नमस्कार दोस्तों !! छाछ पीने के इतने अधिक फायदे हैं कि शायद ही यह किसी को नुकसान करता हो। यह वात , पित्त और कफ तीनों प्रकृति के लिए लाभदायक है । यह बारह महीने सर्दी, गर्मी व बारिश में पिया जाने वाला निरापद पेय है। छाछ का सेवन करना शरीर को एक उपहार देने के समान है ।
यह पाचन में लघु अर्थात जल्दी पचने वाला, रुचि कारक और पाचन की अग्नि को बढ़ाने वाला होता है। आयुर्वेद में भोजन के बाद पानी पीने की मनाही है। किंतु छाछ पीना उत्तम माना गया है। आइए आज आपको छाछ कैसे बनाते हैं और किस प्रकार इसका सेवन करना चाहिए या छाछ पीने के फायदे बताएंगे। यदि आपको छाछ पसंद है और आप अपनी सेहत का बहुत ख्याल रखते हैं तो यह आर्टिकल आपके बहुत काम आएगा अतः इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।
छाछ या मट्ठा किसे कहते हैं या कैसे बनाते हैं !
- पुराने समय में हमारे घर में दही को बिलो कर या मथ कर उसमें पानी मिलाकर मट्ठा बनाया जाता था ।
- जिसमें मक्खन ऊपर निकल आने पर अलग निकालकर बचे हुए पानी को ही मट्ठा या छाछ कहते थे।
- घर पर बना हुआ दही का मट्ठा अत्यंत शुद्ध होता है। अतः इसे मिट्टी के घड़े में बने दही से घर पर ही बनाना चाहिए।
- छाछ बनाने के लिए एक कटोरी दही में एक चौथाई पानी मिलाकर इसे अच्छी तरह मथकर मक्खन निकाल दें।
- दूसरी विधि में मट्ठा बनाने के लिए उतना दही लें जितना आप पचा सकते हैं।
- और उसमें ज्यादा पानी मिला दे और उसे मथ कर उसका मक्खन बाहर निकाल दें, मट्ठा तैयार है।
छाछ पीने का तरीका या सेवन से फायद !
- विभिन्न प्रकृति के रोगों में मट्ठे का सेवन अलग अलग तरीके से किया जाता है
- पित्त रोग में मट्ठा पीने का तरीका
- इसमें शरीर में गर्मी होती है पीलिया, नकसीर या ब्लीडिंग होना जैसे रोग पितरोग कहलाते हैं ।
- इन रोगों में भोजन के बाद छाछ में शक्कर डालकर पीना फायदेमंद होता है।
- कफ रोग में छाछ पीने का तरीका
- सर्दी, खांसी, दमा आदि कफ रोग कहलाते हैं
- इनमें भोजन के बाद सेंधा नमक, काली मिर्च, सोठ, छाछ में मिलाकर पीना चाहिए।
- वात रोग में छाछ पीने का तरीका
- शरीर में दर्द आदि होने पर भी छाछ पिया जा सकता है।
- केवल सेंधा नमक मिलाकर या केवल जीरा मिलाकर या
- चुटकी भर हींग मिलाकर भोजन के बाद मट्ठा पीना फायदेमंद होता है।
छाछ पीने के फायदे!
- इसके अलावा भी वात और पित्त दोनों हो तो ऐसी स्थिति में नमक वाला छाछ पीना चाहिए।
- बवासीर वालों को दिन में दो बार छाछ पीना फायदेमंद होता है।
- यूरिन रुक कर आना, यूरिन में जलन होना, पथरी और अपच, बाल झड़ना, एलर्जी होना,
- गैस आदि समस्या में छाछ का उपयोग लाभकारी होता है।
- यह आंतों की खुश्की को दूर करता है। जितना पतला छाछ होता है उतना ही यह फायदेमंद होता है ।
- छाछ पेट की कृमि को नष्ट करता है और लूज मोशन को भी बांधता है।
- यह पाचक अग्नि को बढ़ाता है और आंतों में स्निग्धता या तरावट लाता है ।
- भोजन के बाद छाछ पीने से भोजन का शीघ्र पाचन होता है ।
प्रश्न – भोजन के बाद पानी पीना मना होता है किंतु छाछ जूस और सूप पीए जाते हैं । ऐसा क्यों ?
उत्तर– पानी शामक होता है और यह पाचन अग्नि को बुझा देता है अर्थात जो पाचक रस भोजन बनाने के लिए पेट में तैयार होते हैं, उसे यह पतला कर देता है । जिससे भोजन नहीं पच पाता । किंतु छाछ में, जूस में या सूप में जो पानी मिला होता है यह मथने के द्वारा, आग में पकाए जाने के द्वारा और फलों के रस से निकले होने से पौधों के द्वारा पका हुआ होता है । अतः यह स्निग्ध होता है और पाचन अग्नि को, पाचक रसों को और बढ़ा देता है , इसीलिए भोजन के बाद सूप, जूस और छाछ पीना लाभप्रद होता है।
अब तक आप छाछ पीने के फायदे और उसे पीने का सही तरीका, विभिन्न रोगों में उस से होने वाले लाभ तथा भोजन के बाद छाछ क्यों पीना चाहिए से संबंधित समस्त जानकारी प्राप्त कर चुके हैं। ऐसी ही छोटी किंतु महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए देखते रहें आपकी अपनी वेबसाइट
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