाल देती है।
  • जिससे मालिश करते समय पैरों में कालापन आ जाता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है इससे डरने की जरूरत नहीं है।

पादाभ्यंग या पैरों की मालिश किस से रोग में किस तेल से करनी चाहिए?

  • वात रोगी तिल का तेल, घी या ऑलिव ऑइल से मालिश करें। (किसी भी एक चीज से करें)
  • पित्त रोगी नारियल तेल, घी या सरसों तेल से कर सकते हैं।
  • कफ की अधिकता होने से घी से या तिल के तेल का उपयोग किया जाता है।
  • इससे बच्चे, बूढ़े,जवान सभी कर सकते हैं। गर्भावस्था में रहने वाली माताएं भी इससे कर सकती हैं।
  • यह बिल्कुल निरापद है। यह शरीर में रक्त संचालन को दुरुस्त करके दिमाग की नसों को ठंडक पहुंचाती है।
  • इसे नियमित सोते समय करने से शरीर से पित्त रोजाना दूर होता रहता है।

पादाभ्यंग (पैरों की मालिश) कैसे करें !

  • पैरों की मालिश या पादाभ्यंग से मतलब पैरों के तलवे की मालिश करने से है।
  • इसे करने से पित्त कम होता है।
  • इसके लिए एक कांसे की कटोरी और तिल का तेल, सरसों तेल, नारियल तेल, देशी गाय का घी, या जैतून तेल ले।
  • यह सभी तेल अलग अलग रोग की चिकित्सा में काम आते हैं।
  • मालिश करने के लिए तेल को पैरों के तलवे में लगाकर कांसे की कटोरी के पिछले हिस्से से 10 मिनट रगड़ें।
  • इस तरह मसाज करने पर जब तेल सूख जाए तो उसे पूछ भी सकते हैं।
  • इसे दिन में कभी भी कर सकते हैं किंतु रात में सोते समय करने पर बहुत ज्यादा फायदा करती है।

पाठकों से निवेदन!

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