आज धनतेरस पर विशेष- कैसे करें धनतेरस पूजा; यमदीपदान, आकाशदीप व खरीदी पर चर्चा करते हैं।
12 नवम्बर 2020 को वर्ष के सबसे बड़े त्योहार दीपावली का शुभरम्भ हो रहा है।
माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति हेतु आज के दिन से लेकर भाईदूज तक पांच दिनो तक दीपोत्सव व लक्ष्मी पूजा हेतु अनुष्ठान प्रारम्भ किया जाता है।
धनतेरस के दिन क्या करें!What to do on the day of Dhanteras!
- सुबह ब्रम्हमुहूर्त में उठकर गंगाजल मिश्रित जल से स्नान करें।
- पश्चात माता लक्ष्मी जी का व धन्वन्तरि जी का आवाहन करें।
- हाथ मे जल व पुष्प लेकर धनतेरस की पूजा का संकल्प लें।
- ” हे भगवती मैं आपकी प्रसन्नता हेतु पांच दिन की विशेष पूजा का संकल्प लेती / लेता हूँ । आप स्वीकार करें।
- आज के दिन ही धनवन्तरीजी समुद्र से अमृतकलश लेकर प्रकट हुए थे।
- इसीलिए धनतेरस को धन्वन्तरि जयंती भी कहा जाता है।पूजा शाम को की जाती है।
- अतः शाम 5-6 बजे जो सन्ध्या का समय होता है ।
https://indiantreasure.in/?p=375किसी भी पूजा की तैयारी कैसे करें? जानने के लिए पढ़ें!
पूजनविधि व मंत्र Rituals and mantras!
- उसमे घर पर ही स्थापित माता लक्ष्मी की प्रतिमा को या फोटो को या मिट्टी की प्रतिमा को पटे पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें।
- अब लक्ष्मी जी की षोडशोपचार विधि से पूजन करें।
- (षोडशोपचार से तात्पर्य है कि सोलह वस्तुएं जो भगवती को पसन्द है,उसे समर्पित करना)
- पूजन पश्चात कोई भी लक्ष्मी मन्त्र
1 ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
2 ॐ श्रीं
3 ॐ महालक्ष्म्यै नमः
4 सौंदर्य लहरी पाठ
5 देवी सूक्त
6 महालक्ष्मी सूक्त
7 महालक्ष्मी चालीसा
जो भी आपको सुगम लगे, वही कोई एक करें।
किसी भी मन्त्र पूजा पाठ से ज्यादा महत्व पूजा में श्रद्धा व भक्ति का होता है।
बिना श्रद्धा के की गई पूजा भगवान ग्रहण नही करते।
अतः पूर्ण श्रद्धा से मात्र 2 मिनट भगवान धनवन्तरि जी का ध्यान करें,
व माता लक्ष्मी को प्रणाम कर समस्त पूजा सामग्री अर्पित करें।
परिवार के सभी सदस्य आरती में अवश्य सम्मिलित हों इस बात का अवश्य ध्यान रखें।
दीपदान अवश्य करें!Please donate Deep!
- जिन्होंने कार्तिक माह में दीपदान न किया हो वे इन पांच दिनों में अवश्य दीपदान करें।
- मान्यता है कि इन पांच दिनों में माता भगवती पृथ्वी पर विचरण करती हैं।
- और भगवती पवित्रता , रोशनी, व सदाचारिता से जल्द ही आकर्षित होती हैं।
- अतः इन पांच दिनों में विशेषकर घर मे किसी प्रकार की अपवित्रता का प्रवेश न होने पाए।
- घर मे अपशब्दों का प्रयोग, लड़ाई-झगड़ा न करें।घर मे पूर्णतः प्रसन्नता का वातावरण रखें।
- घर के द्वार में आम या अशोक के पत्तों से तोरण लगाए।
- द्वार पर स्वच्छता कर रांगोली सजाएं।
- इन पांच दिनों में कोई भी कन्या आ जाये तो उसे मीठा (मिठाई या टॉफी) अवश्य खिलाएं।
- नए स्वच्छ धुले उजले रंगों के वस्त्र पहने।
- घर को सुगंधित रखें। सुगन्ध भी देवताओं को आकर्षित करती है।
- अतः माता भगवती को केवड़ा, गुलाब, मोंगरा आदि पुष्पों की खुशबू समर्पित करें।
- घर मे सुगन्धित इत्र को रुई में भिगोकर कोने कोने में रखें।
- एक थाली में पांच या सात दीपक लगाकर तैयार करें।समस्त दीपकों की विधिवत पूजा करें।
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यम का दीप कैसे तैयार करें?
How to prepare Yama Deep?
- यम के दीप हेतु छोटे से पात्र में या छोटे से मिट्टी के लोटे में जौ भरें।
- उसकी पंचोपचार पूजन करें।
- हल्दी कुमकुम से लोटे को टीक दें।
- अब उसके ऊपर मिट्टी के दिये में तिल्ली का तेल डालकर रक्षासूत्र के धागे को काटकर लम्बी बत्ती बना लें।
- अब इस दीपक को द्वार के एक कोने में जलाकर रखें।
- यह यमदीपक है जो यमराज की प्रसन्नता हेतु लगाया जाता है।
आकाशदीप कैसे जलाएं?How to light Akashdeep?
- आकाशदीप हेतु एक दीपक में चार दिशाओं में चार बत्तियों को जलाया जाता है।
- आकाशदीप घर के सबसे ऊंचे स्थान पर छत या मुंडेर पर रख जाता है।
- यह सुबह तथा शाम दोनों समय जलाया जाता है।
- इसे धनतेरस से दूज तक अवश्य जलन चाहिए।
- यह सुख समृद्धि, आयु, यश, कीर्ति देने वाला माना जाता है।
- इससे देवता तथा पितर दोनों ही प्रसन्न होते हैं।
आवश्यक जानकारी! Required Information!
- आज के दिन किसी को उधार न दें।
- किन्तु इन पांच दिनों के पहले ही उधारी अवश्य चुका दें।
- आज कोई भी नया समान बाजार से खरीदी की जाकर उसकी पूजा करनी चाहिए।
- आज ही के दिन झाड़ू भी खरीदी जाती है। व उसका पूजन किया जाता है।
- झाड़ू सफाई का यंत्र है। अतः नई झाड़ू की पूजा की जाती है।
- मान्यता है कि झाड़ू में माता लक्ष्मी का वास होता है। जिसका अर्थ है कि साफ सफाई में ही माता लक्ष्मी निवास करती है।
लोकल फ़ॉर वोकल का रखें ध्यान Take care of local for vocal!
- आज से ही हमे प्रधानमंत्रीजी के लोकल फ़ॉर वोकल के उद्देश्य को ध्यान रखते हुए सारी खरीदी करें।
- अपनी स्थानीय कामगारों से बनाई हुई वस्तुएं जरूर खरीदें ।
- जिससे उन्हें भी रोजगार मिलेगा तथा उनकी दीवाली रोशन होगी।
- अतः अपनी समस्त खरीदी में कुछ सामान अवश्य स्थानीय स्तर पर तैयार किया हुआ अवश्य खरीदें।
- फिर वो चाहें मसाले हो, खिलौने हो, मिट्टी के बर्तन हों, झाड़ू हों,या मिठाई या अन्य सजावटी समान क्यों न हो।
- अतः धनतेरस की अनन्त शुभकामनाओं के साथ..
- ✍️ श्रीमती रेखा दीक्षित सहस्रधारा रोड देवदर्रा मण्डला।
- ❤️यह लेख पूर्णतः मौलिक व स्वरचित है। आपके सुझाव भी आमंत्रित है।
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नमस्कार! मैं रेखा दीक्षित एडवोकेट, मैं एडवोकेट ब्लॉगर व युट्यूबर हूं । अपने प्रयास से अपने पाठकों के जीवन की समस्याओं को दूर कर ,जीवन में उत्साह लाकर खुशियां बांटना चाहती हूँ। अपने अनुभव एवं ज्ञान के आधार पर मैंने अपने ब्लॉक को सजाया संवारा है, जिसमें आपको योग ,धार्मिक, दर्शन, व्रत-त्योहार , महापुरुषों से संबंधित प्रेरक प्रसंग, जीवन दर्शन, स्वास्थ्य , मनोविज्ञान, सामाजिक विकृतियों, सामाजिक कुरीतियां,धार्मिक ग्रंथ, विधि संबंधी, जानकारी, स्वरचित कविताएं एवं रोचक कहानियां एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां उपलब्ध हो सकेंगी । संपर्क करें : info.indiantreasure@gmail.com
धन्वंतरि जयंती की अनंत शुभकामनाएं. आपके लेख से अनेक जानकारी प्राप्त हुई.
Thanks for the info!