नमस्कार दोस्तों! नींद के बारे में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण और रोचक तथ्य हैं जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे। मानव शरीर का पूरा सिस्टम एक अच्छी और गहरी नींद पर आधारित है। यदि नींद पर्याप्त नहीं हो रही तो आपका जीवन नीरस और कष्टमय हो जाता है। और यदि नींद अधिकता में आ रही है तो भी आपका जीवन नीरस ही है। आयुर्वेद में नींद से भी चिकित्सा की जाती है। नींद के द्वारा आप समस्त मनोरोगों को ठीक कर सकते हैं।
आज इसी नींद के बारे में छोटी-छोटी बातें बताएंगे जिन्हें हम अक्सर इग्नोर कर देते हैं। और यही हमारी अनिद्रा का कारण बनते हैं। बहुत से लोग तो यह भी नहीं जानते कि सोने के कुछ नियम भी होते हैं। आज नींद के उन्हीं नियम के बारे में हम आपको बताएंगे। यह जानकारी हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है अतः इसे ध्यान पूर्वक अंत तक अवश्य पढ़ें।
नींद के बारे में कुछ नियम!
- बहुत छोटी छोटी बातें हैं जो हमारे बुजुर्ग हमें बताया करते थे किंतु समय के अंतराल से हम सभी उन्हें भूल चुके हैं।
- आइए आज उन्हें दोहराते हैं। जानते हैं नींद के बारे में वह कौन से तथ्य हैं।
नींद के बारे में पहला नियम!
- नींद लेते समय हमेशा घनघोर अंधेरा होना चाहिए।
- इसीलिए प्रकृति ने रात के समय ही सोने का नियम बताया है। इस समय प्राकृतिक रूप से अंधेरा विद्यमान रहता है।
- जिससे हमारे चारों ओर का माहौल सुनसान और शांत हो जाता है।
- हमारे शास्त्रों में यहां तक कहा गया है है कि नींद के समय जुगनू, चांद और तारों का प्रकाश ही मान्य है।
- इसके अलावा किसी भी तरह का आर्टिफिशियल लाइट नहीं होना चाहिए।
- किसी भी तरह का प्रकाश हमारे शरीर की छोटी-छोटी सेल्स को जागृत कर देता है।
- और ऐसी स्थिति में हमारा मस्तिष्क पूरी तरह शांत नहीं हो पाता।
- जिससे हमें पूरे दिन अनमनापन व आलस्य घेरे रहता है। और हम अनिद्रा आदि मनोरोगों के शिकार हो जाते हैं।
नींद लेने की विधि!
- सोने से पहले प्रार्थना और प्रायश्चित दोनों किए जाने चाहिए।
- नींद लेने की विधि है; इसमें सोने के समय 5 सांस बाईं करवट लेकर 10 सांस सीधे लें।
- फिर 15 सांसे दाईं करवट लेकर एक सांस सीधे लें। फिर बाईं ओर लेटना चाहिए।
- इस तरह बाईं करवट लेकर ही पूरी नींद लेनी चाहिए।
- क्योंकि हमारा आमाशय बाईं ओर होता है। जब हम दाईं करवट लेते हैं तो यह ऊपर हो जाता है।
- इस स्थिति में आमाशय में जमा भोजन छोटी आंत से बड़ी आंत में पहुंचने में असुविधा होती है।
- जिससे भोजन पचने में असुविधा होती है और एसिड मुंह में आता है,जिससे एसिडिटी होती है और नींद नहीं आती।
सोने से पहले प्रार्थना व प्रायश्चित करें!
- निद्रा देवी होती है अतः हमें सोने से पहले निद्रा देवी से प्रायश्चित व क्षमायाचना जरूर करना चाहिए।
- “हे देवी आज जो भी मनसा, वाचा, कर्मणा मेरे से भूल हुई है, उसकी पुनरावृत्ति कल नहीं होगी।
- मेरे द्वारा जो उच्च स्वर, आवेश, घृणा, उत्तेजना, ग्लानि और पाप कर्म आज जाने अनजाने में हुए हैं, वह कल नहीं होंगे।
- प्रायश्चित करने के पश्चात ईश्वर का नाम जपते हुए प्रार्थना करके ही सोना चाहिए।
- प्रणव का जाप करें या हरि ॐ तत्सत या अपने इष्टदेव का स्मरण करके सोएं।
- इस प्रकार नींद लेने से किसी भी प्रकार के दु:स्वप्न और चिंताएं नहीं घेरते हैं तथा गहरी और अच्छी नींद आती है।
- सुबह प्रफुल्लित मन से आपकी नींद खुलती है।
अंत में
- इस प्रकार नींद के बारे में यह छोटी सी किंतु अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी है जो सभी को मालूम होना चाहिए।
- अतः अपने घरों में छोटे बच्चों को और अपने मित्रों और परिजनों को इस के संबंध में अवश्य बताएं।
- हमारा एकमात्र उद्देश्य आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति जागृत करना है। ताकि सभी सुखी हों सभी निरोगी हो।
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