पदमासन के चमत्कारी लाभ व करने का तरीका ; योगासन योगाभ्यास की प्रथम सीढ़ी है। ये शारीरिक स्वास्थ्य को तो सुधारते ही हैं। शारिरिक पुष्टि एवं रोग निवारण में भी महत्वपूर्ण योगदान करते हैं।
हमेशा शुरुवात में सरल आसन ही करने चाहिए। जब उनमें सफलता मिल जाये तब कठिन आसन करने चाहिए। कोई भी आसन कठिन नहीं होता। नियमित अभ्यास से उसे साधा ज सख्त है।
आज हम आपको बैठकर किये जाने वाले आसनों में हमेशा जरूरत पड़ने वाले आसन पदमासन के चमत्कारी लाभ व करने का तरीका बताएंगे। पदमासन दो प्रकार के होते हैं, 1 – पदमासन, 2- बद्धपदमासन।
आइए जानते हैं पदमासन के चमत्कारी लाभ व करने का तरीका –
पदमासन के चमत्कारी लाभ व करने का तरीका
करने का तरीका
- किसी समतल स्थान पर कम्बल, चटाई आदि बिछाकर अथवा घास पर बैठकर बाँये पाँव को उठाकर दायीं जंघा पर रख लें।
- इस स्थिति में बैठे हुए मेरुदण्ड को एकदम सीधा कर लें, फिर दोनों हाथों को दोनों घुटनों पर रखें
- अथवा दोने जैसा बनाकर जाँघो के मध्य भाग में रख लें।
- इसके पश्चात् अपने इष्टदेव का स्मरण करें। उक्त स्थिति में 5 से 10 मिनट तक रहें ।
- आरम्भ में कुछ लोगों, विशेषकर मोटे आदमियों को यह आसन लगाने में कठिनाई होती है,
- परन्तु कुछ दिनों तक नित्य अभ्यास करते रहने से इसे करना सम्भव हो जाता है।
पदमासन के चमत्कारी लाभ
- यह आसन मेरुदण्ड को सबल तथा कमर के निम्न भाग की नसों और नाड़ियों को लचकदार एवं पुष्ट बनाता है।
- इससे पाचन शक्ति की वृद्धि होती है तथा कब्ज, गठिया, फाइलेरिया एवं फील-पाँव आदि रोग दूर होते हैं।
- माँस-पेशियाँ मुलायम हो जाती हैं। इस आसन में बैठकर भ्रू-मध्य-भाग में ध्यान करने से चित्त के एकाग्र होने में सफलता मिलती है।
2- बद्धपदमासन के चमत्कारी लाभ व करने का तरीका
बद्ध पदमासन करने का तरीका
- पूर्वोक्त पद्मासन की स्थिति में बैठें,
- फिर दाँये हाथ को पीठ के पीछे से लाकर उसके द्वारा बाँये पाँव को
- तथा बाँये हाथ को पीठ के पीछे से लाकर उसके द्वारा दाँये पाँव का अंगूठा पकड़ लें।
- तत्पश्चात् आँखें बन्द करके भू-मध्य के बीच ध्यान को एकाग्र करें।
- इस अभ्यास को 2 से 5 मिनट तक करें।
टिप्पणी – प्रारम्भ में पूर्वोक्त प्रकार से पाँव के अँगूठे पकड़ने में कुछ कष्ट का अनुभव होता है, परन्तु नियमित अभ्यास से यह कठिनाई भी दूर हो जाती है।
बद्ध पदमासन के चमत्कारी लाभ
- इस अभ्यास से छाती चौड़ी होती है,
- थायराइड ग्रन्थि ठीक काम करती है ।
- हाथ, गर्दन, कन्धे, पीठ, जाँघ तथा टखने की माँस पेशियाँ लचकदार बनती हैं।
- यह शारीरिक दुर्बलता एवं घुटने, कन्धे तथा पीठ के दर्द को दूर करता है।
- जो लोग बैठकर ही घण्टों तक काम करते रहते हैं, उनकी थकान दूर करने का यह सर्वोत्तम साधन है।
अंत मे
आशा है आपको पदमासन के चमत्कारी लाभ व करने का तरीका सम्बन्धी लेख अवश्य पसंद आया होगा। उक्त उपयोगी जानकारी दे पाना हमारी Research Team के कारण सम्भव हो पाया है।
आगे भी आप योगासन सम्बन्धी जानकारी पा सकेंगे। इज़के पूर्व भी आपको शवासन / योगनिद्रा से सम्बंधित विस्तृत जानकारी दी गई है। अवश्य लाभ उठावें।
लेख को अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद
नमस्कार! मैं रेखा दीक्षित एडवोकेट, मैं एडवोकेट ब्लॉगर व युट्यूबर हूं । अपने प्रयास से अपने पाठकों के जीवन की समस्याओं को दूर कर ,जीवन में उत्साह लाकर खुशियां बांटना चाहती हूँ। अपने अनुभव एवं ज्ञान के आधार पर मैंने अपने ब्लॉक को सजाया संवारा है, जिसमें आपको योग ,धार्मिक, दर्शन, व्रत-त्योहार , महापुरुषों से संबंधित प्रेरक प्रसंग, जीवन दर्शन, स्वास्थ्य , मनोविज्ञान, सामाजिक विकृतियों, सामाजिक कुरीतियां,धार्मिक ग्रंथ, विधि संबंधी, जानकारी, स्वरचित कविताएं एवं रोचक कहानियां एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां उपलब्ध हो सकेंगी । संपर्क करें : info.indiantreasure@gmail.com