नमस्कार दोस्तों ! आंखों को स्वस्थ रखने के घरेलू उपाय ! इस शरीर में सबसे खूबसूरत और सबसे महत्वपूर्ण अंग हमारी आंखें ही हैं। यह आंखें ही हमें सुख दुख का एहसास कराती हैं। सारे भाव और सारे रस केवल और केवल आंखों के माध्यम से हमें प्राप्त होते हैं। नेत्रहीन जीवन किसी अभिशाप से कम नहीं है।
किंतु वर्तमान समय में इन्हीं आंखों का इतना अधिक उपयोग हो रहा है की इसमें विकृतियां उत्पन्न होने लगी हैं ।छोटे-छोटे बच्चों की आंखों पर चश्मे चढ़ते हैं और आधी आयु पहुंचते तक तो नेत्रहीनों की सी जिंदगी हो रही है। यह सच है कि आंखें तो देखने के लिए ही बनी है। लेकिन उन्हें भी आराम की जरूरत है केयर की जरूरत है ।
किस समय काम लेना है और किस समय आराम देना है यह भी नियम अनुसार किया जाना चाहिए। आईये आज कुछ ऐसे ही घरेलू उपाय जो हम अपने बड़े बुजुर्गों से भी सुनते आए हैं लेकिन नजरअंदाज करते रहे। समय के साथ उन महत्वपूर्ण बातों को भूल भी गए। आज उन्हीं महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं आँखों को स्वस्थ कैसे रखें !
आंखों को स्वस्थ रखने के उपाय !
1. पढ़ते समय यह ध्यान रखें कि प्रकाश हमेशा ही सामने वह थोड़ा बाई ओर से आना चाहिए। पढ़ते समय प्रकाश सामने व थोड़ा बायीं ओर से आये ऐसी व्यवस्था करें।
पढ़ते – लिखते समय पुस्तक हमेशा 1 फीट दूर होनी चाहिए।
2. बहुत तेज प्रकाश और बहुत कम प्रकाश में पढ़ाई न करें। बहुत झुककर या लेटकर पढ़ाई न करें ।
3. बिजली या धूप की तेज रोशनी में पढ़ना ठीक नहीं। भट्टी पर, धुँए में या चकाचौंध रोशनी में कभी कार्य न करें।
इससे विटामिन ‘ए’ की कमी हो जाती है।
4. इसी तरह यात्रा करते हुए पढ़ने से और भोजन के तत्काल बाद पढ़ने से नेत्रों को हानि पहुँचती है।
5. बिना दबाव व तनाव के स्वाभाविक रूप से देखने की आदत डालें। घूर घूर कर नहीं देखें।
आंखें गड़ा कर या एकटक नहीं देखना चाहिए । बीच-बीच में पलक झपकते रहें।
6. टी.वी. कार्यक्रम, फिल्म, कम्प्यूटर, मोबाइल में स्क्रीन की ओर लगातार न देखें ।
इनके एकदम सामने न बैठ थोड़ा दूर व तिरछा बैठे। बीच-बीच में पामिंग व गर्दन का व्यायाम करें,
व आँखों पर ठंडे पानी के छींटे डालकर धोते रहना चाहिए इससे आंखों को तरावट मिलती है तथा थकान मिटती है।
आंखों को स्वस्थ रखने के घरेलू उपाय !
7. अनुचित आहार व दोषपूर्ण रक्त संचार भी नेत्र रोगों के प्रमुख कारण हैं।
आँखों के रोगों से बचने के लिए आहार-विहार के संयम द्वारा शरीर को शुद्ध व पेट को साफ रखना चाहिए।
8. भोजन में फल व हरी सब्जियों व सलाद की मात्रा अधिक रखें। अंकुरित मूंग व चने भी उत्तम हैं।
गाजर, चुकन्दर व आँवलों का रस नेत्र ज्योति हेतु उत्तम है।
19. अप्राकृतिक आहार जैसे डिब्बाबंद, प्रीजर्व, परिष्कृत व तले हुए खाद्य पदार्थों को नहीं खाना चाहिए।
10. लगातार मानसिक दबाव व तनाव बने रहने से गर्दन के पीछे की रीढ़ की हड्डी कड़ी हो जाती है व
आसपास की मांसपेशियाँ सिकुड़ जाती हैं, जो कि नेत्र दोषों का प्रमुख कारण हैं। अतः तनाव से दूर रहें।
11. चिंता नकारात्मक विचार, भय, घृणा, मानसिक तनाव, किसी दबाव आदि से मुक्त रहने का प्रयास करें।
आँख को सुंदरता हेतु करें !
12- पॉमिंग नेत्रों को सहज ही ठंडक व विश्राम देने की यह एक सर्वश्रेष्ठ विधि है।
इसमें आँखों को बिना स्पर्श किये हथेलियों से ढँका जाता है तथा उसमें आँख खोलकर अंधकार का दर्शन किया जाता है।
13. मस्तिष्क व आँखों को शिथिलीकरण तथा पॉमिंग द्वारा कार्यों के बीच में विश्राम देते रहना उत्तम है।
14. नेत्र स्नान –कागासन की स्थिति में बैठकर अथवा वॉश बेसिन पर सहज झुककर मुँह में पानी भरकर ,
आँखों मे पानी के छींटे मारकर मुंह में भरा पानी छोड़ दें। पुनः मुहँ में पानी भरकर क्रिया दोहरायें। ऐसा 3 बार करें।
ऐसा करने से नेत्र ज्योति बढ़ती है । मस्तिष्क की गर्मी दूर होने से सिरदर्द, आँखों की थकान व जलन दूर होती है।
रात्रि विश्राम के पहले इस क्रिया को करने से नींद अच्छी आती है।
सावधानियाँ – जिन्हें मोतियाबिन्द हो, हाल ही में आँखों का ऑपरेशन हुआ हो या आंखें लाल रहती हों,
वे कृपया यह नेत्र-स्नान क्रिया न करें।
आँखों को निरोगी बनाएं !
1- नेत्र स्नान करें !
1 लीटर पानी में 50 ग्राम त्रिफला, मिट्टी के बर्तन में रात को भिगोयें व
प्रातः मसलकर व छानकर नेत्र स्नान करें। अथवा हरी बोतल में रखे पानी से आँखे धोयें।
2- सूर्य स्नान करें !
सूर्योदय व सूर्यास्त की किरणों का (Visible rays) 5 मिनट तक बंद नेत्रों से धूप स्नान लेना
दृष्टिदोषों को दूर करने में सर्वोत्तम उपाय है। इसके बाद पॉमिंग व ठंडे पानी के छींटों द्वारा नेत्र स्नान करें।
3- जल-नेति करें !
नेत्रों की ज्योति व स्वास्थ्य के लिये यह सर्वोत्तम है। इसे सीखें व करें। सप्ताह में एक बार करना पर्याप्त है।
4- आँखों के लिए व व्यायाम करें !
आँखों के तथा गर्दन के विभिन्न व्यायाम सीखे व नियमित करें।
5- आसन करें !
नेत्र रोगों को दूर करने में सर्वांगासन, योगमुद्रासन, हस्तपाद शिरासन चक्रासन, शीर्षासन, आदि बहुत उपयोगी आसन हैं।
6- प्राणायाम करें !
नाड़ी शोधन व भस्त्रिका प्राणायाम उपयोगी हैं। इन्हें सीखे व करें।
7- त्राटक क्रिया करें !
किसी ज्योति बिंदु या काले बिंदु पर नेत्रों को स्थिर करें। पाँच मिनट से प्रारम्भ कर 30 मिनट तक अभ्यास बढ़ायें।
इससे नेत्र ज्योति कई गुना बढ़ जाती है।
आंखों को स्वस्थ रखने के लिए निम्न उपाय करें !
8- खुद को तनाव मुक्त रखें !
सकारात्मक विचारों द्वारा मन मस्तिष्क को स्वस्थ व तनाव मुक्त रखें।
9- सुबह टहलने का नियम बनाएं!
प्रातः हरी घास पर नंगे पैर आधा घंटा टहलें तथा हरियाली दर्शन करें।
10- तलवों में मालिश करें !
रोज प्रातः व रात्रि में पावों के तलवों की तिल या सरसों के तेल से मालिश करें।
11. सफाई का ध्यान रखें !
मैले हाथों या गंदे कपड़े से आँखों को कभी न पोंछे या मलें।
दाँतों के स्वास्थ्य व सफाई पर भी ध्यान दें। दाँत मजबूत होंगे तो नेत्र ज्योति भी तेज होगी।
यथासम्भव ठंडे जल से स्नान करें। नेत्रों हेतु लाभकारी है।
सौंफ बारीक चूर्णकर उसमें बराबर भाग मिश्री या चीनी पाउडर मिलाकर रख लें।
रात्रि सोने से पहले एक चम्मच लें। यह नेत्र ज्योति के लिए उत्तम है।
अलसी के 30-40 दानों को कूटकर सेवन करना चाहिए।
आंखों को स्वस्थ रखने के लिए उपर्युक्त बताए गए सभी उपायों को पालन करना चाहिए। सभी यदि ना कर सके तो ज्यादा से ज्यादा उपायों को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करना चाहिए ताकि हमारी आंखें स्वस्थ और सुंदर, चमकीली बनी रह सके।
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