डिप्रेशन दूर करने के उपाय: अपनाएं आहार चिकित्सा! Total Post View :- 758

डिप्रेशन दूर करने के उपाय: अपनाएं आहार चिकित्सा!

नमस्कार दोस्तों! डिप्रेशन दूर करने के लिए यदि आप अनेकों उपचार कर चुके हैं। और उसके बाद भी डिप्रेशन दूर नहीं होता तो आप घबराएं नहीं। आयुर्वेद में निर्धारित आहार चिकित्सा को अपनाकर बड़े ही सरल तरीके से डिप्रेशन को दूर किया जा सकता है। श्रीमद्भागवत गीता में भी बताया गया है कि आहार के तरीकों में बदलाव लाकर हम अपने मन को नियंत्रित कर सकते हैं।

आज हम आपको इस डिप्रेशन की समस्या को दूर करने के आसान उपाय बताएंगे। सबसे पहले हम जान ले के डिप्रेशन क्या है? इसके लक्षण क्या है? और फिर जानेंगे इसकी चिकित्सा! यह बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी है जो आपके बहुत काम आएगी अतः इस से अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें

डिप्रेशन क्या है, इसके लक्षण क्या है?

  • मन की वह अवस्था जिसमें निराशा, कुंठा, क्रोध, चिड़चिड़ा हट और नकारात्मकता शामिल होती है।
  • उसे ही डिप्रेशन कहते हैं।
  • इस अवस्था में व्यक्ति बुझा बुझा रहता है किसी काम में मन नहीं लगता।
  • छोटी सी बातों में गुस्सा होना, तनावग्रस्त होना और नकारात्मकता पूर्ण विचार करना आदि लक्षण होते हैं।
  • कहीं बार जीवन में सब कुछ अच्छा होते हुए भी मन में निराशा और तनाव उत्पन्न होने लगते हैं।
  • दूसरों की निंदा करना, चुगली करना, बुराइयां और कमियां ढूंढना आदि भी डिप्रेशन के ही कारण होता है।
  • इसी डिप्रेशन को बड़े ही आसान तरीके से दूर करने के उपाय आयुर्वेद में बताए गए हैं।

डिप्रेशन दूर करने के लिए अपनाएं आहार चिकित्सा!

  • एक पुरानी कहावत है जैसा खाए अन्न वैसा होवे मन!
  • अर्थात हम जो खाते हैं उसका हमारे मन पर बहुत बड़ा असर होता है।
  • मन को नियंत्रित करने के लिए अपने आहार को समझना होगा।
  • श्रीमद्भागवत गीता में भी आहार तीन तरह का बताया गया है, सात्विक, राजसिक और तामसिक आहार।
  • आहार चिकित्सा इन्हीं तीन आहारों पर आधारित है।
  • मन की निराशा और डिप्रेशन को दूर करने के लिए सात्विक आहार करना चाहिए।
  • राजसिक और तामसिक आहार डिप्रेशन को और ज्यादा बढ़ाते हैं।
  • यदि आप डिप्रेशन के सारे इलाज करके थक चुके हैं तब आप 40 दिनों के लिए सात्विक आहार लेना शुरू कर दें।
  • और तामसिक और राजसिक आहारों को कुछ समय के लिए बंद कर दें।
  • कुछ हफ्तों में ही आपको इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा और आपका डिप्रेशन छूमंतर हो जाएगा।
  • तो अब जान लेते हैं कि सात्विक, राजसिक और तामसिक आहार क्या है।

सात्विक राजसिक और तामसिक आहार क्या होते हैं?

  • आयुर्वेद में कहा गया है आहार शुध्दो सत्व शुद्धि अर्थात आहार के शुद्ध होने से हमारा सब कुछ शुद्ध हो जाता है।
  • अपने जीवन में सात्विक आहार को ही प्राथमिकता दें राजसिक व तामसिक आहार ना करें।
  • यदि डिप्रेशन हो रहा हो तो ज्यादा मात्रा में सात्विक आहार लें और राजसिक आहार की मात्रा बहुत कम कर दें।
  • तथा तामसिक आहार कभी-कभी या कभी भी ना ग्रहण करें। इस तरह आप अपनी चिकित्सा स्वयं कर सकते हैं।
  • सात्विक आहार – इस श्रेणी में गाय का दूध, मलाई, मक्खन, दही, घी, पनीर, पके हुए फल, ताजी सब्जियां,
  • शहद, बादाम, पिस्ता आदि सभी ड्राई फ्रूट्स, गेहूं, चावल, मूंगफली, (बिना पॉलिस)दाल आदि सभी प्रकार के अन्न।
  • अदरक, दालचीनी, सौंफ जैसे सभी ताजे मसाले यह सभी सात्विक आहार में आते हैं।
  • इस तरह शुद्ध, ताजा, प्राकृतिक और सभी पवित्र वस्तुएं सात्विक आहार में आती है।
  • राजसिक आहार – मांस, मछली, अंडा आदि सभी मांसाहार राजसिक आहार में आते है।
  • यह मस्तिष्क को कंफ्यूज करती हैं और गुस्सा पैदा करती हैं।
  • नमक, लाल मिर्च, तीखी चटनी या हींग, अचार, सरसों व सरसों तेल, खट्टे पदार्थ, चाय, कॉफी, चीनी, तीखे मसाले
  • गाजर शलजम यह सभी राजसिक आहार में आते हैं।
  • किसी किसी पूजा में बिना नमक का भोजन खाया जाता है उसका अर्थ होता है कि पूर्णतः सात्विक भोजन हो।
  • सप्ताह में एक दिन इस तरह का बिना नमक का पूर्ण सात्विक भोजन करना चाहिए।
  • तामसिक आहार – प्याज, लहसुन, सड़ी व बासी चीजें, जली हुई और तली हुई चीजें, गौ मांस,
  • नशा- सिगरेट, शराब, भांग, तंबाकू आदि सभी तामसिक आहार कहलाते हैं।
  • अपवित्र व अशुद्ध विचारों वाले व्यक्ति द्वारा बनाया गया भोजन भी तामसिक हो जाता है।
  • कई तरह की चीजों को एक साथ खाना या चाट बनाकर खाना आदि तामसिक आहार में ही आते हैं।

डिप्रेशन दूर करने के लिए अवश्य अपनाएं!

  • जो हमेशा दूसरों की निंदा, चुगली, बुराई करते रहते हैं और जिन्हें दूसरों को देखकर ईर्ष्या, द्वेष, बैर उत्पन्न होता है।
  • तथा किसी से ज्यादा मोह पैदा हो जाए जिसे छोड़ने में दुख हो रहा हो।
  • या प्रेम में वियोग की स्थिति होने पर ऐसी स्थिति में तामसिक आहार को तत्काल बंद कर देना चाहिए।
  • ऐसे व्यक्ति प्याज, लहसुन का तत्काल सेवन बंद कर दें।और पूर्णतः 40 दिनों की आहार चिकित्सा अपनाते हुए
  • शुद्ध और पवित्रता से बना हुआ सात्विक आहार ग्रहण करें।
  • डिप्रेशन को दूर करने के लिए यह चिकित्सा बहुत ही लाभदायक है।
  • यदि आपके घर में भी कोई डिप्रेशन का शिकार है तो उसे किसी भी प्रकार की मानसिक, शाब्दिक प्रताड़ना ना दें।
  • उसके आहार को शुद्ध कर दें। कुछ हफ्तों में ही वह व्यक्ति पूर्णतया प्रसन्न चित्त और एक्टिव हो जावेगा।

अंत में!

डिप्रेशन को दूर करने के उपाय अपनाएं आहार चिकित्सा के अंतर्गत आपने जाना की डिप्रेशन क्या है? उसके लक्षण क्या हैं? और सात्विक, राजसिक और तामसिक आहार क्या है?और यह आहार किस तरह से हमारी सभी मनोरोगों को ठीक कर देते हैं।

अतः यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इससे अवश्य दूसरों को भी शेयर करें। ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए देखते रहें आपकी अपनी वेबसाइट

http://Indiantreasure. in

संबंधित पोस्ट भी अवश्य पढ़ें!

मन के नियंत्रण के 10 सीक्रेट

क्यों होता है डिप्रेशन: इसे दूर करने के 5 उपाय।

मानसिक शांति के उपाय Mental peace measures

https://youtu.be/Y8qJ_0J2qKo

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!