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क्यों धोने चाहिए पैर ?

वर्तमान समय में हमारी दिनचर्या में बहुत परिवर्तन आ चुके हैं। जीवन का ढांचा पूरी तरह बदल चुका है। पुरानी परंपराएं एवं आदतें हमसे छूट गई है। ऐसा क्या था उन परंपराओं में ? और ऐसा क्या था उन आदतों में ? जिसे पुराने लोग किया करते थे। आज समय बहुत तेजी से बदल रहा है हम विकास के स्तरों को छूते जा रहे हैं किंतु विकास किस दिशा में हो रहा है ? और कितना हो रहा है ? यह जानना भी बहुत जरूरी है।

हमारे पूर्वजों ने जो नियम बनाए हुए थे और जीवन जीने का जो तरीका निर्धारित किया था, वह आध्यात्मिक होने के साथ-साथ वैज्ञानिक भी था। आज उन तरीकों पर रिसर्च हो रही है जोकि अत्यंत मूलभूत तरीके थे। उनमें से एक परंपरा पैर धोने की थी। इस परंपरा को बड़े ही सुंदर ढंग से ईश्वरीय पद प्रक्षालन से लेकर के सामान्य व्यक्तियों तक की पद प्रक्षालन को शास्त्रीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना गया था। कुछ ऐसे महत्वपूर्ण कारण है जिन्हें आज के समाज में सभी को जानना अति आवश्यक है।

पैर धोने के तरीके भी अलग-अलग हैं एवं पैर धोने का समय भी अलग-अलग है। आइए जानते हैं वह कौन सा समय और क्या तरीके हैं जिन्हें हम पैर धोने के लिए उपयुक्त समझते हैं।

पैर धोने से होने वाले लाभ –

मानव मस्तिष्क विचारों का खजाना है जिसमें निरंतर तरह तरह के विचार चलते रहते हैं। यही विचार हमारे जीवन को दिशा देते हैं और हम उस दिशा पर चल पड़ते हैं। यह दिशा सकारात्मक भी होते है और नकारात्मक की होते है। हमारा पैर धोना इसी दिशा को निर्धारित करता है। दिन में कई बार पैरों पर पानी डालने से हमारे विचारों को सकारात्मक रूप से नियंत्रित करने में अत्यंत सहायता होती है क्योंकि हमारे पैरों की नसें सीधी तंत्रिका तंत्र से जुड़ी हुई होती हैं। और पानी अत्यंत पवित्र और मन की दिशा को बदलने वाला तत्व माना गया है।

हमारे शरीर में निरंतर रक्त का प्रवाह चलता रहता है, जिससे शरीर में हमेशा गर्मी बनी रहती है और निरंतर रक्त संचरण से शरीर का ताप बड़ा हुआ रहता है । यही बढ़ा हुआ ताप जब आवश्यकता से अधिक हो जाता है तो हमारे शारीरिक अवस्था एवं मानसिक अवस्था को प्रभावित करने लगता है। मानसिक अवस्था में यह ताप आवेगो को और आवेशों को बढ़ावा देता है। वही शारीरिक तौर पर यह ताप बुखार के साथ ही अन्य बीमारियों को भी आमंत्रित करता है। किंतु जैसे ही हम पैरों पर पानी डालते हैं तो यह ताप नियंत्रित हो जाता है और हम कई तरह की बीमारी और मानसिक दुखद अवस्थाओं से स्वयं ही दूर हो जाते हैं।

कुछ अवस्थाएं ऐसी होती हैं जिसमें शरीर की गर्मी को कम किया जाकर हम जीवन में अन्य लाभ भी पा सकते हैं । जैसे भोजन करते समय हमारे पैरों पर हमेशा ठंडे पानी से धो कर ही भोजन किया जाना चाहिए, जिससे हमारी पाचन शक्ति मजबूत होती है । तलवों में जो पानी पड़ता है तो उससे हमारे शरीर की पाचन अग्नि सक्रिय हो जाती हैं और इस प्रकार भोजन जल्दी पचता है।

अध्ययन करने पूजा करने एवं सोने के समय हमें बहुत एकाग्रता व शांति की जरूरत होती है। यह तीनों ही क्रियाएं हमारे जीवन को महत्व पूर्ण रूप से परिवर्तित करने में आवश्यक होती हैं । किंतु यदि हम अव्यवस्थित मन के साथ या चिंताओं के साथ इन कार्यों को करते हैं तो समय और मेहनत लगने के बावजूद भी हम उससे पूरी तरह से लाभान्वित नहीं हो पाते।अतः हमेशा इन बातों को ध्यान रखना चाहिए कि जब भी अध्ययन करने बैठे या पूजा करने बैठे हैं या सोने जाएं उसके पहले ठंडे पानी से अपने पैरों को अवश्य धो ले, पोंछ ले, सुखा लें और तत्पश्चात इन कार्यों को करें तब इन कार्यों का दुगुना लाभ हमें प्राप्त होगा।

निरंतर चलते रहने के कारण हमारे तलवे गर्म हो जाते हैं और पैरों में तनाव उत्पन्न हो जाता है। जिससे हमारा मस्तिष्क थकान का अनुभव करता है और पूरा शरीर निढ़ाल हो जाता है । किंतु जैसे ही हम पैरों पर ठंडा पानी डालते हैं तो चमत्कारिक रूप से हमारी थकान उतर जाती है। यह वैज्ञानिक तथ्य है कि पानी जैसे ही हमारे पैरों के संपर्क में आता है, वैसे ही हमारे मस्तिष्क को ठंडक मिलती है और तत्काल पूरे शरीर की थकान मिट जाती है। इसीलिए बाहर से आने के पश्चात पैरों को धोना अत्यंत आवश्यक है।

चिकित्सा विज्ञान के अनुसार भी जब हम बाहर से आते हैं तो हमारे पैरों में बाहर की धूल और मिट्टी से कीटाणु पैरों में लग जाते हैं । इसके अलावा जो लोग जूता मोजा भी पहन कर जाते हैं , उसमें भी पसीने के कारण पैरों में कीटाणु उत्पन्न हो जाते हैं और यही कीटाणु हमें अस्वस्थ करने के लिए पर्याप्त होते हैं। इसीलिए यह भूल कदापि ना करें कि हमारे पैर गंदे नहीं है, हमने जूता मोजा पहन रखा है इसीलिए पैर धोने की आवश्यकता नहीं है यह गलत धारणा है इससे चाहे आप जूता मोजा पहन कर बाहर जाएं या आप चप्पल पहनकर बाहर जाए । किसी भी स्थिति में जाएं, लौटने के बाद में पैर अवश्य धोना चाहिए।

जब भी बाथरूम जाएं तब भी निश्चित ही पैर अवश्य धोएं। क्योंकि बाथरूम कितना भी स्वच्छ क्यों ना हो कीटाणुओं का निवास अवश्य होता है और साथ ही बाथरूम मैं एक नकारात्मक ऊर्जा वास करती है । किंतु जैसे ही हम अपने पैरों पर पानी डालकर उन्हें धो करके बाथरूम से बाहर निकलते हैं तो हमारी नकारात्मक ऊर्जा वही समाप्त हो जाती है।

यदि हम कहीं नहीं भी जा रहे हैं और निरंतर अपने घर में ही हैं, तब भी हमें अपने पैरों पर दो-तीन घंटे के अंतर में पानी से अवश्य धोते रहना चाहिए । इससे शरीर की गर्मी शांत होने के साथ ही साथ हमारी दिन भर की थकान भी दूर होती है । रक्त का संचार भी नियमित होता है और घर पर भी चलने से पसीने से और अन्य अवस्थाओं से जो कीटाणु उत्पन्न होते हैं वह भी पैरों को धोने से स्वतः ही दूर हो जाते हैं।

आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा कि वर्तमान समय में निरंतर मोबाइल के संपर्क में रहने से भी और तरह-तरह की न्यूज़ घटनाएं सुनते रहने के कारण हमारे मस्तिष्क में एक आवेग सा हमेशा बना रहता है और इन्हीं आवेगो के कारण व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है, तथा आत्म हत्याएं होती हैं खून खराबा होता है , लोग आक्रामक बने हुए रहते हैं , क्योंकि हमने अपने जीवन में पैर धोने के महत्व को समझा ही नहीं ।

एकमात्र पैर धोने के लाभ को जानकर हम अपने जीवन में निरंतर सुख, शांति और स्वास्थ्य पा सकते हैं तथा समाज में भी बदलाव ला सकते हैं। हमारी संस्कृति में भगवान तक के पैर धोए जाते हैं , इससे यह संदेश मिलता है की पैर धोने का अर्थ मात्र गंदगी या नकारात्मक को दूर करना ही नहीं एक सम्मान व प्रेम को प्रदर्शित करना भी है।

इसीलिए जब भी कभी अतिथि घर पर आते थे तो उनके पैर धोए जाते थे, ताकि धूल गंदगी और नकारात्मकता दूर करने के साथ-साथ, आपसी प्रेम सद्भाव को प्रकट किया जा सके। एवं अतिथि का सम्मान किया जा सके।

अतः संपूर्ण बातों को ध्यान में रखते हुए पैर धोने के लाभ को जानते हुए हमें अपनी जीवन चर्या में अवश्य ही इस प्रक्रिया को शामिल करना चाहिए एवं बच्चों को इसके महत्व को बताते हुए उनके जीवन में आने वाली बहुत सी परेशानियों को अति सामान्य प्रक्रिया से दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए। जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने विचार अवश्य दें एवं इसे समाज में विस्तारित / शेयर भी अवश्य करें।

?यह आलेख मौलिक एवं स्वरचित है।

✍️श्रीमती रेखा दिक्षित एडवोकेट

सहस्त्रधारा रोड देवधारा मण्डला

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17 thoughts on “क्यों धोने चाहिए पैर ?

  1. जी आप आदरणीय माता जी? से यही प्रार्थना है कि आप,
    ऐसे ही हम सभी को ऐसे उचित एवं जीवन के बहुमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें आपके सभी पोस्ट बहुत ही उत्तम ज्ञान भरे होते हैं
    आपको हमारा प्रणाम ???

  2. It’s such a simple thing yet forgotten. Good hygiene practice should be a part of ones lifestyle. Every word written here is a gem. Thankyou for sharing your knowledge.

  3. It’s such a simple thing yet forgotten. Good hygiene practice should be a part of ones lifestyle. Every word written here is a gem. Thankyou for sharing your knowledge.?

  4. It’s enriching to know the logic behind our ancient practices. Keep going!! All the best!! Thanks you.

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